अवसरवादी नेताओं से देश रहें सतर्क
इतनी छापेमारियाँ और नेताओं के मुस्कुराते हुए चेहरे मानों किसी तीर्थस्थल पर जा रहे हों। चेहरे पर कोई शिकन नहीं। फिर भी उनके चमचे बेलचे हत्थे से क्यों उखड़ रहे हैं? अब दिल्ली के शिक्षा मंत्री को ही लीजिए शिक्षालय खोले होंगे शिक्षा के लिए ! प्रचार की इतनी भूख…