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संक्रांति पूजा में कहीं कुछ छूट न जाए, जनिए मुहूर्त, पूजाविधि और तिल गुड़ का महत्व

संक्रांति पूजा में कहीं कुछ छूट न जाए, जनिए मुहूर्त, पूजाविधि और तिल गुड़ का महत्व

by गोपाल चतुर्वेदी
in जनवरी- २०२१, ट्रेंडींग, विशेष, सामाजिक
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मकर संक्रांति का महत्व

मकर संक्राति हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान और दान किया जाता है। इस त्यौहार का नाम मकर संक्रांति कैसे पड़ा है? दरअसल सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है और जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो उसे मकर संक्रांति कहा जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह मकर संक्रांति का त्यौहार ज्यादातर 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देवता धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते है। हालांकि कभी कभी यह त्यौहार दो दिनों में भी विभाजित हो जाता है और इसे 14 और 15 जनवरी दोनों दिन मनाया जाता है।

मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में जितने भी त्यौहार मनाए जाते है उनका एक शुभ मुहूर्त होता है। धर्म ज्ञानी पंडितों के बताए अनुसार समय पर ही पूजा पाठ और दान किया जाता है। इस प्रकार से ही मकर संक्रांति का भी हर साल एक शुभ मुहूर्त होता है और उसी समय पर पूजा पाठ किया जाता है। साल 2021 के मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त 14 जनवरी सुबह 8.30 बजे से लेकर शाम 5.46 बजे तक का है इस समय में ही आप को स्नान, दान और पूजा पाठ करना चाहिए इससे यह ज्यादा फलदायी होता है।
 
मकर संक्रांति पूजा-पाठ की विधि 
पंचाग के अनुसार दिये गये समय पर किसी पवित्र नदी या संगम पर स्नान करना बहुत ही लाभदायी होता है लेकिन अगर आप नदीं में स्नान नहीं कर पाते है तो घर पर ही स्नान वाले जल में गंगा जल का मिश्रण जरुर कर लें। गंगा जल से स्नान करना इस दिन फलदायी माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद सबसे पहले चावल और उरद को हाथ लगाया जाता है और फिर सूर्य सहित सभी 9 ग्रहों की पूजा की जाती है। इसके बाद गरीब और ब्राह्मण को दान दिया जाता है। इस दिन खिचड़ी का भी सेवन करना जरूरी होता है इसलिए इसे खिचड़ी का भी त्यौहार कहा जाता है। 
मकर संक्रांति पर्व के दिन ही माघ मेले की शुरुआत होती है और इसी दिन महास्नान भी होता है। हर 12 साल में एक बार महाकुंभ भी लगता है जिसमें करोड़ो की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुंचते है। साल 2021 का महास्नान हरिद्वार में लगने वाला है। मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद तिल, गुड़ और लाई-चूरा खाया जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जनवरी में ठंड बहुत ज्यादा होती है इसलिए तिल और गुड़ खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है इससे शरीर में उर्जा और गर्मी उत्पन्न होती है। 

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गोपाल चतुर्वेदी

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Comments 1

  1. thejhapost says:
    4 years ago

    हिंदी विवेक को नमन,

    नए साल की और मकर संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएं

    कुछ देर पहले आपका लेख पढ़ा।

    इतनी विस्तृत जानकारी पढ़ अच्छा लगा।

    तदुप्रांत अगर आप कुछ समय निकाल के मेरा लेख भी पढ़े और तिल की लड्डू की विधि देखने हेतु मेरा YouTube चैनल देखे।

    https://thejhapost.wordpress.com/2021/01/11/makar-sankranti-and-its-values-for-hindus-in-the-world/

    धन्यवाद,
    The Jha Post

    Reply

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