RSS से जुड़े प्रसिद्ध व्यवसायी व जालान सत्तू के मालिक ज्ञानू जालान का कोरोना से निधन

झारखंड के प्रतिष्ठित व्यवसायी, जालान सत्तू के मालिक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यकारिणी सदस्य व रांची विभाग के पूर्व संघचालक ज्ञान प्रकाश जालान उर्फ ज्ञानू जालान (68) का नई दिल्ली में सोमवार की सुबह निधन हो गया। उनके निधन पर पूरा संघ परिवार मर्माहत है। व्यवसायी जगत में भी शोक की लहर है। ज्ञानू जालान के कोरोना संक्रमित होने के बाद रांची के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्थिति में सुधार नहीं होने के बाद उन्हें एयर एंबुलेंस से 25 दिन पहले दिल्ली ले जाया गया, जहां एम्स में इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी हालचाल जाना था।

सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले भी नजर रखे हुए थे। कोरोना संक्रमण मुक्त होने के बाद भी फेफड़ा में संक्रमण था। सोमवार की शाम दिल्ली से शव रांची लाए जाने के बाद कांके रोड स्थित आवास से शवयात्रा हरमू मुक्तिधाम के लिए निकली जहां पर दाह संस्कार कर दिया गया। पुत्र भानु जालान भाजपा में आइटी सेल के प्रांत संयोजक हैं। ज्ञानू जालान विश्व हिंदू परिषद, वनवासी कल्याण केंद्र, विकास भारती, एकल अभियान, विद्या भारती जैसे अनुषांगिक संगठनों के भी संरक्षक थे।

संघ के साथ-साथ सभी अनुषांगिक संगठनों की चिंता करते थे ज्ञानू जालान

ज्ञानू जालान संघ के साथ-साथ अनुषांगिक संगठनों की भी चिंता करते थे। जब भी किसी संगठन को जरूरत पड़ी वे हमेशा खड़ा रहते थे। ज्ञानू जालान के निधन पर झारखंड के प्रांत संघचालक सच्चिदानंद लाल अग्रवाल ने कहा कि संघ ने एक संगठनकर्ता खो दिया। सह प्रांत संघचालक अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे स्वयंसेवक. बहुत कम ही मिलते हैं जो संघ के साथ साथ सभी अनुषांगिक संगठनों की चिंता करते हो। जब भी किसी अनुषांगिक संगठनों को मदद की जरूरत पड़ी वे हमेशा तैयार रहते थे।

विकास भारती के सचिव अशोक भगत ने कहा कि मैंने अपना सच्चा हितैषी खो दिया। वे संस्था की स्थापना काल से जुड़े थे और हमेशा चिंता करते रहते थे। एकल के संस्थापक श्याम जी गुप्त ने कहा कि एकल को आगे बढ़ाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था, जिसे संगठन कभी भूला नहीं सकता। भाजपा के पूर्व सांसद रवींद्र राय ने कहा कि जानू जालान विचार धारा के संरक्षक थे। कई मौकों पर वे संकटकालीन द्वार थे। संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्रीशदेव पुजारी ने कहा कि समाज के छाया देने वाला वृक्ष नहीं रहा। झारखंड प्रांत के प्रचारकों का पालक चला गया। उत्तर बिहार के प्रांत प्रचारक रविशंकर ने कहा कि झारखंड में संघ ने एक अभिभावक खो दिया। ऐसा अभिभावक बिरले ही मिलते हैं।

इन्होंने भी जताया शोक

जानू जालान के निधन पर आरएसएस के सह सरकार्यïïवाह रामदत्त चक्रधर, क्षेत्र प्रचारक रामनवमी प्रसाद, सह क्षेत्र प्रचारक रामकुमार, क्षेत्र संघचालक देवव्रत पाहन, क्षेत्र संपर्क प्रमुख अनिल ठाकुर, प्रांत प्रचारक दिलीप कुमार, प्रांत कार्यïवाह संजय कुमार, सह प्रांत कार्यवाह राकेश लाल, क्षेत्र सेवा प्रमुख अजय कुमार, प्रांत संपर्क प्रमुख राजीव कमल बिïट्टू, प्रांत प्रचार प्रमुख धनंजय सिंह, सह प्रांत प्रचार प्रमुख संजय आजाद, प्रदीप कौशिक, रांची महानगर संघचालक पवन मंत्री, एकल अभियान के ललन शर्मा, प्रांत सह बौद्धिक प्रमुख हरिनारायण, अभाविप के निखिल रंजन व याज्ञवल्य्क शुक्ल, वनवासी कल्याण केंद्र के प्रणय दत्त, सुबोध सिंह गुड्डू, विश्वनाथ नारसरिया, रजनीश गिरी शशि कुमार आदि ने शोक व्यक्त किया है। निधन की खबर सुनते ही सुबह से ही इंटरनेट मीडिया पर शोक संदेह भेजने वालों का तांता लगा रहा है।

विद्या भारती व विहिप ने भी जताया शोक

ज्ञानू जालान के निधन पर विद्या भारती और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने भी शोक जताया है। वे आदित्य प्रकाश जालान बीएड कालेज व सरस्वती विद्या मंदिर के संरक्षक भी थे। विद्या भारती झारखंड से 1992 से जुड़े थे। उनके निधन पर क्षेत्र संगठन मंत्री ख्याली राम, क्षेत्र मंत्री रामअवतार नारसरिया, सचिव मुकेश नंदन व अजय तिवारी ने शोक जताया है। ïïवहीं विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री केशव राजू ने कहा विहिप के लिए बड़ी क्षति है। इसके साथ ही प्रांत अध्यक्ष पंचम सिंह, देवी सिंह, बीरेंद्र साहू, वीरेंद्र विमल, गंगा प्रसाद यादव, चंद्रकांत रायपत, अजय अग्रवाल सहित कई लोगों ने शोक जताया है।

अपर बाजार से व्यवसाय शुरू कर पूरे देश में जालान सत्तू के नाम से किया स्थापित

ज्ञानू जालान प्रारंभ से ही मिलनसार स्वभाव के साथ बड़े मिहनती थे। सत्तू के जिस व्यवसाय को 1952 में उनके पिता शंकर लाल जालान ने अपर बाजार से चक्की बेसन से प्रारंभ किया था, आज पूरे देश में जालान सत्तू के नाम से स्थापित हो चुका है। रांची के साथ-साथ आज हजारीबाग और वाराणसी में भी मिल है। पुत्र भानू जालान ने बातचीत में कहा कि बाबा शंकर लाल जालान चक्की में बेसन पीसकर बेचा करते थे।

एक छोटा सा खपरैल घर था। क्वालिटी ठीक होने के कारण मांग बढऩे लगी। पिताजी ने 1983 में सत्तू का पहला मिल स्थापित किया। धीरे-धीरे व्यवसाय बढऩे लगा। उसके बाद 2001 में, फिर 2003 में मिल स्थापित किया। आज झारखंड के साथ-साथ पूरे देश में जालान सत्तू की मांग है। सत्तू के साथ-साथ चना का भुजा व बेसन की बिक्री होती है। रांची, हजारीबाग और वाराणसी में मिल स्थापित है। सत्तू के बाद पिताजी ने ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में व्यवसाय शुरू किया। अभी कोलकाता में हुंडई की एजेंसी और ओडिशा के राउरकेला में टाटा मोटर्स और होंडा टूव्हीलर की एजेंसी है।

This Post Has One Comment

  1. Prashant

    भावपूर्ण श्रध्दांजली🙏💐

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