देश की रक्षा के लिए सेना जितनी जरूरी है उतना ही रक्षा उपकरण भी जरुरी है क्योकि सेना बिना हथियार के कोई भी जंग नहीं जीत सकती है। हम जैसे सेना दिवस मनाते है वैसे ही हम ‘आयुध निर्माण दिवस’ भी मनाते है। देश में हर साल 18 मार्च को आयुध निर्माण दिवस मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर पूरे देश में अलग अलग स्थानों पर रक्षा उपकरणों की प्रदर्शनी लगायी जाती है। आयुध निर्माण दिवस के दिन सशस्त्र बलों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले हथियारों को सुनिश्चित किया जाता है।

देश में सबसे पहले 18 मार्च 1802 को कोलकाता में आयुध फैक्ट्री का उत्पादन शुरु किया गया था। ऑर्डनेंस फैक्ट्री, फील्ड गन फैक्ट्री, स्माल आर्म्स फैक्ट्री और ऑर्डिनेंस पैराशूट फैक्ट्री के लोग इस दिन को बड़े ही धूमधाम से आयुध कारखानों में मनाते है जिसमें सभी प्रकार के कर्मचारी भाग लेते है। आयुध निर्माण दिवस के दिन पूरे देश में गोला, बारूद, बंदूक, राइफल्स, तोप और आर्टिलरी गनों का प्रदर्शन किया जाता है।

आयुध निर्माण विभाग एक भव्य औद्योगिक संरचना है जो रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है। कोलकाता में स्थित आयुध निर्माण फैक्ट्री की स्थापना 1775 में हुई थी और कोलकाता के अयोध्या भवन को इसका मुख्यालय बनाया गया था। ओएफबी में 41 आयुध कारखाने, 9 प्रशिक्षण संस्थान, 3 क्षेत्रीय विपणन केंद्र और 5 क्षेत्रीय सुरक्षा नियंत्रक शामिल है। रक्षा उत्पाद विभाग ही आयुध निर्माण संगठनों सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों और स्वायत्त संस्थाओं की देखरेख करता है। ओएफबी (Ordnance Factory Board) विश्व का 37वां सबसे बड़ा रक्षा उपकरण बनाने वाला निकाय होने के साथ साथ एशिया का दूसरा सबसे बड़ा आयुध निर्माण विभाग है।
आप को बता दें कि भारतीय आयुध कारखाना देश की तीनों सेनाओं थल सेना, जल सेना और वायु सेना के रक्षा उत्पादों की आपूर्ति करता है इसलिए ही इसे भारतीय सेना का Fourth arms of defence कहा जाता है। ओएफबी द्वारा तैयार किये गये तमाम हथियार, गोला, बारूद, पैराशूट, केमिकल्स और रक्षा उपकरणों को दुनिया के करीब 30 देशों को निर्यात भी किया जाता है।