आर्थिक सुधारों में अव्वल

मोदी सरकार ने कई क्षेत्रों में आर्थिक सुधारों के लिए कदम उठाए हैं| इसका परिणाम यह हुआ कि भारत तेजी से बढ़ने वाली विशाल अर्थव्यवस्था बन गया है| वर्ष २०१४-१५ में जीडीपी विकास दर ७.२% थी, जो वर्ष २०१५-१६ में ७.६% को पार कर रही है| अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारतीय अर्थव्यवस्था की सराहना की है| महंगाई को नियंत्रण में रखते हुए चालू खाते का घाटा एवं वित्तीय घाटा कम करने में सफलता मिली है| मूल्यों में लगभग स्थिरता का उपभोक्ताओं को लाभ प्राप्त हो रहा है| वर्ष २०१५ में औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक ४.९१% के करीब रहा| मई २०१६ में भारत के पास सर्वोच्च ३६२ मिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी मुद्रा कोष था|

 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

विश्‍व में मंदी की हवा के बीच भारत सीधे विदेशी निवेश को आकषित करने वाला प्रथम क्रमांक का देश रहा है| राष्ट्रसंघ विदशी निवेश रिपोर्ट २०१५ के अनुसार भारत का क्रम १५ के बजाय ७ पर अर्थात बेहतर स्थिति में आ गया| प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में तेज सुधारों एवं उदारीकरण के कारण अर्थव्यवस्था के १७ क्षेत्र प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खुल गए हैं| रेल्वे, रक्षा, बीमा एवं मेडिकल उपकरण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की आकर्षक छूट दी गई है| विमान सेवाओं, खाद्यान्न रिटेल, छोटे हथियारों की निर्मिति, डीटीएच, केबल नेटवर्क, टेलीपोर्ट आदि में शतप्रतिशत विदेशी निवेश में की छूट दी गई है| निजी सुरक्षा एजेंसियां ७४% विदशी निवेश पा सकेंगी| वर्तमान दवा कम्पनियों में भी ७४% विदेशी निवेश हो सकेगा| देश में रोजगार की निर्मिति के लिए सरकार ने ये कदम उठाए हैं|

आसान कारोबार

दिवालिया स्थिति के तेजी से निपटान की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसमें कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाएगी| उद्यमशीलता को प्रोत्साहन दिया जाएगा| ॠण बाजार के कार्यों में भारी सुधार किया गया है| कारोबार करना आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं| भारत की श्रेणी में सुधार होकर १२वे स्थान पर आ गया| उद्योग आधार ज्ञापन में पंजीयन प्रपत्र आसान बनाकर एक पृष्ठ का किया गया| आयात-निर्यात के लिए दस्तावेजों की संख्या ७ ये घटाकर ३ कर दी गई| औद्योगिक लाइसेंस पाने की प्रक्रिया सरल की गई है| गृह मंत्रालय से सुरक्षा अनुमति की वैधता की अवधि अब ३ वर्ष की होगी| २० सरकारी सेवाएं ई-आधारित होने से काम करना सरल हो गया है| पर्यावरण एवं वन विभाग की अनुमति अब ऑन-लाइन प्राप्त होगी| श्रम सम्बंधी समस्याओं, भविष्य निधि एवं कर्मचारी राज्य बीमा योजना के लिए ऑन-लाइन पोर्टल शुरू किया गया है|

 बैंकिंग क्षेत्र

बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद सब से बड़े पैमाने पर आर्थिक सुधार किए जा रहे हैं| वित्तीय सेवा क्षेत्र में कार्यरत सक्षम सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को बढ़ने एवं स्पर्धा करने के अवसर प्राप्त होंगे| ॠण देने एवं कर्मचारियों के मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप खत्म हो गया है| ‘हस्तक्षेप रहित नीति’ को लागू करने के लिए बैंक ब्यूरो का गठन किया गया है| १९६९ के बाद पहली बार कुछ सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में निजी पेशेवर नियुक्त किए गए हैं| बैंकों की संख्या न बढ़ाकर उनके सशक्त, अधिक सक्षम बैंकों में विलय की पहल की गई है|

