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बरसात में होने वाली इन 5 बीमारियां

बरसात में होने वाली इन 5 बीमारियां

by हिंदी विवेक
in अवांतर, ट्रेंडींग, विशेष, सामाजिक, स्वास्थ्य
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बरसात में होने वाली इन 5 बीमारियों का रामबाण इलाज है:-

पपीता के पत्ता का जूस प्लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार है दरअसल,पपीते के पत्ते के जूस में पपैन और काइमोपैपेन जैसे एंजाइम्स होते हैं, जो पाचन में सहायता करते हैं, सूजन और अन्य पाचन विकारों को रोकती है। इसके अलावा पपीते के पत्तों में विटामिन ए, सी, ई, के, बी और कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम और आयरन जैसे खनिज तत्व भी होते हैं जो कि इम्यूनिटी बढ़ाते हैं और संक्रामक बीमारियों से बचाते हैं।

१.डेंगू का घरेलू इलाज-
डेंगू बारिश के मौसम में होने वाली सबसे आम बीमारियों में से एक है। ऐसे में पपीते के पत्ते का रस डेंगू का घरेलू इलाज है। डेंगू संक्रमित एडीज मच्छरों के कारण होता है, जो इस बीमारी को हमारे खून में पहुंचाते हैं। इससे डेंगू बुखार (dengue fever) होता है जो कि खून में प्लेटलेट्स की संख्या को गंभीर रूप से कम कर देता है और तब पपीते के पत्ते का जूस तेजी से प्लेटलेट्स बढ़ा कर डेंगू से ठीक होने में मदद करता है।

२.मलेरिया के बचाव का उपाय-
पपीते के पत्तों से बना जूस एंटी मलेरियल गुणों से भरपूर होता है जो कि बारिश के मौसम में मलेरिया से बचाव में मदद करता है। दरअसल, पपीते के पत्ते में पाया जाने वाला एक यौगिक एसिटोजिनिन होता है, जो मलेरिया और डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी को रोकने में मदद कर सकता है। इसलिए बारिश में मलेरिया के बचाव के लिए पपीते के पत्ते का जूस जरुर पिएं।

३.वायरल फीवर में कमजोरी दूर करता है-
वायरल फीवर बारिश के मौसम में बहुत से लोगों को परेशान करता है। असल में ये कमजोर इम्यूनिटी के कारण होता है और पपीते के पत्तों से बना जूस इससे बचाव में या फिर रिकवरी में मदद करता है। दरअसल, ये एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है जो कि वायरल फीवर से बचाव में मदद करता है और बरसात में होने वाली संक्रामक बीमारियों से बचाता है।

४.पेट में इंफेक्शन होने पर-
बरसात के मौसम में पेट में इंफेक्शन की समस्या बहुत ज्यादा होती है। ये गंदा पानी या संक्रामित खाना खाने की वजह से हो सकता है। पपीते में एंजाइम पपैन और काइमोनपैपेन होते हैं। दोनों पाचन में मददगार है, कब्ज को रोकते हैं और कोलन को साफ करने में मददगार है। पपैन पेट के अल्सर को ठीक करने और रोकने में भी सहायक हैं। पपीते के पत्ते प्रोटीज और एमाइलेज से भी भरपूर होते हैं। ये एंजाइम पाचन में सहायता करने वाले प्रोटीन, कार्ब्स और खनिजों को तोड़ने में मदद करते हैं। साथ ही इसका एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पेट और कोलन की सूजन को भी कम करते हैं। इसके अलावा इसका एंटीबैक्टीरियल गुण बैक्टीरिया एच. पाइलोरी को मारकर पेप्टिक अल्सर को भी ठीक कर सकता है।

५.बरसाती घाव का घरेलू उपचार –
पपीते के पत्ते का जूस लीवर के लिए एक शक्तिशाली सफाई एजेंट के रूप में कार्य करता है, जिससे लीवर का काम काज सही रहता है। इससे शरीर के टॉक्सिन की सफाई होती है और खून भी साफ रहता है। ऐसे में आपको बरसाती घाव नहीं होते। साथ ही बरसात में इस जूस को पीने से खून में एंटीबैक्टीरियल गुण रहता है जिससे स्किन की अन्य समस्याएं नहीं होती।

 

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