संगठित हिंसा से आम नागरिक को कैसे बचाएगी सरकार ?

चाहे आप उत्तर प्रदेश के चुनावों की दुहाई दे लें, या पंजाब में गठबंधन का हिसाब लगा लें, सच्चाई यही है कि सरकार की कमजोर नस है स्ट्रीट वायलेंस।
सरकार के झुकने का एकमात्र कारण है संगठित हिंसा से निबटने में उनकी असमर्थता। सरकार को उकसाने के लिए एक से एक अमानवीय हरकतें हुईं, कैमरे पर एक व्यक्ति को तड़पा तड़पा कर मार डाला गया…सरकार की कोई कारवाई करने की हिम्मत नहीं हुई क्योंकि उधर पंजाब को संभालने की कोई व्यवस्था नहीं है। उनकी तैयारी है कि इधर दिल्ली में सरकार कोई कदम उठाए और उधर पंजाब में वे हिंदुओं का नरसंहार शुरू करें। 
आप चाहे कितने भी समझौते कर लें, स्थिति है वहीं की वहीं। संगठित हिंसा से निबटने की ना कोई तैयारी कल थी, न आज है। कल को अगर वे हमारे साथ, हमारे बच्चों के साथ वही करेंगे जो लखविंदर के साथ किया था तो सरकार क्या करेगी? – कुछ भी नहीं।
उससे बड़ा प्रश्न है आप क्या करेंगे? – कुछ भी नहीं?

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