अप्रिय विवाद का पटाक्षेप

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कृषि कानूनों के मुद्दे पर राजग से नाता तोड़कर अकाली दल की असली मंशा यह थी कि वह खुद को पंजाब के किसानों का सबसे बड़ा हितैषी साबित कर सके। अब जबकि प्रधान मंत्री मोदी ने नए कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है तब अकाली दल को भाजपा से पुनः मित्रता करने में कोई दिक्कत होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

जनसंघ की निधि पर भाजपा की शक्ति

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मां और पुत्र के बीच जो शाश्वत प्रेम प्राकृतिक रूप से स्थापित होता है, वह किसी अन्य परस्पर दो जीवो के बीच देखने को नहीं मिलता। इसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि मां अपने पुत्र को नौ माह तक पहले गर्भ में उसका पालन पोषण करती है। अनेक…

कन्हैया और जिग्नेश को शामिल करने के खतरे कांग्रेस के लिए ही ज्यादा हैं

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कांग्रेस की दुर्दशा का इससे बड़ा प्रमाण कुछ नहीं हो सकता है कि इस समय उसके बारे में जो भी नकारात्मक टिप्पणी कर दीजिए सब सही लगता है। केंद्रीय नेतृत्व यानी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा जो दांव लगाते हैं वही उल्टा पड़ जाता है। कन्हैया कुमार को…

प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ साजिशे….

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लोकतंत्र ने हर व्यक्ति को विरोध करने और अपने विचार खुलकर व्यक्त करने का अधिकार दिया है, इरादा लोकतंत्र को जीवंत और गतिशील बनाना है ताकि समाज और देश के प्रत्येक वर्ग को लाभ हो। हालाँकि कुछ राजनीतिक दलों और उनके संगठनों के अलग-अलग एजेंडा हैं और इस लोकतांत्रिक साधन…

मुख्यमंत्री बदलना भाजपा की चुनावी रणनीति 

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गुजरात भाजपा के राजनीतिक इतिहास की जांच करने पर यह स्पष्ट है कि चुनाव से डेढ़ साल पहले से ही भाजपा के नेता चुनावी रणनीति बनाने में लगे हैं और हर हाल में अगले साल आने वाले चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की कोशिश कर रहे हैं। संक्षेप में व्यवहार्यता महत्वपूर्ण है, व्यक्ति नहीं।

आरएसएस की तालिबान से तुलना जावेद अख्तर को पहुंचाएगी जेल!

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा कार्यों का जिक्र समाज में बहुत ही कम होता है, जबकि संघ को कट्टर हिंदुत्व के लिए हमेशा से निशाने पर लिया जाता है। क्या ऐसे लोगों को सेवा कार्य नजर नहीं आता या फिर वह जानबूझकर उसे नजर अंदाज करते है। यह जरुरी नहीं…

लखीमपुर: क्या किसानों पर सच में चढ़ाई गयी कार?

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किसानों का आंदोलन दिल्ली से चलकर उत्तर प्रदेश तक पहुंच चुका है और उत्तर प्रदेश में इसका एक भयानक रूप देखने को मिला जिसने अभी तक 9 लोगों की जान ले ली है। देश में इससे पहले भी किसानों के आंदोलन हुए हैं लेकिन ऐसा आंदोलन शायद यह पहला होगा…

सिंहदेव की मजबूत दावेदारी से धर्मसंकट में कांग्रेस हाईकमान

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आज से लगभग तीन वर्ष पूर्व संपन्न मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभाओं के चुनावों में छत्तीसगढ़ एकमात्र ऐसा राज्य था जहां कांग्रेस की प्रचंड विजय ने डेढ़ दशकों से सत्तारूढ भाजपा को स्तब्ध कर दिया था। भाजपा को डेढ़ दशकों के बाद सत्ता से बाहर दिखाने में  राज्य के जिन…

क्या मुख्य मंत्री चन्नी सिद्धू का मोहरा बनेंगे?

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अगर कांग्रेस पार्टी चरणजीत सिंह चन्नी के रूप में एक दलित सिख को मुख्यमंत्री बनाकर सत्ता में वापसी का सुनहरा स्वप्न संजोए बैठी है तो उसे यह भी मालूम होना चाहिए कि जनता उसके खेल को अच्छी तरह समझ चुकी है।

जयंती विशेष: महात्मा गांधी जिनके दिल में बसते थे गांव

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2 अक्टूबर 2021 को महात्मा गांधी की 152वीं जयंती मनाई जा रही है। आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पूरे देश में याद किया जा रहा है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित सभी लोगों ने राजघाट जाकर उन्हें श्रद्धांजली दी और उनके बलिदानों को याद किया। गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को…

नाकाम अमेरिका और उभरता आतंकवाद

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यदि अमेरिका इस आतंकी संगठन को खत्म करने को लेकर प्रतिबद्ध है, तो उसे कोशिश करनी चाहिए थी कि इस प्रतिबद्धता में विश्व समुदाय भी भागीदार बने। इसके लिए न केवल सुरक्षा परिषद का सहयोग लिया जाना चाहिए बल्कि भारत को इस संस्था का स्थायी सदस्य भी बनाया जाना चाहिए, क्योंकि यह वही देश है जिसने आतंकवाद का सबसे अधिक सामना किया है।

आतंकवाद का जन्मदाता अमेरिका

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ये सब तालिबानी इसिस के जिहादी, इस्लामिक ब्रदरहुड के जिहादी और दिखने में तो उनकी पैदाइश इस्लामी तत्वज्ञान से हुई लगती है परंतु इन्हें वास्तविक जन्म अमेरिका ने दिया है। अमेरिका का लक्ष्य किसी भी देश को स्थिर नहीं होने देना, उसे हमेशा अस्थिर रखना, सीमा के बाहर उसे आर्थिक रूप से संपन्न या शस्त्र संपन्न नहीं होने देना है।

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