पनवेल का विकास ही मेरा लक्ष्य – प्रशांत ठाकूर

किसी क्षेत्र विशेष के सर्वांगीण विकास में वहां के जनप्रतिनिधि का योगदान सर्वोपरि होता है। पनवेल शहर के प्रगती के पीछे वर्तमान की दूरगामी सोच और विकास के प्रति प्रतिबद्धता का बड़ा योगदान रहा। हिंदी विवेक के साथ बातचीत में उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखी।

आप राजनीतिक परिवार में हैं इसलिए आप राजनीति में आए या पारिवारिक दबाव की वजह से ऐसा कदम उठाना पड़ा?

हमारा परिवार राजनीति से बहुत पहले से जुड़ा हुआ है तो यह कहना गलत नहीं होगा कि राजनीतिक परिवार की वजह से ही मैंने भी राजनीति की डोर थामी है। हालांकि जब पिताजी ने 1998 में सांसद का चुनाव जीता तब मैं शेतकरी कामगार पार्टी में युवा अध्यक्ष था और राजनीति को समझना शुरू किया था। मेरे नानाजी भी जिला पंचायत सदस्य थे। वह हमेशा दूसरों की सेवा के लिए तत्पर रहते थे जिसकी वजह से समाज में उनका एक अलग ही महत्व था। जिसे देखकर लगा कि ऐसा कुछ करना चाहिए जिससे समाज में मुझे भी इस तरह का सम्मान प्राप्त हो। 2004 में कुछ समय बिजनेस का काम देखने लगा था लेकिन पिताजी ने जब पार्टी छोड़ी तो कहा कि, अब समय आ गया है जब आप को राजनीति में आना चाहिए। उसके कुछ समय बाद पनवेल नगरपालिका का चुनाव हुआ, जिसे लड़ा और जीता जिसके बाद से राजनीति में एक नई पहचान मिली। कांग्रेस गठबंधन को बहुमत मिला जिसके बाद मुझे नगरपालिका का अध्यक्ष बनाया गया।

 युवाओं के मन में राजनीति को लेकर अलग-अलग विचार हैं। आप इसे किस तरह से देखते हैं? युवाओं के लिए राजनीति कहां तक सही है?   

गोपीनाथ मुंडे ने एक बार एक सभा में कहा था कि, अगर आप राजनीति को सुधारना चाहते हैं तो आपको इसका हिस्सा बनना होगा, क्योंकि राजनीति को सुधारने के लिए उसके अंदर आना बहुत जरूरी है। इतिहास गवाह है कि जब-जब युवाओं ने हुंकार भरी है, तब-तब इतिहास में बदलाव हुआ है। 2014 से राजनीति में एक विशेष परिवर्तन देखने को मिल रहा है। अब राजनिति को लोग आदर के भाव से देखने लगे हैं जबकि पहले राजनीति के नाम पर जनता सिर्फ गाली देती थी। जब 2004 से 2014 तक देश की बहुत दुर्दशा देखने को मिली, जब देश भ्रष्टाचार और घोटालों से उबर नहीं पा रहा था। इस दौर ने राजनीति को बहुत गिरा दिया। लोग नेता का अर्थ सिर्फ चोर समझने लगे थे। घोटालों की वजह से देश का युवा राजनीति से दूरी बना रहा था लेकिन आज भारतीय जनता पार्टी ने राजनीति का एक नया चेहरा पेश किया है, जिसे देश का युवा पसंद कर रहा है और उससे जुड़ने की सोच रहा है।

अनुराग सिंह ठाकुर एक ऐसा चेहरा हैं, जिन्हें पूरा देश देख रहा है और मोदी जी के नेतृत्व में वह एक बड़ी कमान सम्भाल कर चल रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैैं। हवाई क्षेत्र व एयरपोर्ट के विकास के लिए सिंधिया ने बहुत काम किया है, जो देश की तस्वीर बदल रहा है। ऐसे युवा नेता बाकी युवाओं के लिए मिशाल बन रहे हैं।

 पनवेल आप का विधानसभा क्षेत्र है। आपने इसके डेवलपमेंट के लिए कोई रोड मैप तैयार किया है?

