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रुपहले परदे पर  बरकरार फैशन की चमक

रुपहले परदे पर बरकरार फैशन की चमक

by सुधीर दुबे
in फ़ैशन, फैशन दीपावली विशेषांक - नवम्बर २०१८, विशेष
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गुजरे ज़माने की फिल्मों में फैशनेबल कपड़ों का चलन काफी कम था और कलाकारों की ड्रेस कम बजट और स्थिति को देखते हुए तय की जाती थी, लेकिन आज ब्राण्ड का दौर है, कंपनियों की लाइन लगी हुई है और हर शुक्रवार यहां फैशन बदलता है।

फैशन हमेशा से ही भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री का अभिन्न अंग रहा है। गुजरे ज़माने से लेकर आज तक हिंदी फिल्मों में कहीं न कहीं फैशन नज़र आया है। हिंदुस्तानी दर्शक भी फ़िल्मी कलाकारों के माध्यम से फैशन को अपनाते आए हैं। लेकिन दुखद बात यह है कि वक़्त के साथ-साथ फैशन ने फूहड़ता का चोला भी ओढ़ लिया हैं, जो भारतीय समाज के लिए कोई सुखद स्थिति नहीं है।

राजकपूर से लेकर दिलीप कुमार, देव आनंद से लेकर राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन और धर्मेन्द्र से लेकर जितेंद्र तक तमाम अभिनेताओं की सफलता में उनके उम्दा अभिनय के साथ-साथ उनके पहनावे की भी अहम भूमिका रही है। एक आम आदमी ने स्वपन में स्वयं को इसी रूप में पाया है। उसने भी समाज का रक्षक, एक ख़ूबसूरत स्त्री का प्रेमी और बूढ़े मां-बाप को तमाम सुख सुविधाएं देने की ख़्वाहिश इसी रूप में की है। अपने ख़्वाब को हकीकत में बदलने के लिए कइयों ने अभिनेताओं की चाल-ढाल और बोली के साथ पहनावे को अपनाया है। अपने पसंदीदा कलाकारों की एक झलक पाने के पीछे भी फैशन का बड़ा हाथ रहा है। विचारणीय तथ्य यह है कि गुजरे ज़माने की फिल्मों में फैशनेबल कपड़ों का चलन काफी कम था और कलाकारों की ड्रेस कम बजट और स्थिति को देखते हुए तय की जाती थी, लेकिन आज ब्राण्ड का दौर है, कंपनियों की लाइन लगी हुई है और हर शुक्रवार यहां फैशन बदलता है।

पुरानी फिल्मों में अभिनेता चुस्त पैंट और कमीज़ ज़्यादा पहनते थे। उन कपड़ों के रंग या तो सफेद होते थे या फिर भड़कीले। चमकीले बेल्ट, स़फेद और काले जूते ज्यादातर फिल्मों में कलाकार पहनते नजर आते थे। बेल बॉटम में अमिताभ, जितेंद्र, धर्मेन्द्र ख़ूब फबे। अभिनेत्रियों के पास ज्यादा विकल्प नहीं थे। चुस्त सलवार-कुर्ती या साड़ी में वे दर्शकों के दिलों पर राज करने के जतन किया करती थीं। मिथुन, अनिल कपूर, गोविंदा, जैकी श्रॉफ की फिल्मों से फैशन में थोड़ा बदलाव आने लगा। फिर भी इन अभिनेताओं को पुरानी फिल्मों के फैशन को साथ लेकर चलना पड़ा। शाहरुख़ खान, आमिर खान, सलमान खान, अजय देवगन, अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी भी शुरुआती फिल्मों में अलग-अलग परिधान में नज़र आए, लेकिन फैशन आइकॉन बनना अब भी मुश्क़िल था। क्योंकि आम आदमी इन कपड़ों से ज़्यादा जुड़ नहीं पा रहा था। मेट्रो सिटीज में जरूर चलन जोर मार रहा था, छोटे शहरों, कस्बों, देहातों में अब भी ज्यादातर आम कपड़े ही मर्दों द्वारा पहने जाते थे। जो मिथुन, गोविंदा या सुनील शेट्टी बनने का प्रयास करता, वह हंसी का पात्र भी बनता था।

