हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
रामनवमी पर बिहार से बंगाल तक हिंसा

रामनवमी पर बिहार से बंगाल तक हिंसा

by मृत्युंजय दीक्षित
in राजनीति, विशेष, सामाजिक
0

जिस समय देश उल्लास और उत्साह के साथ रामभक्ति के रंग में डूबकर रामनवमी का पर्व मना रहा था उस समय कुछ शरारती तत्व अपने राजनैतिक आकाओं के बल पर हिंसा का तांडव रच रहे थे। रामनवमी के पावन अवसर पर बंगाल से बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र तक जिस प्रकार से चुन चुन कर रामनवमी झांकियों, यात्राओं और भक्तों पर पथराव तथा हिंसा की गई वह निंदनीय नहीं घृणित है और उससे भी अधिक घृणित है उस हिंसा को सही ठहराने वाले छद्म धर्मनिरपेक्ष लोगों का व्यवहार फिर वो चाहे कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री ही क्यों न हों।

रामनवमी को हिन्दुओं पर हमले के रूप में प्रारम्भ हुयी हिंसा महाराष्ट्र के संभाजीनगर से बंगाल के हावड़ा से होती हुई बिहार के पांच जिलों और झारंखड के साहिबगंज तक पहुंच गई । भीषण उपद्रव और हिंसा के बाद महाराष्ट्र व गुजरात में तो स्थिति नियंत्रण में आ गई लकिन बिहार के पांच व बंगाल में कई इलाकों में हिंसा लगातार जारी है। बिहार व बंगाल के उपद्रवियों को पता है कि उन्हें राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है तथा वह अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकते हैं और यही कारण है कि बिहार के दंगाग्रस्त क्षेत्रों से हिन्दुओं के पलायन के ह्रदय विदारक विडियो वायरल हो रहे हैं ।

भारत की राजनीति में सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि पहले तो सनातन हिंदू समाज के पर्वों व उनकी शोभा यात्राओें को हिंसक उपद्रवी तत्वों की ओर से जानबूझकर निशाना बनाया जाता है और फिर उसके बाद उनके तथाकथित सेकुलर राजनैतिक नेता टीवी चैनलों पर आकर हिंदू समाज और पीड़ित पक्ष को ही दोषी बताकर उपद्रवियों का हौसला बढ़ाते हैं। आज पूरा बंगाल व बिहार त्रस्त है। दोनों ही राज्यों में बांग्लादेशी घुसपैठ व रोहिंग्याओं की बाढ़ आ गई है जिसके कारण स्थानीय स्तर पर जनसंख्या संतुलन बिगड़ गया है। यही लोग दोनों ही राज्यों में अशांति का सबसे बड़ा कारण हैं । स्थानीय छद्म धर्मनिरपेक्ष दल अपने निहित स्वार्थों के चलते इनको प्रश्रय दे रहे हैं और इनकी अराजक गतिविधियों का समर्थन कर रहे हैं।

बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की हरकतों व उनकी बयानबाजी के कारण ही हिंसा भड़की। रामनवमी के पहले वह अपनी राजनीति चमकाने के लिए लिए केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गईं और फिर बयान दिया कि वह रामनवमी की शोभायात्रा को रोकेंगी नहीं लेकिन यदि किसी प्रकार का कोई उपद्रव या हिंसा होती है तो वह बख्शेंगी भी नहीं। माना जा रहा है कि उनके बयानों के कारण ही उपद्रवियो का हौसला बढ़ गया।हावड़ा व अन्य जगहों पर हिंदू समाज को रामनवमी मनाने से रोकने और डराने – धमकाने के लिए पत्थरबाजी की गई और बम फेंके गये।वाहनों, दुकानों को आग लगाई गई और जमकर लूटपाट की गई। बंगाल के वर्धमान जिले में एक बीजेपी नेता की हत्या कर दी गई।आज पूरा बंगाल जल रहा है।

आजकल हिंदू विरोधियों और उनके आकाओं ने हिंसा और उसके बाद के भाषणों का एक नया पैटर्न बना लिया है। पहले उपद्रवी पत्थरबाज़ी, हमले और हिंसा करते हैं और उसके बाद उनके आका बयां जारी करते हैं कि शोभायात्रा में शामिल लोग जोर -जोर से डीजे बजा रहे थे या फिर वो मुस्लिम बाहुल्य वाले इलाकों से क्यों निकले या फिर किसी मस्जिद के सामने नारे क्यों लगाए ? यह राजनैतिक स्वार्थ सिद्धि का एक खतरनाक पैटर्न है। बंगाल के हावड़ा तथा अन्य जिलों में हुई हिंसा के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंदू समाज पर ही आरोप मढ़ रही हैं और और अंतिम जांच रिपोर्ट आने से पूर्व ही जज बन गयी हैं।

बंगाल में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजमूदार को हावड़ा का दौरा नहीं करने दिया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने दंगों की जांच एनआईए व सीबीआई से कराने के लिए के लिए हाईकोर्ट में याचिक दायर की है।जबकि गृहमंत्री अमित शाह ने बंगाल के राज्यपाल से पूरी रिपोर्ट तलब की है जिसके लिए प्रदेश के राज्यपाल बंगाल के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर सकते हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री हर दंगे के बाद यही दावा करती हैं कि भारतीय जनता पार्टी ही बंगाल को बदनाम करने के लिए बाहर के लोगों को बुलाकर दंगा कराती है और ये भूल जाती हैं कि प्रदेश में दंगा न होने पाए इसकी जिम्मेदारी खुद उनके ऊपर है, जनता उनके इस गैर जिम्मेदार व्यवहार को देख रही है।

