महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की तरफ से शुरू किया गया हनुमान चालीसा का पाठ लगातार महाराष्ट्र सरकार के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है। कभी हिंदुत्व के लिए मशहूर शिवसेना अब खुद हिंदुत्व के मुद्दे पर घिरती जा रही है। बीजेपी सहित तमाम दल उस पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगाते रहते हैं जबकि शिवसेना अपनी सफाई दे रही है कि वह आज भी हिंदुत्व के मुद्दे पर है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में यह कहा गया कि महाराष्ट्र में हिंदुत्व सुरक्षित है और हमें किसी की सलाह या मदद की जरूरत नहीं है। शिवसेना की तरफ से बीजेपी को सलाह दी गयी कि “हिंदुत्व की विचारधारा एक संस्कृति है अराजकता नहीं”
निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा ने भी मातोश्री पर हनुमान चालीसा पढ़ने का फैसला किया था जिसको लेकर दोनों नेताओं को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। शिवसेना की तरफ से यह आरोप लगाया गया कि इसके पीछे भी बीजेपी का हाथ है हालांकि यह बात अब हंसी वाली है कि महाराष्ट्र में सरकार के खिलाफ होने वाली सभी घटनाओं को बीजेपी से जोड़ा जाता है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने जब लाउडस्पीकर को कम करने की बात कही तो संजय राउत की तरफ से कहा गया कि मनसे ने बीजेपी की चिट्ठी को पढ़ा है। अब हनुमान चालीसा को लेकर उठा विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है और मनसे की तरफ से 3 मई का डेडलाइन भी दिया गया है। सरकार को इस बात की भी चिंता है कि 3 मई को राज्य के हालात बिगड़ सकते है ऐसे में सरकार की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गयी है।
महाराष्ट्र में शिवसेना और आम जनता के बीच में नजरिए का एक फर्क नजर आ रहा है। दरअसल शिवसेना अपने राजनीतिक चश्मे से देख रही है कि हिंदुत्व सुरक्षित है और सब कुछ ठीक वैसा ही चल रहा है जैसा शिवसेना चाहती है और इसमें शिवसेना की छवि कहीं से धूमिल नहीं हो रही है जबकि बाकी दलों के साथ साथ आम जनता को हिंदुत्व खतरे में नजर आ रहा है और शिवसेना की छवि भी भूमिल होती नजर आ रही है। बाला साहब ठाकरे जिस कांग्रेस पार्टी के नेताओं से मिलना तक नहीं चाहते थे आज शिवसेना उसी पार्टी के साथ गठबंधन में सरकार चला रही है यह बात आम जनता को रास नहीं आ रही है।