सेवा है यज्ञ कुंड समिधा सम हम जले…- सुनील वेदपाठक

दिव्यांग कल्याणकारी  शिक्षण संस्था व वैद्यकीय संशोधन केंद्र द्वारा दिव्यांग बच्चों और परिसर के सभी सामान्य बच्चों के लिए 15 अप्रैल से 30 अप्रैल को आयोजित किये गए एकीकृत संस्कार वर्ग का समापन समारोह दिनांक 30/4/2023 को सायंकाल 5.30 बजे संपन्न हुआ। यह आयोजन विगत 25 वर्षों से क्षेत्र में लगातार किया जाता रहा है।

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मा. सुनील वेदपाठक जी, जिला न्यायाधीश पुणे, सुहासराव जी हिरेमठ, रा. स्व. संघ,राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य, साथ ही संजयजी पवार, अनुमंडल पदाधिकारी पुणे सहित अन्य मान्यवर मंच पर उपस्थित थे। इस 15 दिवसीय संस्कार वर्ग में नेताजी नगर, हेवन पार्क, कृष्णा नगर, आजाद नगर, शांति नगर, वनवाड़ी गांव, होले वस्ती, वनवाड़ी बाजार, केदारी नगर के 300 से अधिक बच्चों सहित संस्था के बच्चों ने भाग लिया। इस संस्कार वर्ग में कथा, मेधावी महापुरुषों की कथा, चित्रकला, संस्कृत श्लोकों का पाठ, देशभक्ति गीत, आउटडोर खेल, सिटिंग गेम्स, विज्ञान, सामान्य ज्ञान आदि विषयों पर संस्कार प्रशिक्षण दिया गया। संस्कार कक्षा में प्रतिदिन नए वक्ताओं द्वारा बच्चों का मार्गदर्शन किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत गीत से हुई। कार्यक्रम की प्रस्तावना संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष एड. मुरलीधर कचरे ने रखी। उन्होंने अपने प्रस्तावना में संगठन व संस्कार वर्ग की जानकारी दी। इस 15 दिवसीय संस्कार वर्ग में बच्चों ने जो कुछ भी सीखा, उसका उन्होंने बखूबी प्रदर्शन किया जिसे देखकर उपस्थित अभिभावक व सभी गणमान्य जन अचंभित रह गए. बच्चों ने हैरतअंगेज साहसिक कारनामों का प्रदर्शन कर सभी का दिल जीत लिया। संस्कार वर्ग में सर्वश्रेष्ठ शिविरार्थियों, चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों और सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरस्कार भी वितरित किए जाते हैं। इस दौरान संस्कार वर्ग के बच्चों व अभिभावकों ने अपने विचार व्यक्त किए।  इस अवसर पर मार्गदर्शन करते हुए जिला जज सुनील वेदपाठक जी ने कहा कि संस्था विगत 25 वर्षों से इस तरह की गतिविधियों को करती आ रही है और संस्था द्वारा लगातार बच्चों को संस्कार एवं प्रशिक्षण दिया जा रहा है. “सेवा है यज्ञ कुंड समिधा सम हम जले, ध्येय महासागर में सरित रूप हम मिले” यहां सभी विकलांगों की सेवा की जाती है।

यहां संचालित होने वाली गतिविधियां, प्रदान की जाने वाली शिक्षा हर विकलांग छात्र की सर्वांगीण प्रगति के लिए अनुकूल होती है और यह तस्वीर शायद ही कहीं और देखने को मिलती है। उन्होंने सभी छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज यहां इस संस्थान का दौरा करना एक खुशी का क्षण है।  सुहासराव हिरेमठ जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बच्चों को संस्कारवान बनानेवाली आदर्श प्रेरक कथा बताकर उनका मार्गदर्शन किया। यहां बच्चों के तन, मन और बुद्धि पर संस्कार किया जाता है। आंतरिक गुणों की अनुभूति के लिए संस्कार वर्ग की आवश्यकता है। हमें मिले हुए संस्कार दूसरों को भी देना चाहिए। अच्छे संस्कार यहां संस्था में मिल रहा है, उन्होंने यह कहकर सभी को शुभकामनाएं दी ।

धन्यवाद ज्ञापन संस्था के मानद सचिव अविनाश नाइक ने किया। संस्था के उपकार्याध्यक्ष डॉ. सतीश जैन ने अतिथियों का परिचय दिया।संस्था के सचिव अविनाश नाईक, कोषाध्यक्ष प्रकाश तिलेकर, सह कोषाध्यक्ष मारुति राउत, सदस्य राजेन्द्र कदम, नीलेश बागमार, वानवाड़ी क्षेत्र के गणमान्य नागरिक, संस्था के दानदाता, छात्रों के माता-पिता बड़ी संख्या में उपस्थित थे ।कार्यक्रम की सफलता के लिए संस्थान की प्राचार्या शिवानी सुतार, शिक्षिकाओं व समस्त स्टाफ ने विशेष प्रयास किया। संस्कार वर्ग में कुल 25 शिक्षक कार्यरत थे। कार्यक्रम में कुल 300 बच्चों और 200 अभिभावकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ।

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