हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
पाखण्ड की पराकाष्ठा: बॉलिवुड जिहाद

पाखण्ड की पराकाष्ठा: बॉलिवुड जिहाद

by हिंदी विवेक
in फिल्म, विशेष, संस्कृति, सामाजिक
0

सलीम जावेद लिखित फिल्म में शोले फिल्म में वृद्ध मुसलमान (ए के हंगल) को बेटे की मौत पर नमाज के लिए जाते दिखाते हैं तो नायक वीरू (धर्मेन्द्र) को शिव मन्दिर में लडकी छेड़ते हुए दिखाना।

बालीवुड और टीवी सीरियल के नजरिए से ‪हिन्दू को कैसे देखा जाता है एक झलक:

ब्राह्मण – ढोंगी पंडित, लुटेरा,

‪राजपूत – अक्खड़, मुच्छड़, क्रूर, बलात्कारी

वैश्य या साहूकार – लोभी, कंजूस,

गरीब हिन्दू – कुछ पैसो या शराब की लालच में बेटी को बेच देने वाला चाचा या झूठी गवाही देने वाला।

जबकि दूसरी तरफ

मुस्लिम – अल्लाह का नेक बन्दा, नमाजी, साहसी, वचनबद्ध, हीरो-हीरोइन की मदद करने वाला टिपिकल रहीम चाचा या पठान।

ईसाई – जीसस जैसा प्रेम, अपनत्व, हर बात पर क्रॉस बना कर प्रार्थना करते रहना।

ये बॉलीवुड इंडस्ट्री, सिर्फ हमारे धर्म, समाज और संस्कृति पर घात करने का सुनियोजित षड्यंत्र है और वह भी हमारे ही धन से ।

सलीम – जावेद की जोड़ी की लिखी हुई फिल्मो को देखे, तो उसमे आपको अक्सर बहुत ही चालाकी से हिन्दू धर्म का मजाक तथा मुस्लिम / इसाई / साईं बाबा को महान दिखाया जाता मिलेगा.

इनकी लगभग हर फिल्म में एक महान मुस्लिम चरित्र अवश्य होता है और हिन्दू मंदिर का मजाक तथा संत के रूप में पाखंडी ठग देखने को मिलते है।

“दीवार” का अमिताभ बच्चन नास्तिक है और वो भगवान का प्रसाद तक नहीं खाना चाहता है, लेकिन 786 लिखे हुए बिल्ले को हमेशा अपनी जेब में रखता है और वो बिल्ला भी बार बार अमिताभ बच्चन की जान बचाता है।

जंजीर” में भी अमिताभ नास्तिक है और जया भगवान से नाराज होकर गाना गाती है लेकिन शेरखान एक सच्चा इंसान है।

फिल्म “शान” में अमिताभ बच्चन और शशि कपूर साधु के वेश में जनता को ठगते है लेकिन इसी फिल्म में “अब्दुल” जैसा सच्चा इंसान है जो सच्चाई के लिए जान दे देता है।

क्या आपको बॉलीवुड की वे फिल्मे याद हैं जिनमे फादर को दया और प्रेम का मूर्तिमान स्वरूप दिखाया जाता था तो हिन्दू सन्यासियों को अपराधी। जो मीडिया आसाराम पर पागल हो गया था वह आज चुप है. बॉलीवुड प्राय: सदा फिल्मों में हिन्दू पात्रों के नाम वाले कलाकारों को किसी इस्लामिक मज़ार या चर्च में प्रार्थना करते दिखाता हैं।

किसी मुसलिम या ईसाई पात्र को कभी किसी हिन्दू मंदिर में जाकर प्रार्थना करता दिखाना तो बहुत दूर की बात हैं। इसके विपरीत वह सदा हिन्दू मान्यताओं का परिहास जैसे पंडित को या भगवान की मूर्ति को रिश्वत देना, शादी के फेरे जल्दी जल्दी करवाना, मंदिर में लड़कियाँ छेड़ना, हनुमान जी अथवा श्री कृष्णा जैसे महान पात्रों के नाम पर चुटकुले छोड़ना आदि आदि दिखाता हैं। परिणाम यह निकलता है कि हिन्दुओं के लड़के लड़कियां हिन्दू धर्म को ही कभी गंभीरता से लेना बंद कर देते है।

25 साल पहले गुलशन कुमार सरे आम गोलियों से मार दिया गया क्योंकि इन्होंने दाऊद जैसे गुण्डो के आगे झुकने से मना कर दिया था। ये बॉलीवुड के इस्लामी करण में बहुत बड़ी बाधा थे। यह वह हिन्दू व्यापारी था जो अपना आयकर भरता था। कुछ वर्ष तक भारत का सबसे बड़ा आयकर देने वाला व्यक्ति रहा । क्योकि इसने दाऊद के आगे घुटने टेकने से इंकार कर दिया था इसलिए इसे जान से मार दिया गया। परंतु न तो भारत सरकार इसके कत्ल के आरोपी नदीम को भारत ला पाई और न ही इसके परिवार को न्याय मिला।

गुलशन कुमार की हत्या के ठीक 6 महीने बाद 1998 में साईं नाम के एक नए भगवान का अवतरण हुआ, इसके कुछ समय बाद 1999 में बीवी नंबर 1 फिल्म आई जिसमे साईं के साथ पहली बार राम को जोड़कर ॐ साईं राम गाना बनाया था, न किसी हिन्दू संगठन का इस पर ध्यान गया और न किसी ने इस पर आपत्ति की, पहला षड्यंत्र कामयाब।

इस नए भगवान् की एक खासियत थी, इसे लोग धर्मनिरपेक्ष अवतार कहते थे, जिसने हिन्दू मुस्लिम एकता को बढ़ावा दिया था, वो अलग बात है की साईं बाबा के समय में कई दंगे हुए, बंगाल विभाजन हुआ, मोपला दंगे हुए, मालाबार में हजारो हिन्दुओ को काटा और साईं के अल्लाह का भक्त बना दिया गया, अब इस नए भगवान की एक और खासियत थी, नाम हिन्दुओ का प्रयोग हो रहा था और जागरण में अल्लाह अल्लाह गाया जा रहा था।

हिन्दुओं की संतानों की स्थिति अर्ध नास्तिक जैसी हो जाती है। जो केवल नाममात्र का हिन्दू बचता है। परन्तु उसका हिन्दू समाज की मान्यताओं एवं धर्मग्रंथों में कोई श्रद्धा नहीं रहती। ऐसी ही संतानें लव जिहाद और ईसाई धर्मान्तरण का शिकार बनती हैं।

क्या इसे हम बॉलीवुड जिहाद कहे तो कैसा रहेगा?

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: anti hindu narrativebollywood jihadhindi vivekslow poisonsoft targeting

हिंदी विवेक

Next Post
अपने बच्चों को कैसा भविष्य देना चाहते हैं?

अपने बच्चों को कैसा भविष्य देना चाहते हैं?

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0