आजाद भारत के प्रथम गृह मंत्री एवं राष्ट्र की एकता एवं अखडंता के प्रतीक लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की 143 वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का लोकार्पण कर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की।
विश्व की सबसे बडी प्रतिमा का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है। देश की एकता और अखंडता के लिए युवा दौंड़ रहे है, मैं उनके इस जज्बे को नमन करता हूं। आगे उन्होंने कहा कि आज जो हुआ वो इतिहास में दर्ज हो गया है और इसे इतिहास से कोई मिटा नहीं पाएगा। आज आसमान से सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है। भारत ने एक नया इतिहास रचा है और भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुम्बी आधार भी तैयार किया है।
गुजरात के नर्मदा जिला स्थित केवडिया गांव में सरदार पटेल के महान व विशाल व्यक्तित्व को दर्शानेवाली संसार की सबसे ऊंची 182 मीटर की प्रतिमा का लोकार्पण कर प्रधानमंत्री मोदी जी फूले नहीं समा रहे थे। उन्होंने गदगद भाव से कहा कि सरदारजी की प्रतिमा राष्ट्र को समर्पित करने का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। जब मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में इसकी कल्पना की थी तो अहसास नहीं था कि एक दिन प्रधानमंत्री के तौर पर मुझे ही यह पुण्य काम करने का मौका मिलेगा। सरदार साहेब के इस आशिर्वाद के लिए मैं खुद को धन्य मानता हूं।
गौरतलब है कि रूस के ‘द मदरलैंड काल्स’ की प्रतिमा 87 मीटर, थाईलैंड के द ग्रेट बुद्धा की प्रतिमा 91 मीटर , अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी प्रतिमा 110 मीटर , जापान के ‘उशिकु दायबुत्सु’ की प्रतिमा ११० मीटर, म्यांमार के लेक्यून सेटक्यार की प्रतिमा 116 मीटर एवं विश्व के सबसे ऊंचे माने जाने वाले चीन के ‘स्प्रिंग टेंपल बुद्धा’ की 153 मीटर प्रतिमा को पछाड़कर भारत के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नाम से विख्यात सरदार पटेल जी की 182 मीटर की प्रतिमा ने विश्व में एक नया किर्तीमान स्थापित किया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी जी ने ‘बैली ऑफ फ्लावर का उद्घाटन किया और टेंट सिटी का भी अनावरण किया, कच्छ की तर्ज पर बने इस टेंट सिटी में 250 टेंट हाऊस है।
जानिये क्या है खूबीयां और विशेषताएं
- प्रतिमा के निर्माण में 70,000 टन सीमेंट, 22,500 टन स्टील एवं 1,700 मीट्रिक टन तांबा लगा है।
- प्रतिमा भूकंप रोधी है जो 6.5 तीव्रता के भुकंप को आसानी से सह सकती है और 220 किमी प्रतिघंटा की तेज हवा का सामना कर सकती है।
- चार धातुओं से बनी इस प्रतिमा पर कभी जंग नही लगेंगी। प्रतिमा के निर्माण में सबसे अधिक 85 फीसद तांबा का उपयोग किया गया है।
- लगभग 44 माह के रिकॉड समय में निर्मित इस प्रतिमा पर करीबन 2332 करोड़ रूपये की लागत आई।
- अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण में 5 वर्ष लगे थे और चीन में बुद्ध की प्रतिमा के निर्माण में लगभग 90 वर्ष लग गए थे।
- प्रतिमा के समीप 17 किमी लंबी ‘वैली ऑफ फ्लावर’ तैयार की गई है। यहां दुनिया के विविध फूलों की किस्मों को देखा जा सकता है।
- 250 एकड़ में बने इस वैली ऑफ फ्लावर में 100 से अधिक तरह के पौधे लगाए गए है।
- पर्यटकों के लिए एक टेंट सिटी और सरदार पटेल को समर्पित एक म्यूजियम भी बनाया गया है।
- कच्छ की तर्ज पर बने इस टेंट सिटी में 250 टेंट हाऊस है, तकरिबन 500 लोगों के रुकने की व्यवस्था है। यहां गुजराती और आदिवासी खाने से लेकर नृत्य का लुत्फ भी पर्यटक उठा सकेंगे।
- 55 मंजिला (करिब 600 फिट) प्रतिमा के हृदय स्थल 153 मीटर की ऊंचाई तक लोग लिफ्ट से पहुंच कर वहां से 138 मीटर उंचे सरदार सरोवर बांध को देख सकेंगे और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठा सकेंगे।
- युवाओं को आकर्षित करने हेतु यहां सेल्फी पाइंट बनाए गए है।
- भारत भवन प्रदर्शनी सभागृह
- ३ डी चित्रों का मानचित्रण
- जनजातिय संग्रहालय, हस्तशिल्प बाजार,
- राज्यों के अतिथि गृह
ज्ञात हो कि 182 मीटर ऊंची सरदार पटेल जी की प्रतिमा को बनाने में हजारों मजदूर व सैंकडो इंजीनियर तो महिनों तक जुटे ही थे साथ में अमेरिका, चीन से लेकर भारत के शिल्पकारों ने कड़ी मेहनत की थी। सरदार जी का चेहरा कैसा हो और भावभंगिमा कैसी हो, इसे तय करने में काफी समय लग गया।
स्वतंत्रता प्राप्ती के बाद खंडित हुए भारत को पुन: अखंण्डित बनाने हेतु सरदार जी ने 550 से भी अधिक रियासतों को एकत्रित कर संगठित भारत बनाया।
पूरे भारत को एकता के सूत्र में पिरोने वाले महान व्यक्तित्व के धनी सरदार पटेल जी को हिंदी विवेक की ओर से भावपूर्ण श्रद्धाजंली
Very informative post. Salute to great Sardar Patel, the iron Man…
लौह पुरुष को सादर नमन एवं पुण्यस्मरण।