हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
चार सौ पार के सूत्रधार मुख्य मंत्री

चार सौ पार के सूत्रधार मुख्य मंत्री

by रामेन्द्र सिन्हा
in अप्रैल -२०२४, ट्रेंडींग, राजनीति, विशेष, व्यक्तित्व
0

उत्तर प्रदेश से योगी आदित्यनाथ, असम से हिमंता बिस्वा सरमा, उत्तराखंड से पुष्कर सिंह धामी और गोवा से डॉ. प्रमोद सावंत ऐसे आदर्श मुख्य मंत्री हैं जिन्होंने धर्म, संस्कृति, हिंदुत्व के साथ अपने विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था से देशवासियों का दिल जीत लिया है।

उत्तर प्रदेश के फायरब्रांड मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ का जलवा बरकरार है। योगी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 2.78 करोड़ अनुयायियों का आंकड़ा पार करके देश के सबसे लोकप्रिय मुख्य मंत्री सिद्ध हुए हैं। राजनेताओं के व्यक्तिगत एक्स अकाउंट के मामले में वह अब केवल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से पीछे हैं। योगी के व्यक्तिगत अकाउंट के साथ-साथ उनका आधिकारिक अकाउंट भी काफी लोकप्रिय है, जिस पर अनुयायियों की संख्या 56 लाख से अधिक है। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के 400 पार के नारे पर उत्तर प्रदेश से तगड़ी मोहर लगने वाली है, जबकि लोकसभा की 543 सीटों पर चुनाव होने हैं।

मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ की पूरे भारत में इतनी लोकप्रियता का बड़ा कारण उनके शासन का नया मॉडल है। उनके शासन के मॉडल में कानून और व्यवस्था पर सख्त रुख के साथ हिंदुत्व की राजनीति का मिश्रण भी है। 2023 की शुरूआत में मूड ऑफ दि नेशन सर्वे में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प के साथ प्रदेश का नेतृत्व कर रहे योगी आदित्यनाथ भारत के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री घोषित किए गए थे। आम आदमी को क्या चाहिए? शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोजगार, विकास और मूलभूत सुविधाएं। राम लहर के साथ विकास के रथ पर सवार उत्तर प्रदेश फिर एनडीए के लिए केंद्र की सत्ता के दरवाजे इस बार और मजबूती से खोलता हुआ नजर आ रहा है।

टाइम्स नाउ नवभारत ईटीजी के हालिया सर्वेक्षण में उप्र की 80 लोकसभा सीटों में से एनडीए 72 से 78 सीटों पर जीत हासिल कर सकता है। वहीं इंडी गठबंधन के खाते में 2 से 6 सीट जा सकती हैं, जबकि मायावती की बसपा को 0 से 1 सीट मिल सकती है। इससे पहले इंडिया टुडे और सी वोटर्स के मूड ऑफ द नेशन सर्वे ने भाजपा के 72 सीट जीतने का अनुमान लगाया था। सर्वे में विपक्षी गठबंधन को 8 सीट और बसपा को शून्य सीट मिलने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि तब राष्ट्रीय लोकदल भी इंडिया गठबंधन में शामिल था, जो अब एनडीए का हिस्सा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा के गठबंधन के बावजूद भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 64 सीटें जीत ली थीं। सपा 5 और बसपा को 10 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस ने 1 सीट जीती थी।

पूर्वोत्तर का चाणक्य कहे जाने वाले असम के मुख्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा एक ऐसा नाम है जिसके एक्स पर अनुयायियों की संख्या भले ही 23 लाख ही हो, लेकिन उन्हें उनकी कार्यशैली के चलते दूसरे योगी की संज्ञा भी दी जाती है।

2015 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा भाजपा के फायर ब्रांड नेता ऐसे ही नही बने हैं। उन्होंने असम में जो कहा है उसको करके दिखाया है। यदि मदरसे हटाने की बात हुई तो उन्होंने उनको हटाया और उन बच्चों को सरकारी माध्यम वाले विद्यालयों में प्रवेश दिलवाया। सरमा का दावा है कि 2026 से पहले राज्य में बाल विवाह को खत्म कर देंगे। वह भाजपा के अन्य नेताओं की तरह ही हिंदुत्व की बात करते हैं, राममंदिर की बात करते हैं, बाबर और बाबर की सोच रखने वालों का विरोध करते हैं। हिमंता बिस्वा सरमा के नेतृत्व में किसी जमाने में विकास गतिविधियों के लिए अंतिम छोर पर खड़ा पूर्वोत्तर अब विकास के अग्रिम छोर के रूप में उभर रहा है।

