हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
स्वाधीनता संग्राम के क्रांतिवीर निर्मलकांत राय

स्वाधीनता संग्राम के क्रांतिवीर निर्मलकांत राय

by हिंदी विवेक
in ट्रेंडींग, सामाजिक
0

 

देश की स्वाधीनता के लिए गांधी जी के नेतृत्व में जहां हजारों लोग अहिंसक मार्ग से सत्याग्रह कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर क्रांतिवीर हिंसक मार्ग से अंग्रेजों को हटाने के लिए प्रयासरत थे। वे अंग्रेज अधिकारियों के साथ ही उन भारतीय अधिकारियों को भी दंड देते थे, जो अंग्रेजों की चापलूसी कर भारतीयों को प्रताड़ित करने में गौरव का अनुभव करते थे। कोलकाता में तैनात ऐसे ही एक हेड कांस्टेबल हरिपद डे के वध के बाद क्रांतिकारियों ने अब इंस्पेक्टर नृपेन्द्रनाथ घोष को अपने निशाने पर ले लिया। क्रांतिवीर निर्मलकांत राइ

नृपेन्द्रनाथ को यह पता लग गया था कि क्रांतिकारी अब उसके पीछे पड़ गये हैं। अतः वह इतना अधिक भयभीत हो गया कि सोते हुए भी कई बार चौंक कर उठ बैठता और चिल्लाने लगता, ‘‘वे मेरा पीछा कर रहे हैं। देखो, वह पिस्तौल तान रहा है, मुझे बचाओ..।’’ अपने कार्यालय में भी वह प्रायः चारों ओर ऐसे देखने लगता मानो किसी को ढूंढ रहा हो। वह दिन-रात अपने साथ एक अंगरक्षक रखने लगा। उसने उत्सवों में भी जाना बंद कर दिया।

क्रांतिकारियों ने इस बारे में एक गुप्त बैठक की। इसमें प्रतुल गांगुली, रवि सेन, निर्मल राय तथा निर्मलकांत राय शामिल हुए। बैठक में यह विचार हुआ कि चूंकि आजकल नृपेन्द्रनाथ बहुत सावधान रहता है, इसलिए कुछ दिन शान्त रहना उचित होगा। कुछ समय बीतने पर जब वह असावधान हो जाएगा, तब उसका शिकार करना ठीक रहेगा। यह भी निर्णय हुआ कि हम सामूहिक रूप से उसका पीछा न करें और जिसे मौका मिले, वह तभी उसका वध कर दे।

निर्णय होने के बाद बैठक समाप्त हो गयी। जैसे-जैसे समय व्यतीत होता गया, नृपेन्द्रनाथ असावधान होने लगा। उसके मन से क्रांतिकारियों का भय भी निकल गया। अब वह पुलिस विभाग की गाड़ी के बदले ट्राम से ही अपने कार्यालय आने-जाने लगा। क्रांतिकारी इसी अवसर की तलाश में थे।

19 जनवरी, 1944 को हर दिन की तरह इंस्पेक्टर नृपेन्द्रनाथ ने अपना काम निबटाया और एलीसियम रोड वाले कार्यालय से निकलकर अपने घर जाने के लिए उसने ट्राम पकड़ ली। ट्राम रात के पौने आठ बजे ग्रे स्ट्रीट और शोभा बाजार के चौराहे पर रुकी। नृपेन्द्रनाथ आराम से उतरकर अपने घर की ओर चल दिया। उस स्थान से कुमारतूली पुलिस स्टेशन निकट ही था।

क्रांतिवीर निर्मलकांत राय उस दिन उसका पीछा कर रहा था। वह अचानक नृपेन्द्रनाथ के सामने कूदा और रिवाल्वर की एक गोली उसके सिर में दाग दी। गोली इतने पास से मारी गयी थी कि वह सिर को फोड़ती हुई बाहर निकल गयी। नृपेन्द्रनाथ चीखकर धरती पर गिर पड़ा; पर निर्मलराय ने तभी एक दूसरी गोली उसके हृदय पर मारी। नृपेन्द्रनाथ की वहीं मृत्यु हो गयी।

शाम के समय बाजार में भीड़ रहती ही है। गोली चलने से और लोग भी आ गये और वहां शोर मच गया। निर्मलकांत ने इसका लाभ उठाकर रिवाल्वर जेब में डाली और शोर मचाने लगा, ‘‘कोई हमारे साहब को बचाओ, हत्यारे का पकड़ो, देखो भागने न पाये..।’’ फिर वह इस शोर और भीड़ में से स्वयं चुपचाप निकल गया। लोग समझे कि वह इंस्पेक्टर साहब का चपरासी है।

पुलिस विभाग में हड़कम्प मच गया। उन्होंने हत्यारे की बहुत तलाश की; पर वह हाथ नहीं आया। आगे चलकर पुलिस ने संदेह में एक निर्दोष युवक को पकड़ा, उसे मारा-पीटा; पर उसे कुछ पता ही नहीं था। उस पर उच्च न्यायालय में मुकदमा भी चलाया गया; पर न्यायालय ने उसे छोड़ दिया।

इस प्रकार क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के एक पिट्ठू को यमलोक पहुंचाकर कोलकाता में अपनी धाक जमा ली।

संकलक – विजय कुमार

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: freedom fighterindian freedom strugglenirmalkant rai

हिंदी विवेक

Next Post
दूसरों पर दोषारोपण करने से पहले स्वयं को जाँचें

दूसरों पर दोषारोपण करने से पहले स्वयं को जाँचें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0