मुंबई के पूर्व, पश्चिम और शहर के डिवीजनों में महानगरपालिका के रोड पर ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी के तहत दिशा दर्शाने वाले नेमप्लेट के लिए 150 करोड़ रुपये के टेंडर के लिए कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होगी, क्योंकि आरपीएस इंफ्रास्ट्रक्चर और स्पीको इंफ्रास्ट्रक्चर इन ठेकेदारों के लिए इसतरह का टेंडर बनाने की शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महानगर पालिका आयुक्त को भेजे हुए पत्र में की हैं। अगर यहीं काम वार्ड स्तर पर महानगरपालिका खुद करती हैं तो कमसे कम 75 करोड़ की बचत होगी।
अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, महानगरपालिका आयुक्त को लिखे हुए पत्र में शिकायत की हैं कि कुछ ठेकेदारों को लाभ दिया जा रहा है। इससे ठेकेदारों पर एकाधिकार पैदा होगा और योग्य बोलीदाताओं की संख्या में कमी आएगी। संबंधित महानगरपालिका अधिकारी और ठेकेदार के बीच मिलीभगत को तोड़ने के लिए प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता होती है और टर्नओवर के नियमों और शर्तों में बदलाव की भी आवश्यकता है।
अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से महानगरपालिका को आर्थिक नुकसान होगा और करदाताओं के पैसे की बर्बादी होगी। अयोग्यता कार्य की गुणवत्ता से समझौता करेगी। इस नुकसान से बचाने के लिए गलगली ने टेंडर को ही रद्द करने की मांग की है। साथ ही, 150 करोड़ रुपये खर्च करने के बजाय, वार्ड स्तर पर मेंटेनेस विभाग को काम आवंटित करने और स्थानीय स्तर पर काम करने से आधे से ज्यादा यानी 75 करोड़ रुपए की बचत हो सकती है।
आरपीएस इंफ्रास्ट्रक्चर और स्पीको इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रयास, मुंबई महानगरपालिका द्वारा टेंडर को अवधि को दो बार बढ़ा चुकी है और नई समय सीमा 10 मई, 2022 है। इससे पहले, समय सीमा 30 मार्च 2022 और 20 अप्रैल 2022 थी।