 स्पेक्ट्रम, कोयला, एफएम चैनल नीलामी

विभिन्न स्पेक्ट्रमों की पारदर्शी प्रक्रिया के साथ नीलामी की गई| स्पेक्ट्रम नीलामी से १,०९,८७४ करोड़ रु. की आय हुई| कोयला ब्लॉकों की ई-प्रणाली के जरिए पारदर्शी नीलामी की प्रक्रिया चलाई गई| पूर्ववर्ती सरकार के दौरान इन ब्लाकों के आबंटन में भ्रष्टाचार हुआ था, जिसे अब पूरी तरह खत्म कर दिया गया है| इससे राज्यों को ३०४४ लाख करोड़ रु. का राजस्व प्राप्त होगा| खनिज पदार्थों की नीलामी से १२,९९४ करोड़ रु. की आय हुई| इस नीलामी से भविष्य में सरकार को विभिन्न माध्यमों से और १४,८५५ करोड़ रु. की आय होगी| निजी एफएम चैनलों को भी ई-बोली से आबंटित किया गया| रिजर्व मूल्य से ११०% अधिक राशि ११५६.९ करोड़ रु. प्राप्त होने का अनुमान है|

 टैक्स रिफंड

टैक्स रिफंड में तेजी लाई गई| २०१३-१४ में जहां ८९,६६४ करोड़ रु. के कर रिफंड जारी किए गए, वहीं २०१५-१६ में २.१ करोड़ मामलों में १,२२,४०५ करोड़ रु. के कर रिफंड जारी किए गए|

 भवन निर्माण विधेयक

भवन निर्माण विधेयक को मंजूर किया गया है, जिसके तहत कारोबार को अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा और आवास खरीदी करने वालों को और अधिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी| विधेयक के अंतर्गत नए नियम भी जारी किए गए हैं और राज्यों से प्राधिकरण की स्थापना के लिए कहा गया है| कारखाना कानून, १९४८ में समयानुकूल संशोधन प्रस्तावित है और इस विषय में सभी सम्बंधित पक्षों से विचार-विमर्श चल रहा है|

 डाकघर एटीएम

मार्च २०१७ तक इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की स्थापना की जाएगी| इसके जरिए ग्रामीण क्षेत्रों के बैंकों से असंलग्न एवं अर्ध-संलग्न नागरिकों के लिए माइक्रो एटीएम की स्थापना की योजना है|

आर्थिक सुशासन

* केंद्र सरकार के श्रेणी ब (अराजपत्रित) एवं श्रेणी क के लिए इंटरव्यू की प्रथा बंद कर दी गई|

* कई सरकारी कामों के लिए स्वयं प्रमाणन की सुविधा दी गई, जिससे सरकारी अधिकारियों के पृष्ठांकन की जरूरत खत्म हो गई है|

* प्रधान मंत्री परियोजनाओं के अमल एवं दिक्कतों पर हर माह देशभर के अधिकारियों से विचार-विमर्श करते हैं|

* केंद्रीकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली को बेहतर श्रेणीकरण के लिए और व्यापक बनाया गया है| प्रधान मंत्री का पोर्टल इससे संलग्न किया गया है|

* देश में पहली बार ई-नागरिक सहयोग मंच स्थापित किया गया है, जिसके २० लाख सदस्य हैं| नागरिक नीतियों पर अपने विचार इसमें प्रदर्शित करते हैं, जिससे सरकारी कामकाज को दिशा मिलती है|

* सोशल मीडिया के प्रति सरकार सजग है| ऐसा पहली बार हो रहा है| मंत्रालय एवं मंत्री सक्रिय रूप से जनता में जाते हैं और समस्या का निवारण करते हैं|

* ई-अदालत चरण-२ को मंजूरी दी गई हैं और इसके लिए १६७० करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है|

* सब-आर्डिनेट न्यायिक संरचना के लिए राज्यों को १४९५ करोड़ रु. दिए गए हैं|

* सरकार ने ट्रिब्यूनल से १०,००० मामले वापस ले लिए हैं और उच्च न्यायालय से इसी तरह ७,००० मामले वापस लिए गए हैं|

 

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