कभी किसी मस्जिद से हो रही अजान पर पुलिस को कार्रवाई करते हुए सुना था? शायद आप का जवाब ‘ना’ होगा लेकिन मंदिरों पर कार्रवाई की खबर देश के सभी कोनों से मिलती रहती है। महाराष्ट्र में भी ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला जब महाराष्ट्र पुलिस ने हनुमान चालीसा बजाने पर 5050 रुपये का दंड लगाया। अब पुलिस ने किस आधार पर यह दंड लगाया है यह तो उनको ही पता है लेकिन अजान के लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा के लाउडस्पीकर में फर्क क्या है? दोनों ही अपने अपने धर्म का प्रचार कर रहे हैं फिर एक ही के ऊपर फाइन क्यों लगाया जा रहा है। महाराष्ट्र में बाला साहेब ठाकरे के सिद्धांतों वाली सरकार है लेकिन उस सरकार में ही हनुमान चालीसा पर रोक लगाई जा रही है शायद आज महाराष्ट्र की जनता को बाला साहेब ठाकरे की याद आ रही होगी।
राज ठाकरे के बयान के बाद से महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर के साथ राजनीति भी तेज हो गयी है और शायद यह पहली बार है जब राज ठाकरे के बयान पर उन्हें उत्तर भारतीयों की तरफ से भी समर्थन मिला है। हिंदू संगठित हो इसलिए यूपी और बिहार की जनता ने राज ठाकरे के सभी पुराने इतिहास को भुला दिया और हिंदू को संगठित करने के लिए मनसे का भी समर्थन कर दिया। अब अगर मनसे की तरफ से राज ठाकरे के बयान को जमीनी स्तर पर पूरा किया जाता है तो जाहिर इसका राजनीतिक दृष्टि से भी बड़ा फायदा होने वाला है और हिन्दू लहर में राज ठाकरे को भी लाभ मिल सकता है। बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से देश में राष्ट्र प्रेम और हिन्दू प्रेम सभी का जगा है इसलिए देश में हालात थोड़े बदले नजर आ रहे हैं क्योंकि अब हिन्दू अपनी आवाज उठाना शुरू कर चुका है।
गुड़ी पड़वा के अवसर पर राज ठाकरे ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि ”मस्जिद पर लाउडस्पीकर इतनी तेज आवाज में क्यों बजाए जाते हैं? अगर महाराष्ट्र सरकार ने इस पर रोक नहीं लगाई तो हम उससे भी अधिक आवाज में हनुमान चालीसा बजाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि वह किसी धर्म के खिलाफ नहीं है लेकिन उन्हें अपना धर्म भी प्यारा है।” राज ठाकरे के बयान के बाद उनकी ही पार्टी के कुछ मुस्लिम नेताओं ने पार्टी छोड़ दी लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से यह पता चलता है कि एक ही दिन में राज ठाकरे के समर्थकों की संख्या में भारी इजाफा हो गया है। सोशल मीडिया पर लोग खुल कर राज ठाकरे के बयान का समर्थन कर रहे हैं।
राजनीति से अलग यह भी एक मुद्दा है कि राज ठाकरे का बयान कितना सही है? और क्या इसका समर्थन करना ठीक है या नहीं। दरअसल बयान के भी दो पहलू निकलते हैं पहला यह कि अगर यह राजनीति से प्रेरित है और सिर्फ कुछ समय के लिए ऐसा बयान जारी किया गया है तो इसका समर्थन नहीं किया जाना चाहिए, कुछ राजनेता यह भी आरोप लगा रहे है कि यह बयान बीजेपी की स्क्रिप्ट है जो राज ठाकरे से पढ़वाई जा रही है लेकिन दूसरे पहलू के तहत अगर सच में राज ठाकरे का हिंदुत्व जगा है और वह पुरानी चली आ रही अजान की परंपरा को बंद करवाना चाहते हैं तो सभी को उनका स्वागत करना चाहिए।
मस्जिद से लाउडस्पीकर को उतारना या फिर उसकी आवाज कम करना इस्लाम का विरोध नहीं है बल्कि यह दूसरे के जीवन में खलल पैदा होने से रोकना हैं। एक दिन में 5 बार नमाज होती है जिसमें से करीब सुबह और दोपहर का समय सभी के नींद का समय होता है ऐसे में उसे अपनी नींद खराब करनी पड़ती है इसलिए अगर लाउडस्पीकर की आवाज कम होती है या फिर उसे उतारा जाता है तो इसमें किसी को विरोध नहीं करना चाहिए।
मनसे कार्यकर्ताओं की तरफ से लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने का काम जारी है और पार्टी इतने जल्दी पीछे हटने वाली नहीं है। हालांकि एक बार पुलिस की तरफ से दंड लगाया गया था और हनुमान चालीसा बजाने वाले मनसे कार्यकर्ता को हिरासत में भी लिया गया था लेकिन पार्टी की तरफ से यह गया है कि हम हर दिन लाउडस्पीकर पर 10 मिनट हनुमान चालीसा बजाएंगे। अब लाउडस्पीकर की यह राजनीति आवाज देश के किस किस कोने तक जाती है यह समय आने पर पता चल जायेगा।