भारतीय संस्कार अपना कर अमेरिकी हो रहे हैं सफल

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अमेरिकी जनगणना ब्यूरो (यूएस सेंसस ब्यूरो) द्वारा अमेरिका में निवास कर रहे विभिन्न देशों के मूल के अमेरिकी नागरिकों की औसत आय एवं अन्य कई मानदंडो पर जारी की गई जानकारी के अनुसार अमेरिका में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों की वार्षिक औसत आय 119,858 अमेरिकी डॉलर है, जो अमेरिका…

सिंगापुर में 12 दिवसीय भारतीय कला उत्सव का आयोजन

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सिंगापुर में आयोजित 12 दिवसीय कला उत्सव में करीब 100 स्थानीय कलाकार कर्नाटक और हिंदुस्तानी संगीत, भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी और ओडिसी सहित भारत की विभिन्न कला शैलियों को प्रस्तुत कर रहे हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन ‘इंडियन फाइन आर्ट्स सोसाइटी (आईएफएएस)’ ने किया है। ‘कल्पना- अतीत में झांककर भविष्य की…

फेक नैरेटिव के युग में काशी का सार्थक शब्दोत्सव

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संस्कृति, हिन्दुत्व और आधुनिकता' पर बोलते हुए जवाहरलाल नेहरू विवि की कुलपति प्रो शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने कहा कि आधुनिक हिन्दूत्व और हमारी भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी ताकत हमारी इंटीग्रल यूनिटी है। वहीं अब्राहमिक मजहबों के पास सिंथेटिक यूनिटी है। इसलिए उन्हें धर्मांतरण की आवश्यकता पड़ती है। हमें इसकी…

कुटुंब प्रबोधन द्वारा वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन

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भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति आमजन को जागरूक करने हेतु, "कुटुंब प्रबोधन, लखनऊ" द्वारा एक वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन लखनऊ स्थित सक्सेना इंटर कॉलेज में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद वरिष्ठ संपादक आशुतोष शुक्ल ने कहा कि परिवार ही परंपराओं के सबसे बड़े…

पॉक्सो की आड़ में आन्दोलनजीवियों का एजेंडा!

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देश में हर साल बाल विवाह होते हैं और इसे रोकने के लिए सख्त कानून भी बना हुआ।क्या बाल विवाह की संख्या को देखते हुए देश में बेटियों के विवाह की आयु 18 से घटाकर 16 कर दी जानी चाहिये? लेकिन सरकार तो विवाह की आयु अब बढ़ाकर 21 करने…

‘कंतारा’ की जड़ों को भूलता आधुनिक भारत!

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आखिर #netflix पर 'कंतारा' फिल्म मैंने देख ली। 'कंतारा' का अर्थ है प्रकृति व मनुष्य के बीच का विज्ञान! इसका शाब्दिक अर्थ है जंगल का रहस्य, जंगल के देवता अदि परंतु इसका भावार्थ है जीवन का विज्ञान। फिल्म तो क्या यह एक जड़ों की ओर लौटाती धारा है, जो आज…

वैश्विक स्तर पर उभर रही समस्याओं का हल हैं भारत

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आज अमेरिका, यूरोप एवं अन्य विकसित देश कई प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं एवं इन समस्याओं का हल निकालने में अपने आप को असमर्थ महसूस कर रहे हैं। दरअसल विकास का जो मॉडल इन देशों ने अपनाया हुआ है, इस मॉडल में स्पष्ट रूप से दिखाई दे…

भारत से चुराए धरोहर को कब लौटाएंगे ये विदेशी?

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भारत से बाहर जा चुकी धरोहर या कलाकृतियां धीरे धीरे ही सही, अब वापस आ रही हैं। इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को ऐसे पुरावशेष लौटाएं हैं जो अलग-अलग समय अवधि के हैं, और ये सदियों पुराने हैं। इन पुरावशेषों में भगवान शिव, भगवान विष्णु और जैन परंपरा आदि से जुड़े 29 तस्वीरें एवं साज-सजा की वस्तुएं हैं। इन पुरावशेषों में से…

एक अनवरत सांस्कृतिक प्रवाह है अखंड भारत

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कुल मिलाकर अगर हम अखंड भारत चाहते हैं तो भारतीय संस्कृति जो हिंदू संस्कृति है उसे अपना मानदंड बनाकर चलना होगा। दीनदयाल जी के अखंड भारत के स्वप्न् को साकार करने के आह्वान का आज पुन: स्मरण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा था, ... हमें हिम्मत हारने की जरूरत नहीं। यदि पिछले सिपाही थके हैं तो नए आगे आएंगे।

स्व की आध्यात्मिकता से राष्ट्रीय एकात्मकता और अखंडता आयेगी – डॉ. मोहन भागवत जी

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हम स्वाधीन हुये लेकिन अभी भी हम स्वतंत्र होने की प्रक्रिया में हैं।  इस स्वाधीनता के लिये सभी वर्ग क्षेत्र समाज के लोगों ने त्याग व् बलिदान दिया और स्वाधीनता को लेकर सबके मन  में समान भाव था. जो बातें कुंद्रा डिक्लेरेशन में सन 1830 में कही गई थी वही…

पौराणिक इतिहास

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तिब्बत में बने प्रसिद्ध थोलिंग मठ जाने का रास्ता (पैदल) माणा होते हुए सरस्वती नदी के किनारे खड़ी चढ़ाई से होकर जाने वाला एक अत्यंत दुर्गम कठिन पथ है। प्राचीन काल में साधु संत इसी मार्ग से पवित्र मानसरोवर व कैलास यात्रा पर चले जाते थे।

संघ प्रवाही है अत: प्रासंगिक है

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सामान्य तौर पर लोग इस वटवृक्ष को संघ परिवार भी कहते हैं, परंतु संघ का स्वयं का मानना है कि ऐसा कोई संगठनों का समूह उसने तैयार नहीं किया जिसे संघ परिवार कहा जाए। संघ समाज में एक संगठन नहीं है बल्कि समाज का संगठन करने वाला एक सतत प्रवाह है। इसीलिए समय के साथ-साथ इसकी प्रासंगिकता भी बढ़ती रही है।

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