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सर्जिकल स्ट्राइक : एक रात की पूरी कहानी

सर्जिकल स्ट्राइक : एक रात की पूरी कहानी

by हिंदी विवेक
in विशेष
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भारत को हमेशा से ही गांधी का देश कहा गया है और गांधी जी हमेशा से ही अहिंसा के साथ चले थे। इसलिए ही भारत ने कभी भी किसी देश पर पहले हमला नहीं किया है लेकिन भारत की इस नीति का दुश्मनों ने गलत फायदा उठाया और बार बार भारत पर हमले की कोशिश करते रहे यह हमला चाहे सीधे तौर पर रहा हो या फिर आतंकवादियों के द्वारा किया गया हो। अब तक आप समझ गये होंगे कि हम पाकिस्तान की बात कर रहे हैं। पाकिस्तान ने जब भी भारत से सामने से युद्ध किया उसे हार का सामना करना पड़ा था जिसके बाद पाकिस्तान के आकाओं को यह तो समझ आ गया होगा कि भारत के सीधे तौर पर जंग जीतना मुश्किल है इसलिए उन्होने आतंकियों का सहारा लिया और समय समय पर भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते रहे। 

18 सितंबर 2016 को कुछ आतंकवादियों ने भारतीय सेना के उरी कैंप पर हमला कर दिया था जिसमें हमारे 18 जवान शहीद हो गये थे। आतंकियों की तरफ से यह कायराना हमला उस समय किया गया था जब सैनिक अपने कैंप में सो रहे थे। इस आतंकी घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। देश की जनता अब और अहिंसा के पथ पर चलने को तैयार नहीं थी केंद्र सरकार पर दबाव भी बढ़ने लगा था क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने पाकिस्तान को लेकर कई बार चेतावनी जारी की थी ऐसे में सोये हुए सैनिकों पर गोली चलाने की घटना ने इसे और तेज कर दिया और आखिरकार केंद्र की मोदी सरकार ने वह कदम उठाया जिसे अभी तक कभी नहीं किया गया था। मोदी सरकार की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक का प्लान तैयार किया गया। 
18 सितंबर को उरी में आतंकी घटना होती है जिसके ठीक 11 दिन बाद 29 सितंबर की सुबह करीब 2 बजे ही भारतीय सेना सर्जिकल स्ट्राइक लॉच करती है और एक नया इतिहास रच देती है। 28 सितंबर की रात को MI हेलिकॉप्टर से सेना के 150 जवान पाक अधिकृत कश्मीर में प्रवेश करते है और वहां के सभी आतंकी ठिकानों व आतंकियों को खत्म कर देते है। सर्जिकल स्ट्राइक में करीब 38 आतंकवादी मारे गये थे जबकि उनके कई दर्जन ठिकानों को सेना ने उड़ा दिया था जिसमें भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद मौजूद थे। भारतीय सेना के जवानों ने करीब 4 घंटे में यह पूरा ऑपरेशन पूरा कर लिया था और देश में वापस आ गये थे। यह घटना इतनी आसान नहीं थी जितना इसे हम समझ रहे हैं, किसी दूसरे देश में जाकर हमला कर वापस आना इतना आसान नहीं होता इसके लिए विशेष मैनेजमेंट और ट्रेनिंग की जरूरत होती है लेकिन देश के जाबांजों में मात्र 11 दिन में यह सब कर दिखाया और एक सफल सर्जिकल स्ट्राइक करने में कामयाब रहे। इसमें सबसे बड़ी सफलता यह रही कि देश का कोई भी जवान घायल नहीं हुआ और सभी सकुशल वापस आ गये।
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पूरे देश में एक खुशी की लहर दौड़ती है। यह घटना भारत के लिए बिल्कुल नई थी इससे पहले कई लोगों ने सर्जिकल स्ट्राइक का नाम तक नहीं सुना था। इस ऑपरेशन में सेना के साथ साथ तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, एनएसए अजीत डोभाल और सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग का भी बड़ा योगदान रहा है। इसके साथ ही पीएम मोदी के साहस को भी कम नहीं आका जा सकता क्योंकि ऐसे सैनिक ऑपरेशन के बाद सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता है। सर्जिकल स्ट्राइक को अब 5 साल पूरे हो रहे हैं लेकिन आज भी हर भारतवासी इस घटना पर गर्व महसूस करता है।

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Tags: hindi vivekhindi vivek magazineIndian Armysergical strikespecialstrategical

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