हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
चीन की हार कैसे होगी संभव?

चीन की हार कैसे होगी संभव?

by हिंदी विवेक
in ट्रेंडींग, विशेष
0

भारत और चीन के बीच मई 2020 से शुरु हुआ तनाव अभी तक कम होने का नाम नहीं ले रहा है करीब डेढ़ साल से अधिक का समय बीत चुका है। दोनों देशों के बीच कई बैठकें भी हो चुकी है लेकिन तनाव अभी तक कम नहीं हुआ है। दरअसल बात झुकने और झुकाने पर आ गयी है। चीन अब इस बात को मानने को तैयार नहीं हो रहा है कि भारत की ताकत अगर उसके मुकाबले ज्यादा नहीं है तो फिर कम भी नहीं है। भारत अब बदल चुका है और वह किसी के सामने नहीं झुकने वाला है खासकर जब तक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहेंगे तब तक तो बिल्कुल भी नहीं। चीन अभी भी 1962 के युद्ध को दिमाग में लेकर चल रहा है और उसे ऐसा लग रहा है कि एक समय के बाद भारत चीन के सामने झुक जाएगा लेकिन उसकी यह मनोकामना शायद पूरी नहीं होगी।

भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बाद सुरक्षा एजेंसियों पर भी दबाव बढ़ा है। वर्तमान मोदी सरकार बहुत ही तेजी से देश के विकास को आगे बढ़ाने पर काम कर रही है लेकिन कोरोना और चीन की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और कहीं ना कहीं विकास का पहिया धीमा हो जा रहा है। चीनी सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ती जा रहा है जो भारत के लिए चिंता का विषय है लिहाजा भारत को भी सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ानी पड़ रही है। भारत और चीन के सैनिक सीमा पर एक दूसरे के विरोध में खड़े हैं और समय भी करीब डेढ़ साल से चला आ रहा है लेकिन अभी तक चीन की तरफ से ऐसी कोई हरकत नहीं हुई जिससे युद्ध का आभास हो। भारत का यह इतिहास रहा है कि वह कभी भी सामने से हमला नहीं करता है जबकि चीन का इतिहास इससे बिल्कुल उलट है वह हमेशा से ही विस्तारवादी सोच का रहा है और पहले हमला कर दुश्मन को खत्म करने की रणनीति पर काम करता है।

LAC पर बढ़ता तनाव क्या युद्ध पर जाकर ही खत्म होगा? या फिर यह दोनों ही देशों की तरफ से सिर्फ चेतावनी है। चीन सिर्फ युद्ध का डर दिखाकर डराना चाहता है। यह बात को चीन को भी पता है कि अगर युद्ध हुआ तो उसका भी भरपूर नुकसान होगा और वह बिल्कुल भी यह नहीं चाहेगा क्योंकि चीन बहुत ही तेजी के साथ पूरी दुनिया में व्यापार कर रहा है और युद्ध के बाद व्यापार पर बहुत ही गहरा असर पड़ता है। मई 2020 की घटना के बाद वैसे भी भारत से चीनी सामानों की खरीददारी बहुत हद तक कम हो गयी है। भारतीय जनता ने सामने से चीनी सामान लेने से मना कर दिया और लोगों ने दीपावली पर चीनी लाइट्स भी नहीं खरीदी। भारत और चीन के युद्ध में भारत का भी बड़ा नुकसान होगा इसे भी झुठलाया नहीं जा सकता है।

युद्ध के रणनीतिकारों का कहना है कि अगर दुश्मन देश के पास अधिक संख्या में सेना है तो उसे युद्ध के माध्यम से कभी नहीं हराया जा सकता है ऐसे में किसी कूटनीति का सहारा लेना होता है। सैनिक बल में बड़े दुश्मन देश पर छोटे छोटे रूप में हमले करने चाहिए और व्यापार, विदेश नीति सहित अन्य नीतियो के द्वारा हमला करना चाहिए। चीन को लेकर भारत भी कूटनीतिक दबाव बना रहा है। भारत भी क्वाड ग्रुप का सदस्य बन चुका है इस ग्रुप में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया पहले से शामिल है अब इन देशों की मदद से भारत वैश्विक स्तर पर चीन पर दबाव बना सकेगा और उसकी विस्तारवादी सोच को दुनिया के सामने रखेगा। दुनिया में भारत के बढ़ते प्रभाव से चीन भी चिंतित है और वह किसी भी रूप में भारत से दुश्मनी नहीं चाहता है क्योकि युद्ध के परिणाम चीन के लिए भी नकारात्मक साबित होंगे। चीन सीमा विवाद को खत्म करना चाहता है लेकिन उसे भारत की तरफ से पहल की उम्मीद है।

साल 2021 भी कोरोना की भेंट चढ़ा, इसलिए बाकी मुद्दों पर किसी भी देश ने ध्यान नहीं दिया लेकिन भारत की तरफ से यह उम्मीद की जा रही है कि नया साल शांति के साथ शुरु हो। चीन का हर दिन आंख दिखाना और सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ करना पूरी तरह से रोकना होगा और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसी कूटनीति का ही सहारा लेना होगा जिससे चीन पूरी तरह से शांत हो जाए। चीन के साथ जारी लड़ाई में भारत सरकार के साथ साथ भारत की जनता को भी सहयोग करना होगा और सभी प्रकार के चीनी सामानों का बहिष्कार करना होगा।

 

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: #Chinaarunachal pradeshhindi vivekhindi vivek magazineIndian Armyindo china borderline of control

हिंदी विवेक

Next Post
मजबूत संविधान सशक्त लोकतंत्र – जनवरी २०२२

मजबूत संविधान सशक्त लोकतंत्र - जनवरी २०२२

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0