हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result

उत्तर प्रदेश बनेगा उत्तम प्रदेश

by अर्चना श्रीवास्तव
in गौरवान्वित उत्तर प्रदेश विशेषांक - सितम्बर २०१७, राजनीति
0

२०१० में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मैडल जीत कर इतिहास रचने वाली पूर्व एथलीट कृष्णा पूनिया कहती हैं कि वो नोएडा में अपनी कार से कहीं जा रही थीं, उन्होंने देखा कि रास्ते में कुछ मनचले लड़के लड़कियों को परेशान कर रहे थे, वे लड़कियां मदद के लिए चिल्ला रही थीं लेकिन कोई भी आगे नहीं आ रहा था, मैंने उन मनचलों में से एक को सड़क पर दौड़ा कर दबोचा, वहां पर मौजूद सारे लोग तमाशबीन बन कर देखते रहे।

भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने साल १९५१ में अपने पहले अध्यक्षीय भाषण में कहा था, यह भयावह है कि जाति और सम्प्रदायों के आधार पर राजनीतिक अल्पसंख्यक वर्गों की कल्पना को प्रोत्साहन दिया जाए तो भी स्पष्टतया भारत के विशाल बहुसंख्यक समाज का यह कर्तव्य है कि उनको यह आश्वासन दिया जाए कि आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सभी क्षेत्रों में उनके साथ समानता का व्यवहार होगा जिससे कि वह सामाजिक आर्थिक स्थिति उन्नत कर सकें और नवभारत के निर्माण में अपना पूर्ण सहयोग दे सकें। ६६ वर्ष बाद डॉक्टर मुखर्जी के उपरोक्त शब्द क्या आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों और उनके कार्यकलापों में परिलक्षित नहीं होते हैं? योगी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उनकी सरकार किसी भी भेदभाव के बिना सबके हित में काम करेगी, जिसके अंतर्गत ‘सबका साथ सबका विकास’ सरकार चलाने का फार्मूला होगा।

उत्तर प्रदेश का तंत्र देश के सब से लचर सरकारी तंत्रों में गिना जाता था लेकिन योगी सरकार के आने के बाद जिस स्फूर्ति के साथ सरकारी महकमे सक्रिय हुए हैं, उससे लोगों में एक नई आशा की लहर जागी। सरकार गठित होने के एक हफ्ते के भीतर ही योगी आदित्यनाथ ने कई अहम फैसले लिए। प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के विवादित होने के कारण उनके नतीजों पर रोक, एंटी-रोमियो स्क्वाड का गठन, नक़ल पर रोक के लिए कदम, अवैध बूचड़खानों पर प्रतिबंध, सरकारी दफ्तरों एवं थानों का अचानक निरीक्षण करना आदि ऐसे काम हैं, जो बेहद सरलता से पिछली सरकार द्वारा भी किए जा सकते थे; मगर उन्हें तुष्टिकरण की राजनीति से शायद फुर्सत नहीं मिली कि इन पर ध्यान दे सकें। वहीं योगी को अपने कामों से फुर्सत नहीं। स्पष्ट है कि योगी सरकार में सिर्फ निर्णय नहीं हो रहे, बल्कि एक-एक निर्णय और निर्देश का गंभीरतापूर्वक क्रियान्वयन भी हो रहा है। इसी तरह अन्य विभागों को भी हीला-हवाली से बचने, दफ्तरों में स्वच्छता रखने, कार्यालय में गुटखा न खाने के निर्देश आदि निर्णय भी बेहद महत्वपूर्ण हैं।

उत्तर प्रदेश की जनता की तमाम तरह की आशाएं, आकांक्षाएं भाजपा की सरकार से हैं और इसी से जुड़े तमाम तरह के अंतर्विरोध, न्यायिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक चुनौतियां भी योगी सरकार के सामने हैं जिनसे उत्तर प्रदेश की सरकार को कुशलतापूर्वक निपटना है और अपने चुनावी वादे के मुताबिक उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाना है।

दुर्भाग्य से योगी सरकार के लगभग चार महीने के शुरुआती कार्यकाल में कानून व्यवस्था के मोर्चे पर समाजवादी पार्टी की सरकार को निशाने पर लेने वाली भाजपा के शासन में भी ऐसी घटनाएं उत्तर प्रदेश में तेजी से घटित हुईं। मनकापुर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में शौच को गई युवती के साथ तीन दरिन्दों ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया। युवती ने घर पहुंच कर मां से आपबीती बताई। तब वारदात की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई। अन्य मामला गोंडा जिले का है, जहां एक किराना दुकानदार ने नाबालिग को पांच घंटे से अधिक बंधक बना कर बलात्कार किया। इसी तरह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जेवर से बुलंदशहर जाते हुए परिवार के साथ लूट, गैंग रेप और फिर हत्या की घटना को अंजाम दिया गया। कुछ एक रोज पूर्व बागपत में दरिंदगी का नंगा नाच करती हुई घटना खबरों में आई कि युवती द्वारा बलात्कार का विरोध करने पर बहशी दरिंदों ने निर्ममता से पीड़िता की जांघे काट दीं।