2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने असम की 14 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हिमंता का हार्ड लाइन हिंदुत्व भाजपा के लिए फायदेमंद नजर आ रहा है। इस बार भाजपा यहां से 10 सीटों पर जीत हासिल करती नजर आ रही है। जबकि एनडीए कुल 12 सीटें जीतती दिख रही है, तो वहीं इंडी गठबंधन को एक सीट मिलती दिख रही है। एक सीट अन्य के पाले में जाती दिख रही है। 2019 में कांग्रेस ने तीन सीटें जीती थी।

पुष्कर सिंह धामी देश के उन गिने चुने युवा नेताओ में शामिल है, जिन्होंने कम आयु में ही किसी राज्य की सत्ता को अपने हाथ में लिया हो। धामी ने 22 मार्च 2022 को उत्तराखंड के 12वें मुख्य मंत्री के रूप में शपथ ली और पिछले दिनों उत्तराखंड भारत की स्वतंत्रता के बाद समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला पहला राज्य बन गया।

यूसीसी में विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने का अधिकार, लिव-इन रिलेशनशिप, विवाह रजिस्ट्रेशन पर विस्तार से नियम बनाए गए हैं। कानून लागू होने के बाद संपत्ति में बेटियों को बराबर का अधिकार मिलेगा। हलाला जैसे मामलों में तीन वर्ष की सजा और एक लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसे संज्ञेय अपराध में शामिल कर दिया गया है। धामी ने पहले धर्मांतरण, फिर नकलरोधी कानून के बाद अतिक्रमण और उपद्रवियों पर नकेल कसने के लिए सख्त कानून के मास्टर स्ट्रोक से अपने तेवर दिखाए हैं।

एक्स पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भले ही 4.93 लाख अनुयाई ही हो पर वे उत्तराखंड के धाकड़ नेता हैं। उनका कहना है कि उत्तराखंड की जनता ने हमें मैंडेट दिया है। हिंदुत्व अगर उत्तराखंड में नहीं होगा, तो और कहां होगा? नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय राजनीति में पदार्पण के साथ वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से उत्तराखंड में नमो मैजिक की शुरुआत हुई। तब भाजपा ने कांग्रेस से उसी के अंदाज में बदला लेते हुए पांचों सीटों पर विजय पताका फहराई। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने प्रदर्शन की पुनरावृत्ति करते हुए एक बार फिर पांचों सीटें जीतीं। यही नहीं, भाजपा प्रत्याशियों की जीत का अंतर पिछली बार की तुलना में अधिक रहा। इस बार ये अंतर और बढ़ने के ही संकेत हैं।

गोवा के सर्वाधिक लोकप्रिय मुख्य मंत्री मनोहर पर्रिकर के असामयिक निधन के बाद भाजपा ने जब डॉ. प्रमोद सावंत को कमान सौंपी तो लोग चौंक गए थे। पार्टी का यह दांव सफल भी रहा, 2022 के चुनाव में भाजपा ने बहुमत हासिल किया और सांवत दूसरी बार मुख्य मंत्री बनाए गए। प्रमोद पेशे से आयुर्वेद चिकित्सक हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ सबका विकास’ के नारे को चरितार्थ करते हुए मुख्य मंत्री सावंत का फोकस राज्य का चतुर्दिक विकास है। उन्होंने प्रधान मंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के दृष्टिकोण को साकार करते हुए आम लोगों और स्थानीय उद्यमियों दोनों के उत्थान के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाई। पूरी कैबिनेट के साथ रामलला का दर्शन करने अयोध्या पहुंचे मुख्य मंत्री सावंत की आशा अयोध्या में गोवा भवन बनाने की भी है। उन्होंने गोवावासियों के रामलला दर्शन की मुफ्त व्यवस्था के लिए मुख्य मंत्री देव दर्शन योजना में अयोध्या को शामिल करने की भी घोषणा की।

गोवा में 2019 के चुनाव में एक सीट भाजपा व एक सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। इंडिया टीवी-सीएनएक्स ने चुनावी ओपिनियन पोल कराया, जिसके अनुसार इस बार कांग्रेस को निराशा हाथ लग सकती है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस बार राज्य की दोनों सीट भाजपा के पाले में जाने वाली हैं। ओपिनियन पोल में कांग्रेस-आप का राज्य में खाता नहीं खुलने के संकेत साफ दिख रहे हैं। मोदी मैजिक के साथ भाजपा शासित अन्य राज्यों सहित देश भर में इस बार 400 पार की हवा तो बह रही हैं।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp

रामेन्द्र सिन्हा

Next Post
पूर्वोत्तर में रहेगा एनडीए का वर्चस्व

पूर्वोत्तर में रहेगा एनडीए का वर्चस्व

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0