हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
जानिए अयोध्या जमीन विवाद की असली वजह!

जानिए अयोध्या जमीन विवाद की असली वजह!

by हिंदी विवेक
in ट्रेंडींग, राजनीति, विशेष, सामाजिक
0
अयोध्या में राम मंदिर फिर से विवादों में आ गया है या फिर यह कहें कि उसे जानबूझ कर विवाद में लाया गया है। राजनीतिक चश्मे से देंखे तो इसे आने वाले उत्तर प्रदेश चुनाव से भी जोड़ कर देखा जा सकता है क्योंकि विपक्षी दल इस तरह के आरोप के सहारे खुद का वोट बैंक बनाने की कोशिश कर सकते है लेकिन यह मात्र एक अनुमान है। कुछ राजनीतिक दलों द्वारा यह आरोप लगाया गया कि राम मंदिर के लिए हाल में जिस जमीन की खरीदी की गई  इसमें घोटाला हुआ है। विपक्षी दलों ने सबूत के तौर पर कुछ कागजात भी पेश किए हैं लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट इसे फर्जी बताया और विपक्ष के आरोपों को राजनीति से प्रेरित करार दिया। राम मंदिर निर्माण कार्य शुरु होने के बाद से कई बार जमीनों की खरीदी हो चुकी है क्योंकि ट्रस्ट मंदिर परिसर को लगातार बड़ा करने की कोशिश में लगा हुआ है इसलिए मंदिर के आस पास की जमीनों को खरीद रहा है। 
उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी की तरफ से राम मंदिर निर्माण में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाया गया है जिसके बाद से उत्तर प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया है। विपक्षी दलों की तरफ से ट्रस्ट पर आरोप लगाया गया है कि ट्रस्ट ने तय मूल्य से अधिक में जमीन की खरीदी की है। राम मंदिर के लिए जो जमीन खरीदी गयी है कि उसकी कीमत पहले 2 करोड़ रुपये थी लेकिन ठीक 10 मिनट बाद जब यह जमीन मंदिर के लिए खरीदी गयी तब इसकी कीमत 18.5 करोड़ रुपये बताई गयी। विपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब इस जमीन की पहली बार रजिस्ट्री हुई तब ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा व अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय को गवाह बनाया गया था जबकि दूसरी बार जब ट्रस्ट ने मंदिर के लिए रजिस्ट्री कराई तब भी यही दोनों लोगों को गवाह बनाया गया है। 

 

जिस जमीन को लेकर विवाद हुआ है उसका भी पूरा मामला समझ लेते है। इस जमीन से जुड़े कुल 3 किरदार है कुसुम पाठक, राजू तिवारी और सुल्तान अंसारी। जमीन का मालिकाना हक कुसुम पाठक के पास था जिन्होने सन 2010-11 में इस जमीन का समझौता रवि तिवारी व सुल्तान अंसारी के साथ कर लिया था जिसकी कागजी कार्रवाई 19 सितंबर 2019 को पूरी की गयी जिसमें जमीन की कीमत 2 करोड़ रुपये तय की गयी। इस दौरान सुल्तान अंसारी और राजू तिवारी ने 50 लाख रुपये एडवांस दिए और बाकी के 1.5 करोड़ देने के लिए सन 2022 तक का समय मांगा। 2 साल पहले तक अयोध्या में जमीन की कीमत काफी कम थी। इस साल 18 मार्च को कुसुम पाठक ने 2 करोड़ में जमीन रवि तिवारी और सुल्तान अंसारी को बेच दी। रवि तिवारी और सुल्तान अंसारी ने ठीक उसी दिन 12080 वर्ग मीटर की यह जमीन राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 18.5 करोड़ में बेच दी जिसके बाद से इस खरीद को घोटाले का नाम दिया जा रहा है लेकिन वर्तमान कीमत के अनुसार इस जमीन की कीमत 18.5 करोड़ से भी ज्यादा है।
राम मंदिर ट्रस्ट की इस डील को एक अलग नजरिये से पेश किया जा रहा है और उसे घोटाले का नाम दिया जा रहा है। जमीन की डील करने वाले सुल्तान अंसारी और राजू तिवारी ने खुद इस बात को माना है कि जमीन को लेकर कोई भी घोटाला नहीं हुआ है। मंदिर ट्रस्ट ने जमीन की रकम को ऑनलाइन ट्रांसफर किया है जिससे पारदर्शिता बनी रहे। राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य चंपत राय ने भी इस आरोप को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि यह सब सिर्फ जानबूझ कर एक नाटक फैलाया जा रहा है और देश के लोगों को गुमराह किया जा रहा है। चंपत राय ने कहा कि अब तक मंदिर के लिए जितनी भी जमीन खरीदी गई है वह बाजार की तय कीमत से कम में खरीदी गयी है।

राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित लोग ज़मीन ख़रीद के सम्बंध में समाज को गुमराह करने के लिए भ्रामक प्रचार कर रहें हैं। pic.twitter.com/jfENrubyOp

— Champat Rai (@ChampatRaiVHP) June 13, 2021


उत्तर प्रदेश का राम मंदिर कई वर्षों से आस्था से ज्यादा राजनीति केंद्र रहा है। तमाम राजनीतिक दलों ने भगवान के नाम पर अपना वोट बैंक बनाया है और ऐसा फिर से एक बार होता नजर आ रहा है जब तमाम राजनीतिक दल राम के नाम पर अपनी अपनी रोटी सेकने में लगे हुए है। इस घटना को इस तरह से भी समझा जा सकता है कि राम मंदिर निर्माण में बीजेपी की भूमिका सर्वव्यापी है और आने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इसका फायदा भी मिल सकता है ऐसे में विपक्ष की यह चाल भी हो सकती है कि मंदिर घोटाले की अफवाह फैला कर प्रदेश की जनता को बीजेपी के विरुद्ध किया जा सकता है।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: अयोध्या जमीन विवादअयोध्या में राम मंदिराम मंदिर

हिंदी विवेक

Next Post
गिरिधर पर मोहित बिरहनी मीरा

गिरिधर पर मोहित बिरहनी मीरा

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0