संघर्ष के आभामंडल से दीप्त हैं कविताएं

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अटल जी की नेतृत्व क्षमता और लोगों को साथ लेकर चलने की प्रवृत्ति उनकी कविताओं में भी परिलक्षित होती है। उन्होंने बहुत बार इस बात को माना कि उनके विराट राजनीतिक व्यक्तित्व के साए तले उनकी कविताओं को वह ऊंचाई न मिल सकी, जिनकी वे हकदार थीं।

लोक जीवन के चितेरे भिखारी ठाकुर

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भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर ने ठेठ देशज नौटंकी को  एक नए शिखर तक पहुंचाने का कार्य किया था। अपने नाटकों में वे हमेशा सामाजिक कुरीतियों पर तीखा प्रहार करते थे। उनकी जीवनगाथा हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणास्पद है, जिसे अपने जीवन की शुरुआत शून्य से करनी है तथा, उसके मन में असीम सम्भावनाओं वाला एक बड़ा लक्ष्य हो।

संघ कार्यों के विस्तारक बालासाहब देवरस

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बालासाहब देवरस उन चुनिंदा स्वयंसेवकों में से थे, जिन्होंने संघ की पहली शाखा में हिस्सा लिया था। उन्होंने स्वयंसेवकों की एक बेहतरीन टीम खड़ी की, जिन्होंने देशभर में संघ के कार्यों को विस्तार दिया। उन्होंने 1980 के दशक में रामजन्मभूमि आंदोलन को भी पुनर्जीवित किया, जिसका परिणाम हम भव्य राम मंदिर के रूप में सामने देख रहे हैं।

बाबरी विध्वंस और मंदिर निर्माण की राष्ट्र यात्रा

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भारतीय राजनीति में 6 दिसम्बर का उल्लेखनीय महत्व है। इस दिन देश में हजारों सालों से हाशिए पर रहे वंचित वर्ग के उन्नायक डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस है। साथ ही, भारतीय संस्कृति के प्रतीक प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर हुए विदेशी अतिक्रमण को हटाने की शुरुआत भी इसी दिन हुई थी। बाबासाहेब द्वारा बनाए गए संविधान की छाया में आज भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य  हो रहा है।

लैंड जिहाद : इस्लामीकरण की दस्तक

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देश के हर कोने में मुस्लिमों की बढ़ती जनसंख्या, बदलते डेमोग्राफिक आंकड़े के साथ ही ‘लैंड जिहाद’ भी एक बड़ी और गम्भीर समस्या बन कर उभरी है। सामान्य स्थानों के अलावा हिंदुओं के धार्मिक स्थानों पर भी इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। यदि इस पर समय रहते लगाम नहीं लगाया गया तो वह दिन दूर नहीं जब एक अलग इस्लामिक देश की मांग फिर से उठने लगेगी।

स्वदेशी के दम पर आत्मनिर्भर होता भारत

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भारत में चीनी सामानों का बढ़ता आयात देश की आर्थिक और सामरिक क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। इसके लिए भारत के हर नागरिक को सोचना होगा। यदि हम भारत में ही उत्पादन बढ़ाने तथा ज्यादा से ज्यादा निर्यात की ओर बढ़ सकें तो बार्डर पर चीन द्वारा आंखें तरेरने के मामले में भी कमी आ जाएगी क्योंकि हमारे आयात के बल पर ही उनकी सामरिक ताकत बढ़ रही है।

सफलता की कहानी

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दुनिया भर में विकलांगों को दोयम दर्जे का स्थान प्राप्त होता है, जबकि सही दिशा मिलने पर वे भी सामान्य जनों की ही भांति जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में बेहतरीन मुकाम हासिल कर सकते हैं। सरकारों ने उनकी तरफ ध्यान देना शुरू कर दिया है परंतु समाज को और जागरुक होना पड़ेगा ताकि समाज का यह प्रभाग भी पूरी तरह मुख्य धारा के साथ चल सके।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होता भारत

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12वें डिफेंस एक्सपो ने संसार को दिखा दिया कि हम आयात करने वाले राष्ट्रों की श्रेणी से बाहर निकल कर प्रमुख निर्यातक राष्ट्रों के ग्रुप में पहुंच गए हैं। इससे हमारी रक्षा प्रणाली तो मजबूत होगी ही, वैश्विक स्तर पर साख में भी बढ़ोत्तरी होगी। प्रधान मंत्री के व्यक्तिगत दिलचस्पी की वजह से इस क्षेत्र में राष्ट्र के प्रगति की अपार सम्भावनाएं हैं।

आओ पहल करें

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प्रदूषण नियंत्रण के लिए हमें किसी दिन विशेष पर आश्रित होने की बजाय सामाजिक स्तर पर बहुत तेजी से कार्य करना चाहिए, क्योंकि इस महामारी ने बहुत खतरनाक रूप धारण कर लिया है। यदि लोग अभी नहीं चेते तो बहुत तेजी से इसके दुष्परिणाम सामने आएंगे और मानव जीवन खतरे में पड़ जाएगा।

भारतीय डिजिटल करेंसी का अर्थ

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भारत सरकार द्वारा जारी की गई डिजिटल करेंसी ‘ई-रुपी’ को बहुत सारे लोग बिटकॉइन इत्यादि की भांति समझ रहे हैं, जबकि यह पूरी तरह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए डिजिटल नोट हैं, जिसमें हर नोट का अलग नम्बर होगा। अंतर यही होगा कि वह नोट अब आपके बटुए की बजाय डिजिटल रूप में होगा। इस योजना से नोटों की छपाई पर होने वाले खर्च में भी कटौती की जा सकेगी।

गलतियां न दोहराना ही  श्रद्धांजलि…

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मोरबी हादसा कोई दुर्घटना मात्र नहीं बल्कि प्रशासनिक और मानवीय लापरवाही का प्रतीक है। इस पर राजनीति करने की बजाय ऐसे हादसे दोबारा न होने पाएं, इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। पुल की मरम्मत का ठेका एक घड़ी बनाने वाली कम्पनी को दिया जाना भी एक बड़ा मुद्दा है। देश भर के ठेकों को लेकर एक सार्थक मानक तय किए जाने की आवश्यकता है।

ऋषि सुनक एवं उनसे पूर्व के राष्ट्र प्रमुख

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ऋषि सुनक का इंग्लैंड का प्रधान मंत्री बनना तो एक बानगी मात्र है। इससे पहले समय-समय पर विश्व के हर कोने में भारतवंशी राष्ट्र प्रमुख होते रहे हैं परंतु ऋषि का इस पद तक पहुंचना इसलिए बहुत अर्थ रखता है कि वे उस ग्रेट ब्रिटेन की सत्ता के शिखर पर पहुंचे हैं जिसने भारत पर 200 वर्षों तक राज किया था।

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