विकास की अवधारणा और सोशल मीडिया

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पछले दो दशकों से इंटरनेट ने हमारी जीवनशैली को बदलकर रख दिया है। एक नये आभासी समाज और समुदाय का निरंतर निर्माण भी हो रहा है। हमारी जरूरतें, कार्य प्रणालियां, अभिरुचियां और यहां तक कि हमारे सामाजिक मेल-मिलाप और सम्बंधों के ताने-बाने को रचने में कंप्यूटर और इंटरनेट ही बहुत हद तक जिम्मेदार है।

किसान आंदोलन नहीं, हिंसा से गुरेज

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उपवास, सत्याग्रह, आंदोलन, धरना, प्रदर्शन राजनीतिक दृष्टि से तात्कालिक तौर पर तो लाभकारी हो सकते हैं, किन्तु सही मायने में इससे किसानों का कोई बड़ा हित या दीर्घकालिक लाभ शायद ही हो पाए। एक प्रयास जो सबसे ज्यादा जरूरी है वह है मौसम, पूंजी और सरकार पर किसानों

 ग्रामीण पत्रकारिता के बहाने

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 आज की पत्रकारिता व्यावसायिक है, शहरी हो गई है| ग्रामीण पत्रकारिता  अपने अस्तित्व की चुनौती से जूझ रही है| पत्रकारिता में गांव की भाषा, बोली, परंपरा, संस्कृति आदि नगण्य है| हिन्दी पत्रकारिता में भी अंग्रेजी का बोल-बाला है| यह स्थिति समय के साथ बदल रही है, बदलनी ही होगी  पत्रकारिता को गांवोन्मुख बनाने की आज महती आवश्यकता है|

 मोदी सरकार से आस, मध्यप्रदेश का तेज विकास

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भारत में शासन कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के अंतर्गत काम करता है, अर्थात एक ऐसा शासन जो नागरिकों के आर्थिक एवं सामाजिक उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हो| इसीलिए केन्द्र में किसी भी दल का शासन हो वह राज्यों के हितों का पोषण करता है| हालांकि विकास के मसले पर केन्द्र और राज्यों में अनेक बार टकराव की नौबत भी आती रही है| दलगत आधार पर राज्यों के द्वारा केन्द्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगता रहा है|

आंतरिक मोर्चे पर भी जीते सैनिक

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भारत में संत और साध्वी की ही तरह सेना को भी आदर, सम्मान और बहुत हद तक पवित्रतता की भावना से देखा जाता है। ऐसा इसलिए है कि सेना देश की रक्षा करती है। सैनिक सरहदों की सुरक्षा के लिए अपनी जान कुरबान कर देने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं्

नमामि गंगा परियोजना

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भारतीय प्रत्येक नदी को गंगा मानता है। वह प्राकृतिक संसाधनों को समाज की थाती मानता है। इसलिए एक बार अगर भारतीय मानस गंगा के प्रति सजग और चैतन्य हो गया तो वह देश की सभी नदियों के प्रति आस्थावान और संवेदनशील हो जाएगा। नमामि गंगा परियोजना का यह दूरगामी लाभ है।

नद्यः रक्षति रक्षितः

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दुनिया में एक नहीं अनेक सभ्यताओं का निर्माण, विकास और संरक्षण नदियों के कारण हुआ है। मानव सभ्मता के विकास में नदियों का ऐतिहासिक महत्व रहा है। यह महज संयोग नहीं है कि भारत के अधिकांश बड़े नगर नदियों के तट पर बसे और विकसित हुए हैं। इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण ह््ैं।

नर्मदा घाटी में सब कुछ है, बस नर्मदा नहीं!

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नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवनरेखा है। प्रदेश के अनूपपुर जिले की मैकल पर्वतमाला पर स्थित प्रसिद्ध तीर्थ अमरकंटक इसका उद्गम है। यहीं से निकलकर नर्मदा गुजरात की खम्बात की खाड़ी से अरब सागर में समाहित हो जाती है।

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