राहुल की इमेज बनाने में गांधी परिवार कितनी कुर्बानी लेगा

राहुल गांधी का राजनीतिक करियर बनाने और उनकी बेरोजगारी को खत्म करने के चक्कर में एक सांसद की जान चली गई । 76 साल के संतोख चौधरी कांग्रेस की भारत छोड़ो यात्रा में 9 किलोमीटर तक पैदल चले फिर यात्रा के दौरान ही जालंधन के फिल्लौर में उनको दिल का दौरा पड़ा और उनकी जान चली गई । उनको फगवाड़ा अस्पताल ले जाया गया जहां पर उनको मृत घोषित कर दिया गया ।

मुझे बाहुबली फिल्म का एक दृश्य याद आता है जब बाहुबली फिल्म का विलेन भल्लाल देव अपनी एक विशाल प्रतिमा बनवाता है और उसकी प्रतिमा के नीचे कुचलने से आम लोग मरने लगते हैं तो उस फिल्म का विलेन भल्लाल देव का पिता कहता है कि कोई दिक्कत नहीं अगर उसके बेटे की राजा की छवि को बनाने के लिए कुछ लोगों की मौत हो जाए तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता । ठीक इसी तरह राहुल गांधी की इमेज बनाने की बहुत भारी कीमत कांग्रेस पार्टी के नेताओं को भुगतनी पड़ रही है ।

पीएम नरेंद्र मोदी, स्वीकर ओम बिरला और सोनिया गांधी ने संतोख चौधरी के निधन पर दुख व्यक्त किया है लेकिन जो चाटुकार राहुल गांधी की टीशर्ट वाली मर्दानगी का टेस्ट करके खींसे निपोर रहे थे उन सारे चमचा पत्रकारों ने इस पर ना कोई टिप्पणी की है और ना ही कोई लेख लिखे हैं । कई प्रसिद्ध पत्रकार जो अब यूट्यूबर बन चुके हैं उन्होंने भी अपने होंठ इस घटना पर सिल लिए हैं ।

संतोख चौधरी के आखिरी वक्त के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने तमिलनाडु से कांग्रेस के सांसद ज्योति मणि का हाल पूछा और फिर अचानक बेहोश हो गए । टीवी न्यूज चैनलों पर कांग्रेस के प्रवक्ता राहुल की भारत छोड़ो यात्रा में भारी भीड़ उमड़ने के दावे कर रहे हैं लेकिन चौधरी की मौत के बाद ये जानकारी प्रकाश में आई है कि तमिलनाडु के सांसद हरियाणा में भी राहुल गांधी के साथ चल रहे हैं । ऐसी भीड़ उमड़ रही है भारत छोड़ो यात्रा में आप समझ सकते हैं गांधी परिवार के वारिस को लॉन्च करने के लिए सोनिया के वफादार अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं

राहुल गांधी ने इस घटना के बाद अपनी यात्रा को 24 घंटे के लिए स्थगित कर दिया । उन्होंने इस मृत्यु पर शोक जताते हुए एक ट्वीट भी किया । पंजाब में इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है और दावा ये किया जा रहा है कि राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के साथ जो एंबुलेंस चल रही है उसमें उचित व्यवस्था नहीं थी ।

वहीं दूसरी तरफ ये बात भी साफ नजर आ रही है कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस पार्टी के सांसदों नेताओं और कार्यकर्ताओं पर कितना भारी दबाव है । 5 दिसंबर को दैनिक जागरण के राष्ट्रीय संस्करण में सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस के अध्यक्ष खड़गे की एक तस्वीर छपी थी जिसमें खड़गे का ये बयान भी छपा था कि कांग्रेस के अंदर जवाबदेही से बचने वाले नेताओं को अपने सहयोगियों के लिए रास्ता छोड़ना होगा । इस तरह की बात कहकर खड़के ने कांग्रेस पार्टी के सभी वरिष्ठ और बुजुर्ग कांग्रेस नेताओं पर भारी दबाव बनाया था ।

राहुल गांधी को सच्चे अर्थों में हिंदू धर्म को धारण करना चाहिए । एक तरफ उनके नेता शिवराज पाटिल कहते हैं कि गीता में भी जिहाद है और दूसरी तरफ राहुल गांधी कहते हैं कि गीता में लिखा है कि जो होना है वो करते जाओ जो फल मिलना है मिलेगा । इस तरह के अभिनय ईश्वर और प्रकृति कभी बर्दाश्त नहीं करती है ।

जब से राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की है तब से ही लगातार कांग्रेस के नेता भगवान राम का अपमान कर रहे हैं । कभी सलमान खुर्शीद राहुल की तुलना राम से कर देते हैं तो कभी कांग्रेस के नेता नाना पटोले तो कभी राजस्थान के मंत्री परसादी लाल मीणा चाटुकारिता में राहुल को राम के बराबर खड़ा करने की कोशिश करते हैं । प्रकृति कभी ऐसी बातों को बर्दाश्त नहीं करत है वो ऐसे मामलों पर दंड देती है राहुल गांधी ने कहा था कि पांडवों ने कभी जीएसटी नहीं लगाई थी नोटबंदी नहीं की थी और उनको ये भी जान लेना चाहिए कि भगवान राम के साथ चलने वालों को कभी हार्ट अटैक नहीं आया था । राहुल को चाहिए कि वो दिखावा नहीं करें सच्चे अर्थों में राम के भक्त बनें तभी उनका राजनीति में कल्याण हो पाएगा ।

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