कुछ दिन पूर्व आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर गृहमंत्री अमित शाह की बंगाल के बीजेपी सांसदों के साथ एक बड़ी बैठक हुई थी जो घोटालों व कर्ज के जाल में गले तक फंसीं प्रधानमंत्री पद की दावेदार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अच्छी नहीं लगी और उसके बाद से ही वह ऐसी बयानबाज़ी करने लगीं जिसका परिणाम रामनवमी पर हिंसा व उपद्रव के रूप सामने आया । यह वही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं जो उप्र के हाथरस में हुई दुर्भाग्यपूर्ण आपराधिक घटना का राजनैतिक लाभ लेने के लिए हाथरस जाना चाह रही थीं, टीएमसी के सांसद भी हाथरस आने के लिए खूब हंगामा मचा रहे थे और लोकतंत्र दुहाई दे रहे थे लेकिन जब उनके अपने राज्य बंगाल में हालात दयनीय हैं तब वह और उनका प्रशासन भाजपा नेताओं ही नहीं वरन स्वयं राष्ट्रपति के प्रतिनिधि राज्यपाल को हावड़ा सहित हिंसा प्रभावित क्षेत्रों मे जाने से रोक रहा है।
बिहार की स्थिति भी बंगाल से बहुत अलग नहीं है।

रामनवमी के पावन अवसर पर बिहार के बिहार शरीफ सहित पांच जिलों में हिंसा का तांडव हो रहा है। हिंसा का पैटर्न बंगाल जैसा ही है और स्थितियां अत्यंत दयनीय हो चुकी हैं। बिहार शरीफ वहीं जिला है जहां विगत दिनों भारत को 2047 में इस्लामिक राष्ट्र बनाएने की साजिष का भंडाफोड़ हुआ था ।बिहार के उपद्रव ग्रस्त जिलों में हालात इतने अधिक बदतर हैं कि पुलिस की जबर्दस्त मुस्तैदी के बाद भी बमबाजी हो रही है व गोलियां चल रही हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार दौरे पर प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर से बातचीत की है और भारी संख्या में अर्ध सैनिक बलों की टुकड़ियां भेजने का ऐलान किया हैं जिसमें कुछ पहुंच भी गई है। बिहार में गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति और अर्धसैनिक बलों का पहुंचना मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और राजद नेताओं को पसंद नहीं आ रहा है और अब इन सभी लोगों ने दंगाईयों की जगह भाजपा पर हमला बोल दिया है। बिहार की हिंसा पर जदयू के एक नेता का बयान आया कि वह बिहार को गुजरात नहीं बनने देंगे? जबकि राजद नेता का बयान आया कि हिंसा, घृणा और नफरत की राजनीति केवल बीजेपी का ही काम है। दंगों में अपना सब कुछ गंवाने वाला हिंदू समाज इससे हतप्रभ है।

बंगाल से बिहार तक रामनवमी पर जो हिंसा हो रही है वह न केवल हिंदू वरन भारत विरोधी टूलकिट का ही अंग है। बिहार से बंगाल तक की यह हिंसा पूरी तरह सुनियोजित है जिसे बंगाल और बिहार के सत्ताधारी दलों का समर्थन प्राप्त है । यह प्रायोजित हिंसा उस समय की जा रही है जब भारत जी 20 की अध्यक्षता कर रहा है। इन प्रायोजित दंगों के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को संपूर्ण विश्व में खराब किये जाने की चेष्टा हो रही है।

हिंदू समाज के सभी पर्व उल्लास, उत्साह, प्रसन्नता के पर्याय हैं, उनकी शोभायात्राएं उमंग से भरी हुई होती हैं और उनमें गीत संगीत एक स्वाभाविक गुण की तरह होता है।वे गाते बजाते चलते हैं किसी पर पत्थर मारते हुए नहीं चलते। देश का नागरिक होने के नाते वे प्रशासन से अनुमति लेकर जहाँ से चाहे निकल सकते हैं फिर वो कौन लोग हैं जो घात लगाकर उनपर हमला करते हैं ? हिंदू समाज के पर्वो को अशांत करना, पर्व मना रहे लोगों पर हमला करना बिना सुनियोजित साजिश के संभव नहीं है ।

अपने आप को धर्मनिरपेक्ष कहने वाले दलों का यह दोहरा राजनैतिक चरित्र नहीं तो और क्या है ? ये सभी पार्टियां और नेता हिंदू समाज के प्रति नफरत और घृणा का जहर बोकर उन्हें अपने ही देश में दोयम दर्जे का नागरिक बनने के लिए मजबूर कर रहे हैं।भारत का प्रधानमंत्री बनने का सपना पालने वाले तथाकथित सेकुलर लोग भारत को साम्प्रदायिकता की आग में झोंक कर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाह रहे हैं ।भारत के सभी सेकुलर दल वास्तव में घोर हिंदू विरोधी हैं ।

हर व्यक्ति को यह तथा समझना चाहिए कि यदि धर्म के नाम पर विभाजित किये जाने के बाद भी आज भारत धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक राष्ट्र है तो केवल इसलिए कि हिन्दू समाज अभी भी कुछ सीमा तक बहुसंख्यक है । हिंदू समाज के लोग कभी भी किसी अन्य मतावलंबी का अहित नहीं चाहते और यह विश्व का सर्वाधिक सहिष्णु समाज है।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: anti hindu violencebiharmaharashtraramnavamiramnavami shobhayatrawest bengal

मृत्युंजय दीक्षित

Next Post
सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त अविनाश धर्माधिकारी का सार्वजनिक अभिनंदन

सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त अविनाश धर्माधिकारी का सार्वजनिक अभिनंदन

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0