इस समस्या से इतर उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में डाक्टरों और व्यवसायियों से रंगदारी वसूलने के लिए धमकाने के भी कई मामले उठे। पिछले दिनों इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस सम्बंध में बैठक भी की और बैठक में लिए गए निर्णय के मुताबिक आठ जुलाई को गोरखपुर आए मुख्यमंत्री से भेंट भी की। सीएम ने चिकित्सकों को सुरक्षा के लिए आश्वस्त किया। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक पखवारे के भीतर तीन चिकित्सकों, दो सराफा व्यापारियों सहित सात लोगों से रंगदारी की मांग की जा चुकी है।

प्रदेश की योगी सरकार की एक और बड़ी चुनौती है भगवान राम के जन्मस्थान का ४९० सालों से चला आ रहा विवाद। यह मसला अयोध्या की २.७७ एकड़ जमीन की मिल्कियत के विवाद का नहीं है, बल्कि समाज के उस बुखार को ख़त्म करने का है, जो हर कुछ साल बाद पूरे देश को अपनी गिरफ्त में लेने की कोशिश करता है।

“कितने पाकिस्तान” पुस्तक में कमलेश्वर ने ऐतिहासिक तथ्यों का सहारा लेकर दावा किया है कि १८५७ के विद्रोह के बाद अंग्रेज़ चौकन्ने हो गए थे और ब्रिटिश इंडिया की नई पॉलिसी बनी, जिसके मुताबिक अंग्रेजों ने तय किया कि अगर इस उपमहाद्वीप पर लंबे समय तक शासन करना है, तो इसे धर्म के आधार पर विभाजित करना होगा। हिंदू और मुसलमान एक दूसरे से ही लड़ते रहें और उनका ध्यान आज़ादी जैसे मुद्दों पर न जाए। इसी नीति के तहत लोदी की मस्जिद ‘बाबरी मस्जिद’ बना दी गई और उसे ‘राम मंदिर’ से जोड़ कर ऐसा विवाद खड़ा कर दिया जो कभी हल ही नहीं हो। अंग्रेज निश्चित रूप से सफल रहे क्योंकि उस वक्त पैदा की गई नफरत ही अंततः देश के विभाजन की मुख्य वजह बनी। पिछले दिनों अयोध्या दौरे पर गए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सकारात्मक राजनीति से अयोध्या में मंदिर का हल निकलेगा। अयोध्या ने देश को एक पहचान दी है।

कुछ यूं ही सोचती हूं कि आज के समय में, ‘अहा! ग्राम्य जीवन भी क्या है,’ जैसी कविताएं भी कहॉं लिखी जातीं? हम बचपन में पंत जी की कविता याद करते थे- भारतमाता ग्राम वासिनी, मिट्टी की प्रतिमा उदासिनी। निबंध लिखते थे- भारत एक कृषि प्रधान देश है। परंतु आज के समय में ये हमारे अन्नदाता तमाम तरह की दुश्वारियों से जूझ रहे हैं, कर्ज में डूबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं।

स्वामीनाथन की अगुआई में बने राष्ट्रीय कृषक आयोग में उल्लेख किया गया है कि एक किसान की औसत आय सरकारी दफ्तर में काम करने वाले चपरासी से भी कम है। बेहद दुखद है कि १० किसान परिवारों में से प्रति एक परिवार को अक्सर भूखे पेट ही रहना पड़ता है। करीब ६० फीसदी किसान चाहते हैं कि उनकी अगली पीढ़ी शहरों में बसे। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) जैसी सरकार की कल्याणकारी योजनाएं भी जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाई हैं।