मुंबई के नजदीक होने की वजह से पनवेल का तेजी से विकास हुआ है। डेवलपमेंट के लिए कई एंजेसियां भी हैं जो इस पर काम करती रहती हैं। इस शहर के विकास के लिए सिडको और महानगरपालिका की डेवलपमेंट एंजेसिंया तेजी से काम कर रही हैं। कभी-कभी महानगरपालिका और लोगों के बीच विकास को लेकर विवाद हो जाता है। जैसे अगर किसी क्षेत्र में मंदिर की मांग है जबकि सिडको के प्लान में मंदिर नहीं है, ऐसे में हमें जनता की मांग पूरी करनी होती है और सिडको के साथ बैठ कर मंदिर का प्लान तैयार करवाया जाता है। शहर की जरूरत को देखते हुए काम किया जाता है और आगे भी किया जाता रहेगा। करीब 10 साल पहले यहां हॉस्पिटल सहित कई मूलभूत सुविधाएं नहीं थी जिसके लिए मेहनत करनी पड़ी। कार्पोरेशन ना बने, इसके लिए यहां के विपक्षी दल कोर्ट गए थे। इस कारण देरी हुई अन्यथा नवी मुंबई नगरपालिका के साथ ही हमारी भी महानगरपालिका होती।

 पनवेल झीलों का शहर माना जाता है। इन झीलों की सफाई और रखरखाव को लेकर क्या योजना है?

महानगरपालिका की तरफ से झीलों के रखरखाव का ध्यान रखा जा रहा है और इसके लिए डेवलपमेंट का काम भी जारी है। कार्पोरेशन के सामने की देवले झील का रेनोवेशन चल रहा है जिससे उसकी सुंदरता बढ़ी है। महानगरपालिका को इस काम के लिए पूरा सहयोग दिया जा रहा है। वडाळे झील के सुंदरीकरण के साथ वहां कई संगीत कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते है।

 डबल इंजन की सरकार की जो नीतियां है, वह पनवेल जैसे नए शहरों के विकास के लिए कितनी कारगर सिध्द  हो रही हैं?

2014 में देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने। उससे पहले वह एक मेयर भी रह चुके थे। इसीलिए पनवेल जैसे नए शहरों को बसाने के लिए उन्होंने काफी अच्छा प्रयास भी किया। मुंबई शहर अब पूरी तरह से भर चुका है वहां किसी और को नहीं बसाया जा सकता है बल्कि वहां से बाहर निकालने की जरूरत आ गयी है। पनवेल जैसे मुंबई के आस-पास के छोटे शहरों को पूरे प्लान के साथ बसाया जाए, ऐसा प्रयास देवेंद्र फडणवीस ने किया है। हाईवे, कोस्टल रोड और छोटी बड़ी सभी बातों का ध्यान रखते हुए उन्होंने मुंबई और आस पास के शहरों को डेवलप करने का अच्छा प्रयास किया है।

 पनवेल की सबसे बड़ी समस्या व चुनौती कौन सी है ?

इस समय पानी की समस्या सबसे अधिक है। हालांकि इसकी आपूर्ति करने वाली कई एजेंसिया हैं लेकिन उन पर अपने-अपने इलाके के लिए अधिक सप्लाई करने का आरोप लगता रहा है। कई वाटर सप्लाई एजेंसियों का काम भी रूका हुआ है जिसकी वजह से पानी की आपूर्ति ठीक से नहीं हो पाती है। पानी आपूर्ति की समस्या को लेकर हम लोग देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात भी कर चुके हैं और इसके हल की मांग की है।

 पनवेल के जल संकट का क्या समाधान हो सकता है?

जिन लोगों ने करोड़ों रूपये देकर फ्लैट खरीदा है उनको पानी देने की जिम्मेदारी सिडको की है। पानी नहीं देने को लेकर आप किसी को कारण नहीं बता सकते हैं। इसलिए हमारा कहना है कि मोर्बे डैम से जाने वाले पानी का डिस्ट्रीब्यूशन बराबर होना चाहिए। डैम को लेकर कई प्रपोजल हमारे पास आ चुके हैं और इसको लेकर बैठक भी चालू है लेकिन जब तक इसकी पूरी डिटेल नहीं ली जाती है, तब तक इसे पब्लिक नहीं किया जा सकता है।

पर्यावरण संरक्षण हेतु कौन से प्रयास किए जा रहे हैं?

2005 में जब सुनामी आयी थी उसके बाद से सभी लोग जागरूक हुए हैं और शहर को बचाने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। मैंग्रोव्ज पानी को रोकने में बहुत मदद करता है इसलिए हम मैंग्रोज को बचा रहे हैं। इसके साथ ही हम पेड़ लगाने का भी काम कर रहे हैं। खारघर एक ऐसा शहर है जो पर्वत की गोद में नजर आता है ऐसे और भी कई शहर हैं जो प्राकृतिक रूप से बहुत खुबसूरत हैं। इनकी सुंदरता बनाए रखने का हम पूरा प्रयास करेंगे।

 शहर के विकास में जन सहयोग बढ़ाने को लेकर क्या प्रयास हो रहे हैं?

