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हिंदू स्वयंसेवक संघ : वैश्विक स्तर पर रा.स्व.संघ का प्रभाव

हिंदू स्वयंसेवक संघ : वैश्विक स्तर पर रा.स्व.संघ का प्रभाव

by हिंदी विवेक
in विशेष, संस्कृति, सामाजिक, सांस्कुतिक भारत दीपावली विशेषांक नवंबर-2022
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हिंदू स्वयंसेवक संघ ने 1947 में अपनी स्थापना से लेकर अब तक लगातार विश्व भर में सनातन संस्कृति की अलख जगा रखी है। चाहे 2005 में सुनामी के दौरान श्रीलंका में की गई मानव सेवा हो या मलेशिया में बढ़ते आत्महत्या के मामलों में सरकार की सहायता करना, संघ के स्वयंसेवकों और प्रचारकों ने हर कदम पर मानव सेवा के संकल्प को पूरा किया है।

हिंदू स्वयंसेवक संघ का कार्य वर्ष 1947 में अफ्रीका खंड के केनिया देश में प्रारम्भ हुआ ।

तद्पश्चात वरिष्ठ प्रचारक स्वर्गीय राम प्रकाश धीर जी के अथक प्रयास से म्यांमार (ब्रह्मदेश) में अनेक शाखाएं शुरू हुई और अनेक प्रचारक वहां से कार्यरत हुए। भगवान बुद्ध के जीवन पर आधारित विशाल प्रदर्शनियां 76 स्थानों में की। इसके कारण अनेक स्थानिक लोग जुड़ते गए और कार्यकर्ता भी बने। राम प्रकाश जी के सादगी और त्यागमय जीवन से प्रभावित ब्रह्मदेश के बौद्ध सन्यासी समाज भी उनको आदरपूर्वक स्याजी यानी गुरूजी शब्द से सम्बोधित करते थे। म्यांमार सरकार ने उनको देश भर रेल से प्रवास करने हेतु प्रथम श्रेणी का पास दिया था। राम प्रकाश धीर जी ने थाइलैंड में भी 3 स्थानों पर भगवान् बुद्ध के विशाल प्रदर्शनियां लगायी थीं। ब्रह्मदेश के ही एक और प्रचारक डॉ राम निवास जी अनेक बौद्ध साधुओं को संस्कृत, हिंदी, पाली और अंग्रेजी सिखाते आ रहे हैं। सरकार भी इनसे अनेक बार सलाह लेती है।

संयुक्त राष्ट्र ने की प्रशंसा

मलेशिया में संघ कार्य प्रारम्भ करने में कई बाधाएं थी। लाखों तमिल हिंदुओंको 150 वर्ष पूर्व अंग्रेज मजदूर के नाते ले गए थे। स्वाभाविक रूप से इनको संघ की जानकारी नहीं थी और समाचार पत्रों के अपप्रचार के कारण संघ से दूर रहना ही उचित समझते थे। आज वहां लगभग 20 लाख हिन्दू रहते हैं और अनेक युवावर्ग हिन्दू सेवा संघ में सक्रिय हैं। कैमरान हाइलैंड में हिन्दू भारी मात्रा में आत्महत्या करते थे। सरकार के अनेक प्रयास निष्फल रहे। प्रचारक रामाजी और करू जी के अथक परिश्रम से वहां शाखा भजन मंडली कुटुम्ब प्रबोधन के कार्यक्रम करते-करते लोगों में जागृति लायी और आत्महत्या करने वालों की संख्या घट गयी। संयुक्त राष्ट्र ने मलेशिया सरकार को बधाई दी और वहां की सरकार ने हमारे प्रचारक रामा जी को 50,000 मलेशियन डॉलर रकम देकर सम्मानित किया। मलेशिया में बाढ़, रेल अपघात, कारखानों में आग के समय संघ के अनेक कार्यकर्ता सेवा कार्य, रक्त दान शिविर करते हुए दिखते हैं। वर्ष 2007 में मलेशिया की सरकार एक के बाद एक, भव्य और पुराने हिन्दू मंदिर तोड़ रही थी। प्रचारक रमा जी के मार्गदर्शन में ‘हिंदू राइट्स एक्शन फोर्स’ नामक संस्था की स्थापना हुई और देशव्यापी आंदोलन प्रारम्भ किया। यह मलेशिया के इतिहास में सबसे बड़ा प्रदर्शन था। आगे चलकर चुनाव में सत्तारूढ़ दल को बहुत क्षति पहुंची और प्रधान मंत्री को त्याग पत्र देना पड़ा। बाद में मंदिरों को तोड़ना रुक गया। विश्व में 100 शाखा का संकल्प पूर्ण करने वाला पहला देश मलेशिया बना। विश्व विभाग की पहली प्रचारिका मलारजी भी मलेशिया की हैं। मलेशिया में ही जन्मे 8 प्रचारक संघ के कार्य में लग गए। इन सब सकारात्मक गतिविधियों के कारण भारतीयों का स्थान अन्य समाजों के बीच बहुत अच्छा है।

