भूकंप का विज्ञान: कहां, क्यों और कैसे

भूकंप तब होता है जब दो पृथ्वी के ब्लॉक अचानक एक दूसरे के पीछे खिसक जाती है। भूकंप प्रदर्शित करते हैं कि पृथ्वी एक गतिशील ग्रह बनी हुई है, आंतरिक शक्तियों द्वारा प्रत्येक दिन बदलती रहती है। भूकंपीय स्टेशनों के विश्वव्यापी नेटवर्क द्वारा हर साल दस लाख से अधिक भूकंप दर्ज किए जाते है । इस नेटवर्क के साथ, सभी भूकंपो की सटीक स्थिति, गहराई और परिमाण को मानचित्रों पर अंकित किया जाता है। जब भूकंप आता है तो पृथ्वी क्यों हिलती है?:पृथ्वी की चार प्रमुख परतें हैं आंतरिक कोर, बाहरी कोर, मेंटल और क्रस्ट।
क्रस्ट और मेंटल का शीर्ष हमारी ग्रह की सतह पर एक पतली त्वचा का बना हुआ है। लेकिन यह त्वचा एक ही टुकड़े में नहीं है- यह एक पहेली की तरह कई टुकड़ों से बना है पृथ्वी की सतह को ढकने के लिए। हम इन पहेली टुकड़ों को टेक्टोनिक प्लेट्स कहते हैं, और प्लेटों के किनारों को प्लेट कहते हैं सीमाएँ। प्लेट की सीमाएं कई भ्रंश से बनी हैं, और दुनिया भर में अधिकांश भूकंप यही पर आते हैं। चूँकि प्लेटों के किनारे खुरदरे होते हैं, वे अटक जाते हैं जबकि बाकी की प्लेट चलती रहती हैं। अंत में, जब प्लेट एक दूसरे से दूर चली जाती हैं तब प्लेट के किनारों भ्रंश से अलग होने लगते हैं और भूकंप आता है। जबकि भ्रंश के किनारे आपस में चिपके हुए हैं, और शेष ब्लॉक गतिमान है, यह ऊर्जा ब्लॉक को स्लाइड करने का कारण बनती है।
गतिमान ब्लॉक अंत में घर्षण को खत्म कर देता है और संचित ऊर्जा मुक्त होती है। ऊर्जा सभी दिशाओं में भ्रंश से बाहर की ओर विकीर्ण होती है। उदाहरण के लिए जैसा एक तालाब पर लहरों की तरह तरंगों का रूप प्रतिबिंबित होता है। भूकंपीय तरंगें चलती हैं तो पृथ्वी को हिलाती हैं और जब लहरें पृथ्वी की सतह पर पहुँचती हैं, तो वे जमीन और उस पर किसी भी चीज़ को हिला देती हैं जैसे हमारे घर और हम! जब जब पृथ्वी में टैकटोनिक प्लेट्स हिलती हैं भूकंप के झटके महसूस किये जाते हैं। भूकंप की तीव्रता मानव जीवन पर भूकंप के प्रभावों के संबंध में मापी जाती है। आमतौर पर विनाश का वर्णन इमारतों, बांधों, सड़कों आदि को हुए नुकसान के रूप में किया जाता है। भूकंपों को यंत्रों द्वारा रिकॉर्ड किया जाता है जिन्हें सीस्मोग्राफ कहा जाता है। उनके द्वारा की जाने वाली रिकॉर्डिंग सीस्मोग्राम कहलाती है।
भूकंप से सुरक्षा: भूकंप वैश्विक आबादी के बड़े हिस्से के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करता है। हर साल बड़े भूकंपों के कारण हजारों लोगों की मौत हो जाती है। भारत में अबतक सबसे ज्यादा भूकंप आने की घटनाएं हिमालय पर्वत और इसके आसपास के इलाकों में होती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग चार करोड़ साल पहले भारतीय उपमहाद्वीप और यूरेशियाई प्लेट इसी स्थान पर एक दूसरे से टकराए थे, जिससे हिमालय पर्वत का निर्माण हुआ था। यह हर साल लगभग ऊपर उठती है। इसी हलचल की वजह से इस इलाके में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। हिमालय और इसके आसपास के भारत में आने वाले हिस्से में हिमाचल प्रदेश, कश्मीर, उत्तराखंड, सिक्किम और कई उत्तर-पश्चिमी राज्य आते हैं।भूकंप हमेशा से आते रहे हैं। हमें यह सीखना है, भूकंप में अपने को बचाना। आपदा प्रबंधन के नियमों का पालन बहुत जरूरी है। स्कूल और कॉलेज में इसके बारे में सीखना भी आवश्यक हैं। तभी हम समाज को इसके विनाश से बचा सकते हैं।
– पूनम कुमरिया

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