मध्य प्रदेश के पांच पर्यटन खजाने

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मध्य प्रदेश में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं जो अपना प्राकृतिक सौंदर्य बिखेरते हैं। यहां पर कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं जिसकी जानकारी पर्यटकों को नहीं थी, लेकिन पर्यटन विभाग ने उन गुमनाम जगहों को विकसित किया। इन स्थानों की ऐतिहासिक उपलब्धि, मनोरम छटा देखकर पर्यटक रोमांचित हो उठते हैं।

ढलती सांझ के प्रेममयी रंग…

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देर तक विशाखा खिड़की से बाहर ढलते सूरज की लालिमा को गहराते देखती रही। देखती रही तेज गति से दौड़ती ट्रेन की खिड़की से पीछे छूटते पेड़ों को और घरों को। ट्रेन तेजी से आगे भाग रही थी और मन पीछे छूटते जा रहे पेड़ों के साथ पीछे भाग रहा था। भाग रहा था पीछे छूटे अपने शहर की ओर, उस शहर की ओर जहां उसका घर था, वह घर जिसे उसने पूरे 33 बरस सहेजा था।

भये प्रगट कृपाला

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इस बार अयोध्या श्रीरामजन्मभूमि स्थित राम मंदिर में धूमधाम और हर्षोंल्लास के साथ रामनवमी का महाउत्सव मनाया जाएगा। जिसे देखने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। इस अवसर पर अयोध्या नगरी दियों की रोशनी से जगमग होगी।

किसान आंदोलन का नक्सली एंगल

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किसान आंदोलन को लेकर उसके नेतृत्वकर्ताओं पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन अब खालिस्तानी अलगाववादी, मिशनरी, जिहादी गठजोड़ के बाद नक्सली एंगल भी सामने आया है। यह राष्ट्रविरोधी गतिविधि देश को हिंसा और अराजकता की आग में झोंकना चाहती है।

अंतर्कथा कहती आर्टिकल 370 फिल्म

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जम्मू कश्मीर और देश के लिए आर्टिकल 370 कैसे एक नासूर बना हुुआ था, उसे यथावत रखने के लिए कैसे-कैसे षडयंत्र तत्कालीन राजनीतिक पार्टियों द्वारा किए गए तथा वर्तमान केंद्र सरकार ने किस प्रकार इस समस्या को जड़मूल से खत्म किया, इसका यथार्थ चित्रण आर्टिकल 370 फिल्म में किया गया…

चलो नाना-मामा के घर

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साल भर पढ़ाई के बोझ से लदे हुए बच्चों को गर्मी की छुट्टियों का इंतजार रहता है। कब परीक्षाएं समाप्त हो और हम फ्री होकर अपने ननिहाल जा सके। बच्चे ही नहीं उनकी मम्मियों को भी बच्चों से ज्यादा इंतजार रहता है कि जल्दी से मायके जाने का। बच्चों को उनकी मां यह लालच देकर पढ़ाती हैं कि फटाफट पढ़ लो परीक्षा के बाद तुमको नाना-नानी के घर लेकर चलूंगी।

उम्मीदों की कसौटी पर सीएए

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पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित हो कर भारत में आए गैरमुस्लिम शरणार्थियों के लिए सीएए किसी वरदान से कम नहीं है और जो राजनीतिक नेता इसका विरोध कर रहे हैं, उनके दोहरे चरित्र को सदैव याद रखा जाएगा क्योंकि इनके मुंह से कभी बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों के विरुद्ध एक शब्द नहीं निकलता।

मध्य भारत में क्लीन स्वीप की सम्भावना

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मध्य भारत के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में भाजपा अन्य दलों की अपेक्षा बहुत ही मजबूत स्थिति में है। इस बार भाजपा क्लीन स्वीप करने के लिए अपना पूरा जोर लगा रही है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा को कांगे्रस के साथ-साथ नक्सली समर्थक तथा वनवासी क्षेत्रों में मिशनरीज के साथ दो-दो हाथ करना पड़ सकता है।

भाजपा का बढ़ता जनाधार

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इस बार के चुनाव में यदि भाजपा दक्षिण भारत में उम्मीद से अधिक सीटें जीत जाए तो आश्चर्य मत कीजिएगा क्योंकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनता का विश्वास भाजपा पर बढ़ा है। प्रांत, भाषा और अलगाववाद की राजनीति करने वाली क्षेत्रीय पार्टियों ने राष्ट्र-धर्म और हिंदुत्व का विरोध कर अपने पतन का मार्ग खुद चुना है।

भाजपा का गढ़ उत्तर भारत क्षेत्र

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जम्मू-कश्मीर और पंजाब को छोड़कर पूरे उत्तर भारत क्षेत्र के राज्यों में भाजपा-एनडीए प्रभावी स्थिति में है। इन क्षेत्रों से पिछली बार एनडीए को कुल 211 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार इसमें और अधिक बढ़ोत्तरी के संकेत हैं। हिंदुत्व, राष्ट्रवाद, राम मंदिर, सीएए आदि उपलब्धियों के चलते भाजपा के पक्ष में वातावरण बना हुआ है।

एनडीए को 411 सीटें जीतने का अनुमान

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भाजपा ने भले ही अपने एनडीए गठबंधन के लिए 400 पार का नारा दिया है, लेकिन हाल ही में हुए एक सर्वे में उसकी 411 सीटें जीतने की सम्भावना जताई गई है। गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में भाजपा इस बार पहले से अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।

मां, माटी और मानुष की हत्या

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बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी के मुस्लिम तुष्टिकरण का दुष्परिणाम वहां के मूलनिवासियों को भुगतना पड़ रहा हैं। वही बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठ से वहां की डेमोग्राफी चेंज होने लगी है। संदेशखाली में हुई अमानवीय वारदातें ममता की निर्ममता का प्रमाण हैं।

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