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ऋषि सुनक एवं उनसे पूर्व के राष्ट्र प्रमुख

ऋषि सुनक एवं उनसे पूर्व के राष्ट्र प्रमुख

by हिंदी विवेक
in दिसंबर २०२२, राजनीति, विशेष, सामाजिक
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ऋषि सुनक का इंग्लैंड का प्रधान मंत्री बनना तो एक बानगी मात्र है। इससे पहले समय-समय पर विश्व के हर कोने में भारतवंशी राष्ट्र प्रमुख होते रहे हैं परंतु ऋषि का इस पद तक पहुंचना इसलिए बहुत अर्थ रखता है कि वे उस ग्रेट ब्रिटेन की सत्ता के शिखर पर पहुंचे हैं जिसने भारत पर 200 वर्षों तक राज किया था।

जब 25 अक्तूबर 2022 को यूनाइटेड किंगडम के महाराज चार्ल्स तृतीय द्वारा, ऋषि सुनक को यूनाइटेड किंगडम का प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया तो हर हिंदू गर्वित हुआ। ऋषि सुनक ब्रिटेन के भारतीय मूल के प्रथम प्रधान मंत्री तथा प्रधान मंत्री कार्यालय का कार्यभार संभालने वाले पहले हिंदू हैं। केवल 7 सप्ताह की अवधि में बोरिस जॉनसन के पार्टी गेट घोटाले में पीछे हटने और लिज ट्रस्ट के मिनी बजट की असफलता के बाद प्रधान मंत्री बनने वाले, वे तीसरे व्यक्ति हैं। ब्रिटेन के पिछले 210 वर्षों के इतिहास में 42 वर्ष की उम्र में प्रधान मंत्री बनने वाले वे सबसे युवा व्यक्ति हैं। इससे पूर्व 2020 से 2022 तक वे ‘चांसलर ऑफ द एक्सचेकर’(वित्त मंत्री) के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में गीता पर हाथ रखकर सांसद बनने की शपथ ली थी। सुनक और उनकी पत्नी ने 2022 में  भारतीय त्योहार ‘कृष्ण जन्माष्टमी’ मनाया था और ‘भक्ति वेदांत मेनर’ नामक मंदिर में गाय की पूजा की थी। उनके दादी-दादा गुजरानवाला के थे, जो अब पाकिस्तान में स्थित है।

ऋषि सुनक ने स्पष्ट रूप से बताया है कि किस तरह उन्हें अपने जीवन में नस्लवाद का सामना करना पड़ा और किस तरह, 1960 में पूर्वी अफ्रीका से आकर ब्रिटेन में बसते समय उनके परिवार ने संघर्ष किया है।

विदेशों में ऋषि सुनक से पूर्व के हिंदू राष्ट्र प्रमुख

विश्व भर के 9 भिन्न-भिन्न देशों में प्रधान मंत्री/राष्ट्रपति बनने वाले भारतीय मूल के 21 हिंदू पुरुषों एवं एक हिंदू महिला की सूची में, ऋषि सुनक नवीनतम हैं। इन देशों में तीन एशियाई (फिजी, न्यूजीलैंड एवं सिंगापुर), 3 वेस्टइंडीज (गुयाना, सूरीनाम तथा त्रिनिदाद एवं टोबैगो), दो यूरोपीय (आयरलैंड एवं यूके) तथा एक अफ्रीकी (मॉरीशस) देश शामिल है। इनमें से 7 पदधारी राष्ट्र प्रमुख हैं। विभिन्न राष्ट्रों में अलग-अलग राजनीतिक पदों पर बैठने वाले भारतीयों में से कुछ प्रमुख निम्न हैं।

तुलसी गबार्ड- संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में निर्वाचित होने वाली प्रथम भारतीय हैं; उन्होंने 2013 में भगवद्गगीता पर हाथ रखकर अपने पद की शपथ ली थी।

आलोक शर्मा- इंग्लैंड के सांसद जिन्होंने 2019 में भगवद्गगीता पर हाथ रखकर हाउस ऑफ कॉमंस में शपथ ली थी।

डॉ. गौरव शर्मा- न्यूजीलैंड के सांसद, जिन्होंने 2020 में संस्कृत में शपथ ली थी और ऐसा करने वाले वे देश के पहले विधि निर्माता बने।

बासदेव पांडे- बासदेव पांडे 6 वर्ष (नवम्बर 1995- दिसम्बर 2000) त्रिनिदाद एवं टोबैगो के प्रधान मंत्री रहे। उन्होंने जनवरी 2000 में ‘पूजा 2000’ के अवसर पर हनुमान चालीसा गाकर 50,000 लोगों की भारी भीड़ को मंत्रमुग्ध कर दिया। अभी तक किसी प्रधान मंत्री ने हिंदू समाज के साथ इस तरह वास्तविक एवं भावनात्मक रूप से प्रार्थना करने का प्रयास नहीं किया था। अगले छंद में लोग भी साथ में गाने लगे। जब अंत में प्रधान मंत्री ने ‘प्रेम से बोलो हनुमान जी की जय’ का उद्घोष किया तो हजारों की भीड़ ने उनके सुर में सुर मिलाया, जिसकी आवाज मीलों दूर तक सुनी जा सकती थी। 2005 में उन्हें ‘प्रवासी भारतीय सम्मान’ से पुरस्कृत किया गया।

