आम आदमी की एकता और ताकत से सहमा बॉलीवुड

ताकतवर होना किसे पसंद नही होता।
और जब एक आम आदमी को इतनी ताकत का एहसास होने लगे की वो बड़े से बड़े आदमी को झुका सकता है, तो यह तो किसी गरीब को लॉटरी लगने वाली बात हो गई।
बॉलीवुड जिस तरह अपने नाम शोहरत और पैसे की चकाचौंध में डूबा रहता था और आम जनता को अपनी अय्याशी दिखाकर जलाने का काम करता था, जनता ने उसका हिसाब लेना शुरू कर दिया है।
जनता के पैसे से ही इतनी बुलंदियों तक पहुंचने वाले ये बॉलीवुडिये अब जनता की एकता के साथ किए जाने वाले बॉयकॉट ट्रेंड के आगे गिड़गिड़ाने को विवश हो गए हैं।
जो आम आदमी कल तक बॉलीवुड वालों के लिए पैसे की कमाई का ज़रिया मात्र था वो आम आदमी अब एक साथ खुद को इतना सशक्त महसूस करने लगा है की उसकी खुशी का ठिकाना नहीं है।
बड़े से बड़ा बॉलीवुड का स्टार अब इस बात से चिंतित है है की वो अगली फिल्म बनाए या न बनाए, क्योंकि फिल्म के चलने का तो अब भरोसा ही नही रह गया है।
बड़े-बड़े योद्धा घुटनों पे बैठे हैं और आम आदमी सीना तानकर उनके सामने खड़ा है।
अब आम आदमी ही सबसे ताकतवर बन गया है।
सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद से ही बॉलीवुड के बुरे दिन शुरू हो गए थे । कहा जाता है कि तब से ही आम आदमी ने बॉलीवुड को सबक सिखाने का मन बना लिया था जिसकी परणीती आज बॉयकॉट बॉलीवुड  के रूप में दिखाई दे रही है।

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