चीन में कोरोना की सुनामी

तीन साल के प्रतिबंधों में ढिलाई के बाद चीन में कोविड के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। इसका तात्पर्य है कि वहां सारे मामलों में केवल लीपापोती हुई परंतु समूचे विश्व को एक बार फिर सचेत हो जाने की आवश्यकता है, ताकि एक बार फिर उस कहर से बचा सके। भारत को उस पर खास ध्यान देने की आवश्यकता है। सरकार ने अपने स्तर पर प्रयास शुरू कर दिया है। जनता को भी सावधानी बरतनी चाहिए।

चीन में एक बार फिर से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, चीन में कोविड के मामले कुछ घंटों में दुगुने होते जा रहे हैं। मौतों के सही आंकड़े बाहर नहीं आ पा रहे। भयावह माहौल की जितनी जानकारी मिली है, हालात उससे कहीं ज्यादा खराब हैं। चीन में ओमीक्रोन का सबवेरिएंट बीएफ.7 कहर बरपा रहा है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक महज 7 दिनों में दुनियाभर में 36 लाख लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं, 10 हजार लोगों की मौत की खबर सामने आई है। कोरोना को लेकर बीजिंग में इमरजेंसी हॉटलाइन पर रोजाना 30 हजार से ज्यादा कॉल आ रही हैं, जो कि आम दिनों के मुकाबले छह गुना ज्यादा हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी तरह से कमी होने लगी है। चीन के बीजिंग, शंघाई, वुहान, झेंगझोउ और चेंगदू में हालात बेकाबू हो गए हैं। यहां पिछले एक हफ्ते में इतनी मौतें हुई हैं कि अब शव रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज भी कम पड़ गए हैं। शवदाह गृहों में कम से कम पांच से छह दिन की वेटिंग है।

भारत समेत पूरी दुनिया की नजर चीन के मौजूदा हालातों पर हैं। डर है कि चीन के रास्ते एक बार फिर कोविड पूरी दुनिया पर छा सकता है। अमेरिका स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (आईएचएमई) के नए अनुमानों के अनुसार, चीन द्वारा कोविड-19 के कड़े प्रतिबंधों को अचानक हटाने से 2023 तक मामलों में विस्फोट हो सकता है और दस लाख से अधिक मौतें हो सकती हैं। आईएचएमई के अनुमानों के अनुसार, चीन में मामले 1 अप्रैल 2023 के आसपास चरम पर होंगे, जब मौतें 3,22,000 तक पहुंच जाएंगी। आईएचएमई के निदेशक क्रिस्टोफर मरे ने कहा कि तब तक चीन की लगभग एक तिहाई आबादी संक्रमित हो चुकी होगी।

असल में चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कोविड प्रतिबंध हटाने के बाद से किसी भी आधिकारिक कोविड मौत की सूचना नहीं दी है। चीन के सरकारी आंकड़ों के अनुसार अभी तक महामारी से होने वाली कुल मौतें 5,235 हैं, जबकि आखिरी आधिकारिक मौत 3 दिसम्बर को दर्ज की गई थी। चीन ने अभूतपूर्व सार्वजनिक विरोध के बाद हाल में ही अपने यहां लागू दुनिया के कुछ सबसे कठिन कोविड प्रतिबंधों को हटा लिया और अब संक्रमण में वृद्धि का सामना कर रहा है।

चीन में हालात बेकाबू

चीन में कोरोना वायरस के मामले बेकाबू हो गए हैं। अस्पततालों में जगह नहीं है, श्मशान में लाशों का अम्बार लगा है। महामारी विशेषज्ञों के अनुसार अगले तीन महीनों में चीन की 60 प्रतिशत से ज्यादा आबादी कोरोना संक्रमित हो चुकी होगी। चीन के बड़े शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर से कोरोना विस्फोट होने की सम्भावना जताई जा रही है। बीजिंग में कोरोना से सबसे ज्यादा हालत खराब है। गम्भीर बीमारियों वाले बहुत से लोग अस्पताल में भर्ती नहीं हो सकते, क्योंकि वहां मरीजों के लिए पर्याप्त बिस्तर और आईसीयू की सुविधा नहीं है।

आईएचएमई के निदेशक क्रिस्टोफर मरे के अनुसार चीन की जीरो कोविड नीति वायरस के पहले के वेरिएंट में प्रभावी हो सकती है, लेकिन ओमिक्रोन वेरिएंट की उच्च संप्रेषणीयता में इसे बनाए रखना असम्भव है। मरे ने कहा, चीन ने वुहान में प्रकोप के बाद से बमुश्किल किसी मौत की सूचना दी है। इसलिए हमने संक्रमण की मृत्यु दर का अंदाजा लगाने के लिए हांगकांग की ओर देखा। कोरोना से जुड़ी बहुत सारी जानकारियां चीन ने छिपाई इसलिए अब हालत उसके काबू से बाहर हो गए हैं और वह बेबस नजर आ रहा है।