पूज्य माता अमृतानंदमयी का यशस्वी श्रीलंका प्रवास

26 दिसंबर 2004 में सुनामी आने के कुछ ही घंटों में हमारे 700 स्वयंसेवक सेवा कार्य में लग गए। दक्षिण पूर्व एशिया के प्रचारक रामा जी के मार्गदर्शन में सारे सेवा कार्य सम्पन्न हुए। हमारे निमंत्रण पर भारत की प्रसिद्ध संत पूज्य माता अमृतानंद जी श्रीलंका के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण कर सेवा कार्य करने हेतु आई। हवाई अड्डे पर उनका स्वागत स्वयं प्रधान मंत्री जी ने किया और उनको अपने विशेष विमान में बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा कराया। फिर माता जी ने लिट्टे के प्रभाव वाले क्षेत्र में दौरा किया। राष्ट्रपति चन्द्रिका कुमारतुंगा जी ने भी उनका राजमहल में स्वागत किया। माताजी ने तमिलों और सिंहलियों के लिए 1000 घरों का निर्माण करके सभी का दिल जीत लिया।

अमेरिका में मंत्री पद

अमेरिका में वर्ष 2005 के कैटरीन तुफान में संघ के अनेक कार्यकर्ताओं ने छुट्टी लेकर पीड़ित लोगों की सेवा की। अमेरिका कि प्रथम महिला श्रीमती लारा बुश ने हमारे कई कार्यकर्ताओंको प्रमाण पत्र भेजकर सम्मानित किया। 2009 से 2011 तक राष्ट्रपति ओबामा के मंत्री मंडल में सोनल शाह मंत्री रहीं। वर्ष 2001 में उन्होंने भारत में पूर्णकालिक कार्यकर्ता के नाते सेवा कार्य किया था। उन्होंने अनेक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं। उनके पिता रमेशभाई शाह एकल विद्यालय के अध्यक्ष हैं और उनको 2017 में ‘प्रवासी भारतीय सम्मान’ पुरस्कार मिला था।

स्कॉटलैंड में जब बाढ़ आई थी, वहां के लोगों को आश्चर्य तब हुआ, जब उन्होंने देखा कि उनकी सेवा करने Bread – Butter के साथ खाखरा और समोसा लेकर हमारे कार्यकर्ता नाव चलाकर उनके पास पहुंच गए थे। इंग्लैंड के युवराज चार्ल्स और पूर्व प्रधान मंत्री टोनी ब्लेयर ने सेवा इंटरनेशनल की प्रशंसा सार्वजनिक स्थानों में की है।

चेन्नई कार्यकर्ता नरेंद्रन जी का उप-राष्ट्रपति श्रीमती कमला हारिस से संवाद

चेन्नई के कार्यकर्ता नरेंद्रन जी अमेरिका की उप राष्ट्रपति श्रीमती कमला हारिस को समझा सके कि कोरोना का संक्रमण टलने तक कोरोना वैक्सीन पर इंटेलेक्चुअल प्रापर्टी टैक्स कानून लगाना उचित नहीं है। भारत विश्व को बाजार नहीं अपितु एक परिवार मानता है। उनके वक्तव्य से प्रभावित होकर श्रीमती कमला हारिस ने करोड़ों रुपये कीमत की कोरोना की दवाईयां भेंट में दी। नरेंद्रन जी ने उन्हें भारत के अलग अलग राज्यों में वितरित किया ।

राहुल गांधी को इटली से निराश लौटना पड़ा

भारत विरोधी तत्वों का इटली में प्रयास है कि पोप प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत यात्रा में न जाएं। इसलिए उनहोंने वहां के समाचार पत्रों में विषय चलाया कि, भारत में मुसलमान और ईसाइयों पर अन्याय हो रहे हैं – चर्च जलाये जा रहें हैं, मुस्लिम समाज का कत्लेआम हो रहा हैं, औरतें घर से बाहर निकल नहीं सकती हैं,  इत्यादि। जब नरेंद्रन जी को यह पता चला, तो उन्होंने इटली के वासुदेव शेनॉय की मदद से दक्षिण भारत के प्रसिद्ध अभिनेत्री खुशबू खान, सुप्रीम कोर्ट के वकील सुबुही खान, प्रसिद्ध ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. मजीद अहमद तलीकोटी और गोवा के लेखक सेवियो रॉड्रिग्स के इटली में कई ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस करवाए। अनेक वर्त्तमान पत्रों में इन प्रेस कांफ्रेंसों के समाचार छपने लगे। जब राहुल गांधी पोप को भारत यात्रा रद्द करने के संदर्भ में मिलने के लिए इटली पहुंचे तो पोप ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया।