कुछ एनजीओ हैं जो शहर के लिए काम कर रहे हैं। यहां पर रोटरी क्लब, लायंस क्लब और कई अन्य क्लब हैं जो शहर के विकास हेतु काम कर रहे हैं। नाना साहेब धर्माधिकारी के नाम से भी एक फाउंडेशन है जो शहर में पेड़ लगाने के काम कर रहा है। ऐसा देखने को मिल रहा है कि लोगों का निसर्ग के प्रति लगाव बढ़ता जा रहा है। प्लांटेशन में केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार भी काम कर रही है जो हमारे आने वाले भविष्य के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।

 पनवेल शहर और आप की राजनीतिक यात्रा साथ-साथ चलती रही है। ऐसा समय भी आया जब चुनौतियों का सामना करना पड़ा हो?

जीवन तो चुनौतियों के साथ ही चलता रहा है। लेकिन कुछ ऐसा है जो छूट सा गया ह।ै जैसे पनवेल में स्लम रिहैबिलिटेशन का काम होना चाहिए था जो काउंसिल के माध्यम से नहीं हुआ लेकिन नगरपालिका बनने के बाद उस पर भी काम चालू हो गया। अब हर गरीब का अपना खुद का घर होगा। हालांकि इस काम में भी राजनीतिक रोटियां सेेंकी गयी और इसे रोकने का प्रयास किया गया। वडाळे लेक को तैयार करने के दौरान लोगों ने विरोध किया था, कॉरपोरेशन बनने के दौरान भी विरोध किया था। सन 2009 में जब विधायक बना तो सिडको का डेवलपमेंट शुरू हो चुका था। उस समय सिडको सिर्फ रूरल इलाके पर ध्यान दे रही थी जबकि अर्बन इलाके को अनदेखा किया जा रहा था। सभी ग्राम पंचायतों को नगरपालिका में लाने का विरोध हो रहा था जबकि अगर ग्राम पंचायतों को नगरपालिका में नहीं लाया जाता तो उनका विकास कैसे होता!

  जनता की समस्याओं का निराकरण आप कैसे करते है?

विधानसभा क्षेत्र में मेरे बहुत सारे ऑफिस हैं जिनके माध्यम से मैं जनता से मिलता रहता हूं और उनकी समस्याएं सुलझाता रहता हूं। मेरे क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 6 लाख के करीब है। अकेले मैं सभी की समस्याओं का निराकरण नहीं कर सकता। इसके लिए हम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं और अपने सहयोगियों के माध्यम से सभी की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करते हैं।

 पनवेल में ट्रैफिक की समस्या हल करने हेतु आप क्या उपाय कर रहे हैं?

पनवेल शहर अब कॉरपोरेशन बन चुका है। जहां-जहां पर ट्रैफिक की समस्या हो रही है या फिर आगे भविष्य में हो सकती है, उसके निजात के लिए पनवेल कॉरपोरेशन ने क्रिसिल एजेंसी को अनुबंधित किया है और उसकी रिपोर्ट के आधार पर कॉरपोरेशन काम करेगी तथा भविष्य में हम शहर की ट्रैफिक समस्या को पूरी तरह समाप्त करने में सक्षम हो सकेंगे।

 मुंबई और नवीं मुंबई के समीप होने के कारण पनवेल को कितना लाभ मिल रहा है?

इन शहरों की वजह से ही पनवेल का विकास हुआ है। मुंबई में बढ़ती आबादी के बाद लोगों ने आसपास के शहरों में शिफ्ट होना शुरु किया और यही वजह रही कि पनवेल जैसे शहर में आज बड़ी जनसंख्या रहती है। शहर को बेहतर बनाने के लिए उसकी प्लानिंग सही तरीके से करनी होगी, जिससे किसी को भविष्य में कोई परेशानी ना हो। मुंबई के नजदीक होने से रेलवे, एयरपोर्ट और यातायात की सुविधाएं आसानी से मिल जाती हैं। अब पनवेल ए प्लस ग्रेड का स्टेशन हो चुका है। पनवेल के पास नया एयरपोर्ट बनने जा रहा है जिसकी वजह से शहर का विकास और तेजी से होगा।

 एक जनप्रतिनिधि के तौर पर भविष्य की आप की क्या योजना है?

भारतीय जनता पार्टी ने मुझे दो बार मौका दिया और मैं जनता की सेवा करते हुए दोनों बार विजयी हुआ। इससे एक बात साफ है कि मेरा भविष्य मेरे मतदाता क्षेत्र से जुड़ा रहेगा। पार्टी की तरफ से जो जिम्मेदारी मिलेगी मैं उसे पूरी ईमानदारी से निभाता रहूंगा। राज्य कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने पनवेल में स्किल यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की है और इसके माध्यम से युवाओं को प्रतिभावान बनाया जाएगा। उन्होंने कम्पनियों से बात करके आग्रह किया है कि कम्पनियां यह बताएं कि उन्हें किस स्किल का युवा चाहिए। फिर हम युवाओं को वह स्किल सीखने के लिए प्रेरित करेंगे।

 

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