इसने इस्लाम के प्रचार प्रसार में जितना योगदान दिया है उतना इनकी सैंकड़ों हजारों कायरों की सेनायें नहीं कर पायीं । इस हथियार का नाम है “अल – तकिया” । अल-तकिया के अनुसार यदि इस्लाम के प्रचार , प्रसार अथवा बचाव के लिए किसी भी प्रकार का झूठ, धोखा , द्रोह करना पड़े – सब धर्म स्वीकृत है ।

उदहारणतः , हालांकि कुरान में गैर मुसलामानों से मित्रता की घोर मनाही है , लेकिन यदि मुसलमान किसी क्षेत्र में अल्पसंख्यक हों (< 20%) तो उन्हें कुरान ने आज्ञा दी है की वो झूठ-मूठ का शांतिप्रिय धर्मनिरपेक्ष होने का नाटक कर सकते हैं (क्योंकि यदि वो ऐसा नहीं करें तो इस्लाम वहां समूल नष्ट कर दिया जायेगा ) ।
जिस दिन ये बहुसंख्यक हो जाते हैं (>50 %) उस दिन अल तकिया की आवश्यकता समाप्त हो जाती है और हर मुसलमान का परम कर्त्तव्य होता है की वो दर-उल -हरब (गैर मुस्लिम भूमि) को दर-उल-इस्लाम बनाये (मुस्लिम भूमि)।
इस प्रकार अल – तकिया ने मुसलामानों को सदियों से बचाए रखा है ।
मुसलमानों के विश्वासघात के अन्य महत्त्वपूर्ण उदाहरण –
1 – मुहम्मद गौरी ने 17 बार कुरआन की कसम खाई थी कि भारत पर हमला नहीं करेगा, लेकिन हमला किया।
2 – अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तोड़ के राणा रतन सिंह को दोस्ती के बहाने बुलाया फिर क़त्ल कर दिया।
3 – औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को दोस्ती के बहाने आगरा बुलाया फिर धोखे से कैद कर लिया ।
4 – औरंगजेब ने कुरआन की कसम खाकर श्री गोविन्द सिंह को आनद पुर से सुरक्षित जाने देने का वादा किया था, फिर हमला किया था।
5 – अफजल खान ने दोस्ती के बहाने शिवाजी महाराज की ह्त्या का प्रयत्न किया था ।
6 – मित्रता की बातें कहकर पाकिस्तान ने कारगिल पर हमला किया था ।
ISLAM KA ANT NISCHIT HAI
नफ़रत फैला रहे हो बस। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में है भाई भाई
bhai agr hote bangla desh me ktl nhi kr rhe hote
Chutiya ho tum , Bhool gaye kaise Pujyniya Guruon ko Aurangjeb ne tadpa kar mara , Tum vishhudh cgutiye ho
Muslim ☪ madrchod or hijde hain unhe duniya se khtm krna hoga
इस्लाम में अल तकिया का मतलब है “महान तकिया”. लोल! अल-तक़िया’ शब्द का अर्थ है: “प्रमुख खतरे के समय, चाहे अभी या बाद में, अपने आप को शारीरिक नुकसान से बचाने के लिए किसी के विश्वास, दृढ़ विश्वास, विचार, भावनाओं, राय और/या रणनीतियों को छिपाना या छिपाना।
अगर कल को कोई गैर मुस्लिम इस्लाम में आए और उसके घर वाले उसको मरने कतल करने आ जाए तो वो गैर मुस्लिम अल तकिया कर सकता है । यानि ज़ुबान से ये बोल सकता है की मैं अल्लाह को नही मानता ताकि उसकी जान बच जाए। बस दिल से ना माने। अल्लाह ने लोगो की सेफ्टी के लिए ये परमिशन दी है ।
Dhanyawad sahi jankari hamare tak pahuchane ke liye 🙏