बाबासाहब के तीन सूत्र

Continue Readingबाबासाहब के तीन सूत्र

आज समय की मांग है कि डॉ. आंबेडकर के विचारों के अनुरूप हम आगे बढें। उनके विचार केन्द्रस्थान पर हों। हमारा देश विशाल है, विस्तीर्ण है।

मेरी मां

Continue Readingमेरी मां

अ ब भी मुझे मेरी मां की याद आती है तो मेरी आखों के सामनेउसकी अपार कष्ट करनेवाली प्रतिमा घूमने लगती है। मेरी मां लीलाबाई। जब से समझने लायक हुआ हूं तब से उसे मेहनत करते ही देख रहा हूं। इसलिये ही शायद उसका वही रूप मेरी आंखों के सामने है।

माउंट एवरेस्ट- बेस कैम्प ट्रेक

Continue Readingमाउंट एवरेस्ट- बेस कैम्प ट्रेक

मनोरम निसर्ग के बीच पगडंडी से चलना आरंभ हुआ। आगे क्या होगा, कैसे होगा, चढ़ाई के कितने कष्ट होंगे आदि शंकाएं थीं ही। कुछ देर चलने पर बाईं ओर कलकल बहती दूधकोसी नदी दिखाई दी।

तूफानी कर्तृत्व की महत्वाकांक्षा रखें

Continue Readingतूफानी कर्तृत्व की महत्वाकांक्षा रखें

अब तक हम सफल उद्योग के तीन सूत्र जान चुके हैं। उद्योग-व्यवसाय दूसरे के पैसे पर कीजिए, ईमानदारी से फायदे का व्यवसाय हो सकता है, कम मुनाफा और ज्यादा टर्नओवर यह तत्व किस तरह उपयोगी है, इसे आपने जाना पर इस सूत्र का उपयोग करने के लिए आपका उद्यमी होना

कम मुनाफा – ज्यादा टर्नओवर

Continue Readingकम मुनाफा – ज्यादा टर्नओवर

‘ग्राहक ही व्यापार, ग्राहक ही मुनाफा’ यह सूत्र ध्यान में रखना चाहिए। ग्राहक को संभालिए, उद्योग संभलता जाएगा। ‘कम मुनाफा अधिक व्यापार’ यह सूत्र उत्पादक और ग्राहक दोनों के लिए फायदे का होता है।

ईमानदारी से ही उद्योग किया जा सकता है

Continue Readingईमानदारी से ही उद्योग किया जा सकता है

नौकरी जैसा सुरक्षित और लगातार कमाई की गारंटी देनेवाला पर्याय न चुनकर उद्योग-व्यवसाय क्यों करें? ऐसा प्रश्न मुझसे अनेक बार पूछा जाता है।

End of content

No more pages to load