अवसरवादी नेताओं से देश रहें सतर्क

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इतनी छापेमारियाँ और नेताओं के मुस्कुराते हुए चेहरे मानों किसी तीर्थस्थल पर जा रहे हों। चेहरे पर कोई शिकन नहीं। फिर भी उनके चमचे बेलचे हत्थे से क्यों उखड़ रहे हैं? अब दिल्ली के शिक्षा मंत्री को ही लीजिए शिक्षालय खोले होंगे शिक्षा के लिए ! प्रचार की इतनी भूख…

राहुल की इमेज बनाने में गांधी परिवार कितनी कुर्बानी लेगा

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राहुल गांधी का राजनीतिक करियर बनाने और उनकी बेरोजगारी को खत्म करने के चक्कर में एक सांसद की जान चली गई । 76 साल के संतोख चौधरी कांग्रेस की भारत छोड़ो यात्रा में 9 किलोमीटर तक पैदल चले फिर यात्रा के दौरान ही जालंधन के फिल्लौर में उनको दिल का…

कम्युनिस्टों के रक्तचरित्र को बयां करती फिल्म- कोथु

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'कोथु' लाल झंडे और भगवा झंडे की निश्चित सीमाएँ लिये वो फ़िल्म है जो कन्नूर की हिंसा से जुड़ी है। कम्युनिस्टों ने बंगाल, झारखंड में हिंसा का सहारा लेकर लम्बे समय शासन किया। केरल भी अछूता नहीं रहा। जहाँ बंगाल में कम्युनिस्टों की भाषा कांग्रेस और फिर तृणमूल ने अपना…

कांग्रेस की भारत तोड़ो यात्रा

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पुनर्स्थापना की महत्वाकांक्षी योजना, “भारत जोड़ो यात्रा” ने अब सौ दिन से अधिक दिन पूरे कर लिए हैं लेकिन यात्रा के दौरान हुयी गतिविधियों और राहुल गांधी के बयानों ने इसे “भारत तोड़ो यात्रा बना दिया है। राहुल गांधी कह रहे हैं कि नफरत के…

चीन पर ऐसी राजनीति देश हित में नहीं 

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चीन पारंपरिक राजनीति फिर देश को निराश कर रही है ।  विपक्ष का काम सरकार से जवाब लेना है। क्या यह हर विषय और मुद्दे पर लागू हो सकता है? चीनी सेना ने तवांग सेक्टर में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर घुसपैठ की असभ्य कोशिश किया यह सच है।…

संसद में ‘माननीय’ कहने योग्य बचे हैं नेता?

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भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां हर व्यक्ति अपनी पसंद से अपना प्रतिनिधि चुनता है और वह प्रतिनिधि अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर संसद में सरकार के साथ या फिर विरोध में रहता है। संसद की कार्यप्रणाली के अनुसार सरकार और विपक्ष एक साथ आकर देश के विकास को लेकर…

मोदी बनाम गांधी परिवार

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प्रचार माध्यमों ने राहुल गांधी या नरेन्द्र भाई मोदी जैसी चर्चा शुरू कर रखी है। इस चर्चा की शुरुवात न संघ ने की है, न भाजफा ने और न ही खुद नरेन्द्र भाई मोदी ने। इसका सारा श्रेय प्रचार माध्यमों को ही देना होगा।

कांग्रेस धराशायी, भाजपा अप्रासंगिक

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पूरा देश दम साधे उत्तर प्रदेश चुनावों की ओर टकटकी लगाए देख रहा था। 6 मार्च को देश में अन्य चार राज्यों मणिपुर, गोवा, उत्तराखंड और पंजाब के चुनाव नतीजे भी घोषित हुए लेकिन जो चुनावी जुनून उत्तर प्रदेश के नतीजों को लेकर देश में था, उसके आगे सारे समाचार फीके हो गए। उत्तर प्रदेश की राजनीति ने हमेशा से देश की राजनीति को प्रभावित किया है।

शर्मनाक! शर्मनाक!!

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क्या केंद्र में सरकार है? इस प्रश्न का उत्तर ‘हां’ या ‘ना’ दोनों में है। ‘हां’ इसलिए कि मौनीबाबा मनमोहन सिंह प्रधान मंत्री हैं और ‘ना’ इसलिए कि सब तरफ गड़बड़झाला है।

व्यक्तिपूजा का खतरा- जून २०११

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अलावा विविधा में ‘मुहाजिरों का राज सिंधियों पर संकट’, कर्णाटक में महिला सशक्तिकरण, आठवां फेरा बेटी का, आप हम सभी ग्राहक, वट सावित्री व्रत का महात्म्य, आईपीएल पैसा या खेल सहित पर्यटन, विलुप्त जीव, राज्यों से समाचार और सम्पादकीय रोचक मनोरम व ह्रदयस्पर्शी है.

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