लोग 100 साल तक याद रखेंगे योगी का ये मास्टर स्ट्रोक

योगी आदित्यनाथ ने एक बहुत बड़ा ऐलान किया है । 23 मार्च से 6 अप्रैल तक उत्तर प्रदेश के अंदर रामोत्सव पखवाड़ा मनाया जाएगा और यूपी के सभी जिलों में अखंड रामायण यानी रामचरित मानस का पाठ किया जाएगा।

योगी आदित्यनाथ ने एक बहुत बड़ा फैसला लेते हुए ये ऐलान किया है कि यूपी के अंदर हर जिले को एक एक लाख रुपए की धनराशि सरकारी तौर पर दी जाएगी । इस धनराशि से यूपी के अंदर रामोत्सव पखवाड़ा मनाया जाएगा

दरअसल 23 मार्च को नवरात्रि चल रहे होंगे और 30 मार्च को राम नवमी है इसी तरह 6 अप्रैल को हनुमान जयंती है तो इन 3 पर्वों को एक साथ रामोत्सव पखवाड़े के रूप में मनाया जाएगा

सबसे अहम बात ये है कि पूरे यूपी में तमाम जिलों में जिला, तहसील और प्रखंड स्तर पर लोक कलाकारों की समितियों का निर्माण किया जाएगा जिसका बाकायदा सरकारी प्रचार किया जाएगा और सरकारी तौर पर लोकगायकों को ईनाम भी दिए जाएंगे . वैसे मेरे आर्टिकल आपको व्हाटसएप पर भी मिल सकते हैं बस मेरा ये नंबर 7011795136 सेव कर लीजएगा और इस पर एक मिस्ड कॉल कर दीजिएगा ।

इस कार्यक्रम के तहत पूरे यूपी के अंदर श्रीरामचरित मानस का अखंड पाठ होगा जिसकी वजह से स्वामी प्रसाद मौर्य अखिलेश यादव एंड कंपनी को बहुत ज्यादा मिर्ची लग गई है

विपक्ष ये योजना बना रहा है कि जब 2024 के अंदर श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा होगा और लोकसभा चुनाव के दौरान राम लहर भी चल रही होगी उसी दौरान विपक्ष श्री रामचरित मानस की पंक्तियों की गलत व्याख्या करके हिंदू समाज को तोड़ने का प्रयास करेगा

योगी जी ये बात जानते हैं इसीलिए उन्होंने पहले से ही श्रीरामचरितमानस का पाठ करवाकर हिंदुओं को एकजुट करने का जबरदस्त प्रयास शुरू कर दिया है ।

विधानसभा में बजट के अभिभाषण का जवाब देते हुए भी योगी आदित्यनाथ ने बताया था कि ढोल गंवार वाली चौपाई में ताड़ना का अर्थ शिक्षा देना है या सीख देने या फिर देखना है । बुंदेलखंडी भाषा के शब्दकोश का संदर्भ देते हुए जब योगी जी ने ये बात कही थी तो अखिलेश यादव एंड कंपनी तिलमिला उठी थी

योगी जी की ये बहुत खास बात है कि दुश्मन उनको जिस पिच पर खेलने के लिए बुलाता है उसी पिच पर जाकर योगी जी भीषण बल्लेबाजी करते हैं और उन्होंने वैसा ही शुरू भी कर दिया है।

बड़ी बात ये है कि अखिलेश यादव ने योगी से कहा है कि वो एक एक लाख रुपए नहीं बल्कि 10-10 करोड़ रुपए जारी किए ताकी सभी धर्मों के त्यौहार मनाए जा सकें

हम समझ सकते हैं कि अखिलेश यादव इसलिए दुखी हैं कि सूबे के अंदर अब सरकारी खर्चे पर इफ्तार पार्टियां नहीं मनाई जा रही हैं और रमजान भी नवरात्र के समय ही आ रहे हैं

अखिलेश यादव को इफ्तार पार्टियों के मुगालते में नहीं रहना चाहिए क्योंकि इससे उनकी पार्टी से हिंदुओं की नाराजगी और बढ सकती है

Leave a Reply