रंगोली के रंग
यह थी प्रणव के जीवन की सबसे चमचमाती-झिलमिलाती दिवाली -आज फिर उसके घर आँगन में अदिति रंगोली बना रही थी और वह नटखट बच्चों की तरह उनमें रंग भर रहा था -पूरा घर प्रणव-अदिति की हंसी ठिठोली से गूँज रहा था...लग रहा था मानो एक नया इंद्रधनुष सा छा गया हो - आज की रंगोली के रंग ही इतने सुन्दर थे ।