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बेटियों ने किया भारत का नाम रोशन

बेटियों ने किया भारत का नाम रोशन

by आलोक शर्मा
in खेल, विशेष, हास्य विशेषांक-मई २०१८
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राष्ट्रमंडल खेल, ब्रिटिश राष्ट्रमंडल देशों के अंतर्गत आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिता है। हाल ही में आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में सम्पन्न हुए 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने खास तौर पर महिला खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन की शुरुआत कर भारत का सम्मान विश्व में बढ़ाकर प्रत्येक देशवासी का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। भारतीय खिलाड़ियों के शानदार खेल की बदौलत 26 स्वर्ण, 20 रजत, और 20 कांस्य पदक सहित कुल 66 पदक जीतकर गोल्ड कोस्ट में 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में अपने इतिहास का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।

भारत मेजबान आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद तीसरे स्थान पर रहा। आस्ट्रेलिया ने 80 स्वर्ण पदक सहित 198 पदक जीतकर प्रथम, जबकि इंग्लैंड 45 स्वर्ण सहित 136 कुल पदक हासिल कर दूसरे स्थान पर रहा। वहीं कनाडा 15 स्वर्ण सहित 82 पदक जीतकर चौथे और न्यूजीलैंड 15 स्वर्ण सहित 46 पदकों के साथ पांचवें स्थान पर रहा। 4 से 15 अप्रैल 2018 तक आयोजित इन राष्ट्रमंडल खेलों में दुनिया के 71 देशों से 66 सौ से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था।

 बेटियों ने किया शानदार प्रदर्शन

राष्ट्रमंडल खेलों में इस बार भारत की बेटियों ने शानदार प्रदर्शन कर भारत का गौरव दुनिया में बढ़ाकर साबित कर दिया कि बेटियां किसी से कम नहीं, चाहे वह कोई भी क्षेत्र क्यों न हो। इन खेलों में बेटियों ने ही भारत की झोली में स्वर्ण पदकों की शुरुआत शानदार खेल प्रदर्शन से की। पहले दिन गुरुराजा ने पदक का खाता खोला। उसके बाद मीराबाई चानू ने भारत को स्वर्ण पदक दिलाकर स्वर्णिम सफर की शुरुआत की। कुल 66 पदकों में 35 पदक पुरुष जबकि 28 पदक महिला खिलाड़ियों ने भारत को दिलाएं हैं। 3 पदक मिश्रित युगल वर्ग में भारत को मिले। इसी तरह 26 स्वर्ण पदकों में 13 स्वर्ण पदक पुरुषों ने जबकि 12 स्वर्ण पदक बेटियों ने प्राप्त किए और एक मिश्रित युगल में मिला। 22 पदक हरियाणा के 38 खिलाड़ियों ने जीते। इनमें 2 स्वर्ण सहित 7 पदक बेटियों ने ही दिलाए।

21वें राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह में रियो ओलम्पिक की रजत पदक विजेता पी.वी. सिंधु ने भारतीय झंडा थामे 218 सदस्यीय दल की अगुआई की, जबकि समापन समारोह की अगुआई पांच बार की विश्व चैंपियन और राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक विजेता मेरी कोम ने की। सायना राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं। सायना ने इस तरह रिकार्ड कायम कर दिया। राष्ट्रमंडल खेलों में एक सामान्य किसान परिवार की बेटी ने अपना दम दिखाया है। महिला वेटलिफ्टर पूनम यादव ने 69 किलोवर्ग भार स्पर्धा में भारत को पांचवां गोल्ड मेडल दिलाया, वहीं भारत की श्रेयसी सिंह ने महिलाओं की डबल ट्रैप स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर निशानेबाजी रेंज पर भारत का शानदार प्रदर्शन कर देशवासियों के सीना गर्व से फुला दिया। हरियाणा की 16 वर्षीय मनु भाकर ने अपने पहले ही कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीत लिया है। मनु ने महिलाओं के 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में भारत को  इन खेलों का छठा गोल्ड दिलाया। इसी स्पर्धा में भारत की ही हीना सिद्धू ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। भारत की महिला शूटरों की बात करें तो गोल्ड कोस्ट में 50 मीटर राइफल के इवेंट में रजत पदक जीतनेवाली तेजस्विनी सावंत की अपनी अलग पहचान है जिन्हें लोग ‘राइफल क्वीन’ भी कहते हैं। पी.वी. सिंधु ने भी शानदर खेल प्रदर्शन कर रजत पदक भारत को दिलाया।  21वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने 15 खेलों में भाग लिया जिसमें 9 खेलों में पदक हासिल किए हैं। सब से ज्यादा 7 गोल्ड मेडल शूटिंग स्पर्धा में जीते। इसके बाद वेटलिफ्टिंग में पहली बार 5 गोल्ड मेडल जीतकर भारत ने इतिहास रच दिया। इन खेलों में भारत की तरफ से कुल 218 एथलीटों ने हिस्सा लिया था, जिनमें 115 पुरुष खिलाड़ी और 103 महिला खिलाड़ी थे। इस दौरान भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से कई रिकार्ड टूटे तो कई नए रिकार्ड भी कायम हुए। ट्रेक एण्ड फील्ड से भारत को तीन मेडल मिले, जिसमें एक गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल शामिल है। नीरज चोपड़ा, सीमा पुनिया ओर नवजीत ढिल्लों ने पदक जीते। युवा खिलाड़ियों ने पदकों की झड़ी लगा दी।

