हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
कम्युनिस्ट नरसंहार की स्मृतियाँ

कम्युनिस्ट नरसंहार की स्मृतियाँ

by हिंदी विवेक
in देश-विदेश, राजनीति, विशेष, सामाजिक
0

यह चित्र आपको बहुत वीभत्स और अप्रिय लग रहा होगा। परन्तु सच कड़वा होता है। चित्र कम्बोडिया के एक संग्रहालय (म्यूजियम) का है। चीन के माओ के ग्रेट लीप के नाम पर 2 करोड़ से अधिक चीनियों का नरसंहार हो या स्टालिन का रूसी नर संहार। क्म्युनिस्टो का इतिहास ही नरसंहारों से भरा पड़ा है।

दुनिया के इतिहास में बेइंतहा ‘जुल्म की दास्तानों’ में से एक कंबोडिया की धरती पर लिखी गई थी। सिर्फ पाँच साल में 30 लाख से ज्यादा लोगों को मौत के घाट किस तरह उतारा गया, इसकी कहानी जेनोसाइड म्यूजियम (नरसंहार संग्रहालय) में आज भी दर्ज है।कंबोडिया के तत्कालीन राजा नॉरोडोम सिहानुक को अपदस्थ कर खमेर रूज के माओवादी नेता पोल पोट ने सन्‌ 1975 में सत्ता हथियाई थी। अगले पाँच साल तक पोल पोट ने इतने जुल्म ढाए कि इंसानियत काँप उठी। विरोधियों का दमन करने के लिए यातना शिविर और जेलें बनाई गईं। एक जेल हाईस्कूल में बनाई गई, जहाँ अब जेनोसाइड म्यूजियम बना दिया गया है।

मानव खोपड़ीओं का मीनार लगभग 5000 से अधिक मानव खोपड़ी शीशे की एक टावर में रखी हुई हैं यह उन अभागे कंबोडियनस का सर है जिन्हे पोल पोट की कम्युनिस्ट सरकार ने 1975 से 1979 के बीच यहां लाकर हत्या कर दी। इस कट्टर माओवादी समूह ने 1975 मे कंबोडिया का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था। इस शासनकाल के दौरान अत्यधिक काम, भुखमरी और बड़े पैमाने पर लोगों को फांसी देने के चलते करीब 20 लाख लोगों की मौत हो गई थी.

उन्होंने अपने नागरिकों को दुनिया से अलग-थलग कर दिया और शहर खाली कराने शुरू कर दिए. ख़ुद को बुद्धिजीवी मानने वालों को मार दिया गया. उनके शासन काल में चश्मा पहनने या विदेशी भाषा जानने वालों को अक्सर प्रताड़ित किया जाता था. मध्यवर्ग के लाखों पढ़े-लिखे लोगों को विशेष केंद्रों पर प्रताड़ित किया गया और मौत की सजा दी गई. इनमें सबसे कुख्यात थी नाम पेन्ह की एस-21 जेल, जहाँ ख़मेर रूज के चार साल के शासन के दौरान 17 हज़ार महिलाओं, पुरुषों और बच्चों को कैद रखा गया था.

.कम्युनिस्ट सरकार कंबोडिया को वापस एक एग्रीकल्चरल कंट्री बनाना चाहते थे इसलिए शाहरो को समाप्त करके आबादी को गांव में शिफ्ट करने का निर्देश जारी किया गया. जिन्होंने भी आज्ञा का उल्लंघन किया उन्हें किलिंग फिल्डस में ले जाकर समाप्त कर दिया गया।

जिस स्थान पर यह म्यूजियम है वहाँ 30,000 से अधिक लोगों की हत्या हुई जिसमें अधिकतर लोगों की हत्या गोली मारकर नहीं की गई बल्कि कुदाल से उनकी सर के पीछे चोट मार कर अधमरा कर दिया गया। फिर उन्हें जीते जी गड्ढों में दफना दिया गया। सैनिक उन लाशों से जो भी कीमती चीज होती थी। उसे निकाल लेते थे तीन सौ से अधिक किलिंग फील्ड्स पूरे कंबोडिया में मौजूद है। जिसमें 15 लाख से ज्यादा लोगों की हत्या हुई। यहां पर कुछ ऐसी हड्डियां मिली जिससे पता चलता है कि मरने वाले की उम्र 6 महीने से भी कम थी। मतलब 6 महीने से कम उम्र के बच्चों की भी हत्या कर दी गई थी।

यह है कम्युनिस्टों का चरित्र। भारत के कम्युनिस्टों का चरित्र भी इससे अलग नहीं है। 1979 में भारत के पश्चिमी बंगाल के मरीचझापी में कम्युनिस्टों ने कई हजार (एक अनुमान से 40 हजार) नामशूद्रों की वीभत्स ह्त्या की थी। ये नामशूद्र दलित हिन्दू थे जो बांग्लादेश से जान बचा कर आए थे। ये कभी जोगेन्द्र मण्डल के बहकावे में आकर पाकिस्तान (बांग्लादेश) में रुक गए थे।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: combodiagenocide museumhindi vivekkhmer rougemaoist government

हिंदी विवेक

Next Post
बिहार के गांवों में बिना जुताई के होगी खेती

बिहार के गांवों में बिना जुताई के होगी खेती

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0