8 मार्च को विश्व महिला दिवस पर ऑनलाइन कार्यक्रम में इटली के 500 से अधिक प्राध्यापक, सरकारी उच्च अधिकारी, मंत्री उपस्थित थे। इस परिसंवाद में रेखा शर्मा (अध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला आयोग),  डॉ नीना मल्होत्रा (इटली में भारतीय राजदूत), बृंदा जागीरदार (अर्थशास्त्री), नित्यश्री महादेवन (शास्त्रीय गायिका), डॉ विनय सहस्रबुद्धे, नरेंद्रन, वासुदेव और रवि कुमार अय्यर ने सम्बोधित किया। श्रोताओं को सुनकर आश्चर्य हुआ कि भारत में महिलाओं को विश्वविद्यालय प्रवेश में और सार्वभौमिक मताधिकार में कभी संघर्ष नहीं करना पड़ा ।

रवि कुमार अय्यर की पुस्तक धेसर -Yoga – Bharat’s lnvaluable Gift To the World में प्रधान मंत्री ने अपना सन्देश दिया है। इस पुस्तक का विमोचन वर्ष 2015 जून 21 को प्रथम विश्व योग दिवस पर न्यू-यॉर्क शहर में विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज जी के हाथों से हुआ था। हांगकांग शहर में पूर्व उप प्रधान मंत्री लाल कृष्ण अडवाणी के हाथों और दुबई में प्रसिद्ध गायक येसुदास के हाथों से भी विमोचन हुआ ।

रवि कुमार अय्यर की पुस्तक ‘इजराइल में भारतीय वीरों की शौर्यगाथा’ का विमोचन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के हाथों से होने के बाद तीन मूर्ति चौक का नाम बदलकर तीन मूर्ति हैफा चौक रखा गया है। इजराइल के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री जब भारत यात्रा में आए, तब उनको राज घाट न ले जाकर, तीन मूर्ति हैफा चौक में लाया गया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जब इजराइल यात्रा पर गए थे, तब हैफा शहर जाकर हमारे वीरों की स्मृति में एक स्मृति चिह्न लगाया ।

2019 में सिंगापुर में स्टैम्फोर्ड रैफल्स के आगमन का 200 वां वर्ष मनाया जा रहा था। सिंगापुर इंडियन चैम्बर आफ कॉमर्स ने मुझे सिंगापुर में भारतीयों के योगदान पर लेख लिखने को कहा। मैंने अपने लेख में लिखा कि, वर्ष 1299 में किंगडम ऑफ सिंगापुर का निर्माण करनेवाले हिन्दू राजा संगनील उत्तम को देश का पितामह मानना चाहिए। 1819 में ईंट भट्टा लगाकर और कपड़े का व्यापार प्रारम्भ कर सिंगापुर का शहरीकरण करने वाले नारायण पिल्लई को आधुनिक सिंगापुर का पिता मानना चाहिए। आज संगनील उत्तम और नारायण पिल्लई की मूर्तियां सिंगापुर नदी के किनारे देखकर मन अति गौरवांवित और उत्साहित होता है। ऑस्ट्रेलियाई फौज का निर्माण 1915 में हुआ था। उसमें कम से काम 72 भारतीय मूल के योद्धा प्रथम विश्व युद्ध में ऑस्ट्रेलिया के झंडे के नीचे लड़ रहे थे। कई लोगों की मृत्यु युद्धभमि में हुई थी। ऑस्ट्रेलिया हिन्दू स्वयंसेवक संघ ने यह बात सिडनी के सांसद के ध्यान में लाया और अब सिडनी में भारतीय वीरों के स्मरण में एक स्मारक बनाया है। इस स्मारक के उद्घाटन में संघ के अधिकारियों को याद करके बुलाया गया था।

आज रूस और यूक्रेन बीच युद्ध हो रहा है और सारा यूरोप बंटा हुआ है। सीरिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान में गृह युद्ध अनेक वर्षों से चल रहे हैं। सऊदी अरब के विमान, यमन देश में बम की वर्षा कर रहे हैं। अरब, कतर, ईरान और तुर्की के बीच शीत युद्ध चल रहा है। जापान, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया जैसे अनेक देश चीन से सम्बन्ध तोड़ रहे हैं। अमेरिका का विश्व में स्थान नीचे गिरता दिख रहा हैं। कोरोना संक्रमण के बावजूद भारत आर्थिक प्रगति कर रहा है। यूरोप, तुर्की और अन्य देशों को अनाज, दवाई और वैक्सीन भेज रहा है। ऐसे समय पर विश्व शांति की आशा लेकर अनेक देशों के नेतागण भारत यात्रा पर आ रहें हैं।

विश्व भारत को भगवान राम और भगवान बुद्ध का देश मानता है। इसलिए हिन्दू को जगना है – जगाना है – अपने पुरुषार्थ को पहचानना है। पुरुषार्थ का परिचय देना है ।हिन्दू जगे तो विश्व जागेगा – मानवता का विश्वास जागेगा।

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