कमला प्रसाद बिसेसर: कमला प्रसाद बिसेसर 5 वर्ष (मई 2010-सितम्बर 2015) त्रिनिदाद एवं टोबैगो की प्रधान मंत्री रहीं। वे न केवल त्रिनिदाद एवं टोबैगो की बल्कि समूचे कैरेबियाई प्रदेश (वेस्टइंडीज) की प्रथम महिला प्रधान मंत्री थीं। वे देश की प्रथम महिला अटॉर्नी जनरल, विपक्ष की नेता, कॉमनवेल्थ देशों की पहली महिला सभापति ही नहीं रहीं बल्कि भारत के बाहर भारतीय मूल की प्रथम प्रधान मंत्री बनीं। 2012 में ‘प्रवासी भारतीय सम्मान’ से नवाजे जाने के बाद उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के चरणस्पर्श कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया।

चंद्रिका प्रसाद संतोखी: (जन्म 1959), जुलाई 2020 से सूरीनाम के प्रधान मंत्री पद पर विद्यमान हैं। उन्होंने हिंदू, संस्कृत श्लोकों एवं मंत्रों का उच्चारण करते हुए, वेदों को अपने हाथ में धारण किए शपथ ली।

प्रवासी भारतीय सम्मान

भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीयों को उनके सम्बंधित देशों में योगदान के लिए ‘प्रवासी भारतीय सम्मान’ पुरस्कृत किया जाता है। इस पुरस्कार की शुरुआत 2003 में वाजपेयी सरकार ने की थी।

हिंदू राष्ट्र प्रमुख

11 हिंदू राष्ट्र प्रमुख निम्नलिखित हैं-

  1. सर शिवसागर रामगुलाम- 14 वर्ष (मार्च 1968-जून 1982) मॉरीशस के प्रधान मंत्री रहे। उन्हें व्यापक रूप से मॉरीशस के संस्थापक के तौर पर जाना जाता है। मॉरीशस की विभिन्न सड़कों एवं सार्वजनिक स्थानों के नाम, उनके नाम पर रखे गए हैं। मॉरीशस मुद्रा के हर सिक्के एवं 2000 के सबसे बड़े नोट पर भी उनका चित्र अंकित है। पोर्ट लुइस में सर शिवसागर रामगुलाम बोटैनिकल गार्डन तथा पटना (बिहार) के उनके पैतृक गांव में भी उनके स्मारक बनाए गए हैं।

  2. देवन नायर – 3 वर्ष (अक्टूबर 1981-मार्च 1985) सिंगापुर के राष्ट्रपति रहे। उनके श्रम आंदोलन में दिए गए योगदान के सम्मान में 2014 में प्रधान मंत्री ली सीन लूंग द्वारा ‘देवन नायर इंस्टीट्यूट फॉर एंप्लॉयमेंट एंड एम्पलॉइबिलिटी’ नामक संस्थान का उद्घाटन किया गया।

  3. लक्ष्मीप्रसाद रामदत मिसियर – 5 वर्ष (फरवरी 1982-जनवरी 1988) सूरीनाम के राष्ट्रपति रहे। सूरीनाम के भूतपूर्व राष्ट्रपति जूल्स विज्डन बॉश के शब्दों में, “उन्होंने सूरीनाम के नए प्रजातंत्र की स्थापना के पूर्वकाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने देश का अभूतपूर्व विकास किया ।”

  4. अनिरुद्ध जगन्नाथ – 1982 से 2017 के बीच 18 वर्ष मॉरिशस के प्रधान मंत्री तथा 8 वर्ष राष्ट्रपति रहे। उन्हें 1980 में रानी का वकील एवं 1983 में प्रिवी काउंसिल का सदस्य बनाया गया। 1988 में उन्हें ‘नाइट’ की उपाधि प्रदान की गई।

  5. प्रताप राधा किशन – 264 दिन (1986-1987) सूरीनाम के प्रधान मंत्री रहे।

  6. रामसेवक शंकर – 2 वर्ष 333 दिन (1988-1990) सूरीनाम के राष्ट्रपति रहे। उनकी सरकार का शांतिपूर्ण ढंग से सैन्य तख्तापलट किया गया।

  7. वीरासामी रिंगाडू – 110 दिन (1992) मॉरीशस के राष्ट्रपति रहे। इससे पूर्व वे 1986 से 1992 तक मारीशस के अंतिम गवर्नर जनरल भी रहे।

  8. छेदी जगन – 4 वर्ष (1992-1997) गुयाना के राष्ट्रपति रहे। 1953 में गुयाना के राष्ट्रपिता के तौर पर उन्हें सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति सैम हिंड्स ने उनका वर्णन ‘इस भूमि पर अवतरित होने वाले महानतम पुत्र एवं बलिदानी’ के रूप में किया। छेदी जगन रिसर्च सेंटर जॉर्जटाउन में उनके जीवन एवं कार्यों को प्रदर्शित किया गया है।

  9. बासदेव पांडे- 6 वर्ष (नवंबर 1995-दिसंबर 2001) त्रिनिदाद एवं टोबैगो के प्रधान मंत्री रहे।

  10. नवीनचंद्र रामगुलाम – 19 वर्ष (1995-2014) मॉरीशस के प्रधान मंत्री रहे।

  11. ऋषि सुनक – 25 अक्तूबर 2022 से यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री हैं।

                                                                                                                                                                                     रवि  कुमार अय्यर

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