इसमें दो राय नहीं कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों के लिए कर्जमाफी के साथ अनेक कदम उठा कर देश के सामने किसानों एवं खेती की समस्याएं एवं सरकारी स्तर पर उसके निदान पर बहस को फिर से तेज कर दिया है। इस फैसले से राजकोष पर ३६३६९ करोड़ रुपये का बोझ आया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए इंसेफेलाइटिस भी एक बड़ी चुनौती है। इंसेफेलाइटिस उन्मूलन अभियान के चीफ कैंपेनर डॉ. आर एन सिंह का कहना है कि इंसेफेलाइटिस, खास कर जल जनित इंसेफेलाइटिस की रोकथाम में शुद्ध पेयजल बहुत जरूरी है और गांवों में शुद्ध पेयजल का सब से भरोसेमंद स्रोत इंडिया टू मार्का हैंडपम्प होता है, लेकिन आम तौर पर शिकायत रहती है कि ये हैण्डपम्प खराब रहते हैं और जितनी संख्या में इसकी जरूरत है, उतने उपलब्ध नहीं हैं। दिहाड़ी मजदूर वृंदा कुमारी बताती हैं, ‘लोग पानी के टैंकर से अपने बर्तन भरने के लिए धक्कामुक्की करने लगते हैं। कई बार हम खाली हाथ लौटते हैं और पानी खरीदना पड़ता है जो महंगा है। हमारे घरों में पानी की सप्लाई नहीं है और सरकारी हैंडपम्प जो लगे हैं वे काम नहीं करते।’ गांवों के लोग पेयजल के लिए देशी हैण्डपम्पों पर निर्भर है जो काफी कम गहराई पर बोर होते हैं। कम गहराई पर बोर होने के कारण इनके द्वारा दिए जा रहे पानी में जल जनित इंसेफेलाइटिस के विषाणु होते हैं और लोग इससे संक्रमित होते हैं।

इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए गांवों में प्रत्येक ५० घरों पर एक इंडिया मार्का हैण्डपम्प देने की व्यवस्था की गई है और सरकारी दावा है कि यह लक्ष्य पूरा भी कर लिया गया है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग है। एक स्वंयसेवी संस्था के इंसेफेलाइटिस पर किए गए सर्वे में पूर्वांचल के सनहा गांव में दो सुअरबाड़े भी पाए गए। इन सुअर पालकों को इंसेफेलाइटिस के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और इनके सुअरबाड़े खुले में थे। सनद रहे कि सुअर जापानी इंसेफेलाइटिस के विषाणुओं के एम्प्लीफायर होस्ट होते हैं। इसके लिए सुअर पालकों को प्रशिक्षण देने, सुअरों की समय-समय पर जांच करने और उनके टीकाकरण की योजना है लेकिन देखा जाता है कि यह योजना कागजों पर ही रहती है। इस गांव में भी सुअरबाड़ों के प्रबंधन के लिए कोई कार्य नहीं किया गया है।

बापू ने हमें संदेश दिया था ‘क्विट इंडिया-क्लीन इंडिया’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मार्च २०१७ में जब मुख्यमंत्री का कार्यभार सम्भाला, उन्होंने तुरंत उत्तर प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में चबाने वाले पान, गुटखा और अन्य तम्बाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया।

डब्लूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार, गन्दगी से तरह-तरह की बीमारियां फैलती हैं। गंदगी के कारण हर वर्ष भारत के प्रत्येक नागरिक पर करीब ६,५०० रूपयों का अतिरिक्त बोझ पड़ता है।

हमारे देश के गांवों में ६० प्रतिशत से भी ज्यादा लोग आज भी खुले में शौच के लिए जा रहे हैं। ऐसी जगहों पर किसी बच्ची, महिला को अकेली पाकर सुनसान का फायदा उठा कर उनके साथ छेड़खानी और बलात्कार की घटनाएं भी आम हैं। हाल ही में सीएम योगी ने ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ फिल्म को उप्र में टैक्स फ्री करने की घोषणा करते हुए मोदी सरकार के स्वच्छता अभियान का संकल्प शिद्दत से दोहराया।

उत्तर प्रदेश के खस्ता हाल उद्योग- मसलन बंद होतीं मिलें, हथकरघा उद्योग के जर्जर हालात की दशा और दिशा सुधारने का जिम्मा भी योगी सरकार के समाने कड़ी चुनौती के रूप में हैं। जिस राज्य में उद्योग ही बदतर हालात में हों, वहां रोजगार के अवसर भी न के बराबर ही होंगे। फलस्वरूप यहां के वाशिंदों को मजबूरन अपने घर-परिवार को छोड़ कर महानगरों का रूख करना पड़ता है।

उत्तर प्रदेश के समक्ष एक नहीं, अनेक चुनौतियां हैं। परिवर्तन प्रगति तो करता ही है, विकृति भी साथ-साथ ले आता है। वह बहके नहीं, इस बात का खासा ध्यान रखने की जरूरत है। मुख्यमंत्री योगी की पहचान सदैव एक सख्त नेता के रुप में रही है। कहते हैं कि संन्यासी का राजनीति से एक नाभि-नाल संबंध रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही सुकून और संशय, दोनों के ही स्वर मुखर हैं। लेकिन योगी जब नौकरशाही के बाबत मीडिया से कहते हैं कि, ‘सबको होना होगा चलायमान,’ तो संदेश और संकल्प साफ है कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की उनकी कोशिशें वक्त के साथ रंग लाएंगी।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: hindi vivekhindi vivek magazinepolitics as usualpolitics dailypolitics lifepolitics nationpolitics newspolitics nowpolitics today

अर्चना श्रीवास्तव

Next Post

उत्तर प्रदेश की पत्रकारिता

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0