कोविड के ओमीक्रोन वैरिएंट ने पिछले साल से कहर बरपा रखा है। इसके कई रूपों ने भारत समेत दुनियाभर में करोड़ों को संक्रमित किया। चीन में अभी ओमीक्रोन का सबवैरिएंट बीएफ.7 फैल रहा है। बीएफ.7 ओमीक्रोन वैरिएंट इ-.5 की सब-लीनिएज इ-.5.2.1.7 का शॉर्ट फॉर्म है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसकी संक्रामकता ओमीक्रोन के बाकी सभी सबवैरिएंट्स से कहीं ज्यादा है। बीएफ.7 का इनक्यूतबेशन पीरियड (संक्रमण से लक्षण दिखने के बीच का वक्त) कम है और पहले से कोविड संक्रमित/वैक्सीनेटेड लोगों को भी आसानी से संक्रमित कर सकता है। बीएफ.7 से संक्रमित एक व्यक्ति औसत 10 से 18.6 लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसके लक्षण वगैरह ओमीक्रोन के बाकी वैरिएंट्स जैसे ही हैं।

भारत के लिए कितनी चिंता की बात?

चीन के मुकाबले भारत में कोविड की स्थिति खासी बेहतर है। भारत ने अबतक कोरोना वायरस की तीन लहरें झेली हैं। डेल्टा वैरिएंट के चलते आई दूसरी लहर सबसे ज्यादा घातक साबित हुई। पिछले कुछ महीनों से देश में कोविड की स्थिति नियंत्रण में है। 20 दिसम्बर 2022 को सक्रिय कोविड मामलों की संख्या 3,559 बताई गई। बीएफ.7 समेत चीन में ओमीक्रोन के जो भी वैरिएंट्स फैल रहे हैं, वे भारत के लिए नए नहीं। भारत की आबादी में इम्युनिटी का लेवल कहीं ज्यादा है। ऊपर से मजबूत वैक्सीनेशन प्रोग्राम ने इम्युनिटी को बेहतर किया है। चीन में जो कुछ हो रहा है, उसका भारत पर ज्यादा असर नहीं होगा। क्योंकि भारत में ज्यादातर लोगों में हार्ड इम्युनिटी है, भले ही हमारा बूस्टयर डोज काउंट कम है।

चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीइओ अदार पूनावाला ने कहा कि चीन में कोरोना के बढ़ते मामले सामने आने की खबर चिंताजनक है। हालांकि पूनावाला ने कहा, हमें अपने वैक्सीनेशन कवरेज और ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए घबराने की आवश्यकता नहीं है। हमें भारत सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइन पर भरोसा करना और उनका पालन करना जारी रखना चाहिए।

केंद्र सरकार की समीक्षा बैठक

चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत भी सतर्क हो गया है। केंद्र सरकार कोरोना के मामलों पर नजर रख रही है। कोविड-19 पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की बैठक में कोरोना पर हर सप्ताह स्वास्थ्य मंत्रालय की समीक्षा बैठक करने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार ने लोगों को भीड़भाड़ में मास्क लगाने की सलाह दी है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी कोविड पॉजिटिव मामलों के नमूने प्रतिदिन इंसाकॉग जीनोम सीक्वेंसिंग लैब में भेजने का निर्देश दिया है, ताकि वहां इस सैंपल का जिनोम सीक्वेंसिंग हो सके और अगर कोरोना का कोई नया वैरिएंट पनपता है तो उसे ट्रैक किया जा सके। इंसाकॉग भारत में कोविड के विभिन्न प्रकारों का अध्ययन और निगरानी करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत एक मंच है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की ओर से सभी राज्यों को एक पत्र में कहा गया है, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कोरिया गणराज्य, ब्राजील और चीन में कोरोना के मामलों की अचानक तेजी को देखते हुए, नए वेरिएंट को ट्रैक करने के लिए कोविड पॉजिटिव मामलों के जीनोम सीक्वेंसिंग को तैयार करना आवश्यक है।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने कहा कि अभी पैनिक की आवश्यकता नहीं है। भीड़भाड़ में मास्क लगाने की सभी को सलाह है। हर सप्ताह स्वास्थ्य मंत्रालय में समीक्षा बैठक होगी। टेस्टिंग पर्याप्त मात्रा में हो रही है। बीच-बीच में स्वास्थ्य मंत्रालय निर्णय लेगा कि क्या और कदम उठाए जाने हैं? कोई नई गाइडलाइन फिलहाल जारी नहीं की जा रही है।

भारत के परिप्रेक्ष्य में विशेषज्ञों के अनुसार लोग पहले से सावधानी बरतें और जिन्होंने अब तक बूस्टर डोज नहीं लिया, वह डोज जरूर लें। जिन लोगों को अन्य बीमारियां हैं, जैसे डायबिटीज, बीपी और कॉलेस्ट्रॉल, वह खास खयाल रखें। बच्चे, बुजुर्ग और प्रेग्नेंट महिलाएं भी ध्यान रखें। आजकल बदलते मौसम से लोगों में सर्दी और खांसी जुकाम का लक्षण है। तीन दिन से ज्यादा बुखार है, तो कोविड टेस्ट करवा सकते हैं। कुल मिलाकर चीन में कोरोना के केस को बढ़ते हुए देखकर भारत को भी सचेत होने की आवश्यकता है।

 

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