सन् 2000 आते-आते फैशन का चेहरा भी बदलने लगा था। 2001 में आई आमिर खान की फ़िल्म दिल चाहता है ने आम आदमी को फैशन के सही मायने बताए। जीन्स, टी-शर्ट और बेहतर फिटिंग के शर्ट-पैंट को पूरी तरह लोग अपनाने लगे। इस क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की आंखें भी खुल गईं और फैशन में एक अलग तरह का उछाल आ गया। अब अभिनेत्रियों का ड्रेसअप भी बदल चुका था और आम जनता इनसे कनेक्ट भी कर पा रही थी। तब से लेकर अब तक फैशन में हर पल, हर दिन बदलाव हो रहे हैं और लोग इन्हें अपना भी रहे हैं।

इनके फैशन की रही दीवानगी

हिंदी फिल्मों में कुछ कलाकार ऐसे भी रहे जिनका पहनावा और चाल-ढाल दीवानगी का सबब बना। देव आनंद अपनी अदाओं से दर्शकों पर बिजलियां गिराते थे तो उनके कपड़े पहनने का अंदाज़ भी लोगों को ख़ूब भाता था। मफ़लर का चलन यूं तो दिलीप कुमार, गुरुदत्त की फिल्मों से ही शुरू हो गया था लेकिन इसे अंजाम तक पहुंचाया देव आनंद ने। वे जब झटके से मफ़लर को पीछे की ओर लेते थे तो कई लड़कियों के दिल थम से जाते थे। देव साहब के बाद राजेश खन्ना ने मफ़लर को अपना बड़ा हथियार बनाया और कई साल तक दर्शकों के दिल पर राज किया। फिर मिथुन और गोविंदा ने भी मफ़लर को जमकर भुनाया। कुछ अभिनेताओं ने गले में रुमाल भी बांधा लेकिन बाद में खलनायकों ने इस स्टाइल पर कब्ज़ा जमा लिया। अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना ने भी बेल बॉटम और शर्ट की नुकीली कॉलर स्टाइल में ख़ूब झंडे गाड़े। राजकुमार के जूतों की स्टाइल आज भी लोगों को याद है। ऋषि कपूर और मिथुन ने कईं फिल्मों में रंग-बिरंगे स्वेटर भी पहने। जैकी दादा का कॉलर चढ़ाने वाला स्टाइल हो या शाहरुख़-सलमान के जीन्स-टी-शर्ट पहनने का अंदाज़, सब दर्शकों को ख़ूब पसंद आए। लेदर के जैकेट पुरानी फिल्मों में अभिनेताओं द्वारा ख़ूब पहने गए, लेकिन ये ट्रेंड में आए सलमान खान की फ़िल्म मैंने प्यार किया से। हेयर स्टाइल भी फैशन में कम मायने नहीं रखती थीं। साधना कट को कौन भूल सकता है। जूड़े से लेकर खुले बाल तक हर वक़्त हिरोईन के बालों का हेयर स्टाइल बदला। पुरानी फिल्मों में हिरोइनों के बाद रेखा खूबसूरत और श्रीदेवी तोहफ़ा में दो चोटी में नज़र आईं। अभिनेताओं की हेयर स्टाइल में भी समय-समय पर बदलाव होते रहे।

