अफगानिस्तान पर तालिबानी आतंकियों ने पूरी तरह से कब्जा कर लिया और अब सरकार बनाने का काम भी करीब करीब पूरा हो चुका है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने अभी तक आतंकियों की लिस्ट में शामिल किया था वह लोग अब अफगानिस्तान की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए जा रहे है। रहबरी शूरा काउंसिल के प्रमुख मुल्ला मोहम्मद हसन को अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया है इनके पहले के इतिहास पर नजर डालें तो इन्हें भी आतंकियों की लिस्ट में रखा गया है। मुल्ला पर भी 2001 में बुद्ध की मूर्तियां तुड़वाने का आरोप है।
अफगानिस्तान की नई कैबिनेट में आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क और कंधार के आसपास वाले तालिबानी समूह के लोग अधिक नजर आ रहे है। वहीं भारत के लिए चिंता का विषय यह है कि अफगानिस्तान की कैबिनेट में 6 ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने पाकिस्तान से पढ़ाई की है और फिर आतंकी बने है। ऐसे में अफगान सरकार का झुकाव कहीं ना कहीं पाकिस्तान की तरह जरूर होगा और इसका नुकसान भारत को उठाना पड़ सकता है। सिराजुद्दीन हक्कानी को अफगानिस्तान का गृहमंत्री बनाया गया है जबकि वह पहले से ही आतंकी संगठन हक्कानी का प्रमुख है और आईएसएस का काफी खास भी बताया जाता है। काबुल में 2008 में भारतीय दूतावास पर हुए हमले में इसे ही जिम्मेदार बताया गया था।
अफगानिस्तान की सरकार में किसी भी महिला को स्थान नहीं दिया गया है और वह तो पहले से ही निश्चित था कि अफगानिस्तान में महिलाओं को फिर से घर में कैद करने की कवायद शुरु हो गयी है। अब महिलाओं के लिए पढ़ाई भी आसान नहीं होगी। कैबिनेट में मुल्ला उमर के बेटे याकूब को तालिबान का रक्षा मंत्री बनाया गया है जबकि आमिर खान मुत्तकी को विदेश मंत्री बनाया गया है। तालिबान प्रवक्ता की तरफ से कहा गया है कि यह एक अस्थायी सरकार बनायी गयी है जिससे देश का कामकाज शुरू किया जा सके क्योंकि देश की जनता नई सरकार को लेकर इंतजार कर रही है।
अफगानिस्तान में जो कुछ भी हो रहा है वह किसी नाटक से कम नहीं है। कुछ आतंकियों द्वारा पहले अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया गया और वहां के लोगों को कैद कर लिया गया। महिलाओं पर जुल्म हो रहे है उनकी आजादी को छीन लिया गया और अब कुछ आतंकी मिलकर देश में सरकार का भी गठन कर रहे हैं। अब सवाल यह है कि जिस देश के मसीहा ही आतंकी होंगे वहां की जनता उनसे क्या उम्मीद कर सकेगी। किसी को भी न्याय कैसे मिलेगा ? क्योंकि आतंकी सिर्फ गोली की भाषा जानते है। फिलहाल अब तो अफगानिस्तान की जनता का भगवान ही मालिक होगा।