धुंधलाता दादा साहेब फालके का स्वप्न
भारतीय फिल्मों के पितामह दादासाहब फालके भारतीय संस्कृति धर्म, परम्परा के संवाहक थे। उनकी पहली फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ ने लोगों...
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"वन्स अपॉन ए टाइम इन मुम्बई"। फ़िल्म में उनके काम को सराहा गया और बतौर कास्टिंग डायरेक्टर उन्होंने पहली फ़िल्म...
गुजरे ज़माने की फिल्मों में फैशनेबल कपड़ों का चलन काफी कम था और कलाकारों की ड्रेस कम बजट और स्थिति...
‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर टू,student of the year 2,‘गदर एक प्रेम कथा,gadar ek prem katha,इशान खट्टर, ishan khattar,
नो एंट्री,no entry दे दनादन,de danadan, गे्रट ग्रैंड मस्ती, great Grand masti परेश रावल, paresh rawal, राजपाल यादव,Rajpal yadav, विजय...
आम दर्शक सोलहवीं सदी के सूफी फकीर मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य ‘पद्मावत’ के पन्नों में चित्रित महारानी पद्मावती के...
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