वक़्त के साथ बदलीं अभिनेत्रियों की ड्रेस

यूं तो फैशन के नाम पर पुरानी फिल्मों की अभिनेत्रियों के पास कुछ ख़ास नहीं था, लेकिन वक़्त के साथ-साथ इनके पहनावे में भी बदलाव नजर आता रहा। चुस्त सलवार-कुर्ती से शुरू हुआ सिलसिला फ़िल्म सिलसिला तक आते आते सिल्क और शिफॉन साड़ी तक पहुंचा। परवीन बॉबी और ज़ीनत अमान ने भड़कीले वस्त्र पहने तो रेखा और श्री देवी मिडी से शुरू होकर सिलसिला और चांदनी में शिफॉन का ट्रेंड ले आईं। श्रीदेवी ने स्कर्ट-टॉप भी ख़ूब पहना। माधुरी दीक्षित ने लहंगा-चोली से लेकर हर तरह के वस्त्रों का भरपूर उपयोग किया। काजोल, ऐश्वर्या रॉय के बाद तो फैशन के विभिन्न रूप सामने आए।

आज भी बरक़रार ज्वेलरी की चमक

इतने साल बाद भी ज्वेलरी की चमक फीकी नहीं हुई है। फ़िल्म मुग़ल-ए-आज़म से लेकर पद्मावत तक आज भी ज्वेलरी अभिनेत्रियों की ख़ूबसूरती में चार चांद लगा रही हैं। हालांकि अलग-अलग दौर में अलग-अलग स्टाइल की ज्वेलरी पहनी गई हैं। मधुबाला, वहीदा रहमान, रेखा, हेमा मालिनी, श्रीदेवी, ऐश्वर्या रॉय और दीपिका पादुकोण के ज़माने तक हर बार ज्वेलरी को महत्ता दी गई। शादी-ब्याह पर आधारित फिल्मों में इनका बेहतर इस्तेमाल किया गया। फ़िल्म हम आपके हैं कौन, हम दिल दे चुके सनम, गोलियों की रासलीला-रामलीला जैसी फिल्मों में भी अभिनेत्रियां ज्वेलरी से भरी नज़र आईं। पीरियड फिल्मों में भी निर्देशकों ने उस दौर की ज्वेलरी का रिसर्च के बाद अच्छा उपयोग किया।

इन्होंने बदला फैशन का रुख़

बीते ज़माने में फैशन की कमान मास्टरजी के हाथों में हुआ करती थीं, जो शूटिंग के कुछ दिन पहले ही कपड़ों की सिलाई पर काम शुरू करते थे और ऐन शूटिंग पर ड्रेस प्रोड्यूसर के ऑफिस पहुंच जाया करती थीं। फिर वक़्त ने करवट ली और फैशन डिजाइनर का चलन शुरू हुआ। इन्होंने फिल्मों में फैशन के नए आयाम स्थापित किए। शूटिंग से 5-6 महीने पहले ही ड्रेस डिजाइन का काम शुरू होने लगा, जो अब व्यापक रूप ले चुका है। मनीष मल्होत्रा, ॠतु कुमार, सब्यसाची मुखर्जी, रोहित बल, ऋतु बेरी जैसे डिजाइनरों की सोच फ़िल्म इंडस्ट्री में फैशन को नए आयाम दे रही है।

ये हैं आज के स्टाइल आइकॉन

आज फ़िल्म इंडस्ट्री में स्टाइल के अलग ही मायने हैं। आज टाइगर श्रॉफ और वरुण धवन को देखकर युवा अपने कपड़ों का सिलेक्शन करते हैं। सलमान खान, ह्रितिक रोशन और जॉन इब्राहम भी लंबे समय से इनके स्टाइल गुरु बने हुए हैं। अभिनेत्रियों में दीपिका पादुकोण, केटरीना कैफ, कृति सैनन, अलिया भट्ट, श्रद्धा कपूर सरीखी अभिनेत्रियों को फॉलो किया जा रहा है। दौर ऐसा आ गया है कि फिल्मों में उपयोग किए गए परिधानों को ऑनलाइन शॉपिंग के माध्यम से खरीदा भी जा सकता है। कुछ कम्पनियां इस दिशा में काम कर रही हैं।

 

 

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