बैडमिंटन से भारत को पहली बार कुल 6 पदक मिले, जिसमें 2 गोल्ड, 3 सिल्वर ओर 1 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। भारत की साइना नेहवाल ने गोल्ड मेडल जीता। मुक्केबाजी में भारत को कुल 9 पदक मिले, जिसमें 3 गोल्ड, 3 सिल्वर, और 3 ब्रॉन्ज मैडल शामिल हैं। मुक्केबाज मेरी कोम, विकास कृष्ण और गौरव सोलंकी ने गोल्ड मेडल पर पंच लगाया।  पैरा पावर लिफ्टिंग में सचिन चौधरी ने ब्रॉन्ज मेडल भारत की झोली में डाला। शूटिंग में भारत को सब से ज्यादा 16 पदक हासिल हुए हैं, जिसमें 7 गोल्ड, 4 सिल्वर, और 5 ब्रॉन्ज मेडल भारत के नाम हुए। जीतू राय, अनीश, संजीव राजपूत, मनु भाकर, हीना सिद्धू, तेजस्विनी सावंत, श्रेयशी सिंह ने शूटिंग से गोल्ड को निशाना बनाया। स्क्वेश में भारत को 2 सिल्वर मेडल मिले। जोशना चिनप्पा ओर दीपिका पल्लीकल ने मिक्स्ड डबल्स में सिल्वर जीतकर जबकि मिश्रित युगल में सौरव घोषाल और दीपिका ने रजत पदक प्राप्त कर भारत का मान बढ़ाया ।

टेबल टेनिस में पहली बार भारत को कुल 8 पदक हासिल हुए, जिनमें 3 गोल्ड मेडल, 2 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। पुरुष और महिला टीम इवेंट में गोल्ड, महिला सिंगल्स में मनिका बत्रा ने गोल्ड भारत के नाम किया।

भारतीय वेटलिफ्टरों ने 5 गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। यह पहला मौका है जब भारत ने वेटलिफ्टिंग में सब से ज्यादा गोल्ड मेडल अपने नाम किए, जिसमें मीराबाई चानू, संजीता चानू, पूनम यादव, सतीश शिवलिंगम, वेंकट राहुल जैसे खिलाड़ियों ने स्वर्ण पदक भारत की झोली में डालकर इतिहास रच दिया।

कुश्ती में भारत को कुल 12 पदक हासिल हुए, जिनमें 5 गोल्ड मेडल, 3 सिल्वर, 4 ब्रॉन्ज पदक शामिल हैं। विनेश फोगाट, सुशील कुमार, बजरंग, राहुल अवारे, सुमित मलिक ने गोल्ड पदक जीतकर भारत के स्वर्ण पदकों में बढ़त बनाई।

भारत को पहला पदक 1934 में मिला

राष्ट्रमंडल खेल पहली बार हेमिल्टन शहर ओंटेरियो कनाडा में आयोजित हुए थे। तब इसमें 11 देशों के 40 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। इनमें भारत शामिल नहीं था। भारत ने 1934 में  पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लिया, जिसमें वह 12हवें स्थान पर रहा। तब भारत के लिए पहला पदक रसीद अनवर ने जीता था। इसके 34 वर्ष बाद 1958 में कार्डिफ में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में मिल्खा सिंह ने 400 मीटर की रेस में स्वर्ण पदक जीता था।

पिछले राष्ट्रमंडल खेलों पर नजर डालें तो भारत ने 2014 के ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में जीते 15 स्वर्ण सहित 64 पदकों की कुल संख्या को पीछे छोड़ दिया। भारत का राष्ट्रमंडल खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अपनी ही मेजबानी में 2010 दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में दूसरा स्थान प्राप्त कर किया था, जिसमें 38 स्वर्ण सहित कुल 101 पदक जीते थे। 2002 के मैन्चेस्टर राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने 30 स्वर्ण सहित 69 पदक जीते थे और वह चौथे स्थान पर रहा था। राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में भारत के पास अब तक कुल 504 पदक हो गए हैं, जिनमें 181 स्वर्ण, 175 रजत और 148 कांस्य पदक शामिल हैं। यह उपलब्धि प्राप्त करने वाला भारत  विश्व में पांचवें नंबर का देश हो गया ।

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