जातिवाद पे  सब बलिहारी

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लीजिए साहब, राष्ट्रपति चुनाव फिर आ गए| हमारे प्रिय शर्मा जी राष्ट्रपति को भारतीय लोकतंत्र की आन, बान और शान मानते हैं| इसलिए वे बड़ी उत्सुकता से इसकी प्रतीक्षा करते हैं|

रेरा दूर करेगा रियल इस्टेट की विसंगतियां

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देश के ९ राज्यों और ४ केंद्र शासित राज्यों में RERA लाया गया है| रेरा रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट का संक्षिप्तिकरण है| इसके प्रभाव से इस क्षेत्र में वर्षों से चला आ रहा भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा खरीदार की गाढ़ी कमाई भवन निर्माताओं द्वारा ठगी जा रही थी और वे सही न्याय पाने के लिए न्यायालय की दया पर आश्रित थे, जिसमें बहुत ज्यादा समय लगने के कारण खरीदार के मन में निराशा घर कर जाती थी|

विकास का संपोषक राष्ट्रवाद – नितिन गडकरी

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‘‘विवेक संवाद के द्वारा मुंबई में आयोजित संगोष्ठी में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी ने बैंकिंग, फायनांस और सरकार  के सम्बंध में अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये| उन विचारों के कुछ अंश पाठकों के लिए यहां प्रस्तुत किए गए हैं|’’ 

भारतीयत्व की विस्मृति ही “इंडिया” है

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भारतीय चिंतन पूरे विश्व को हमारी देन है। इसे पहले और आज भी स्वीकार किया जा रहा है। फिर भी, हम अपने ही देश और अपने ही राजनीतिक उत्तराधिकारियों के बीच गत ७० सालों से बहिष्कृत क्यों हैं? यह एक यक्ष प्रश्न है कि, क्या आज का ‘इंडिया’ बौद्धिक गुलामी

हिन्दी का व्यावहारिक व्याकरण

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किसी समाज में भाषा अथवा बोली का प्रयोग शुरू होने के काफी समय बाद उसके व्याकरण की रचना होती है| भाषा मूलतः व्याकरण की आश्रित नहीं होती, किन्तु व्याकरण के माध्यम से संस्कारित होकर वह बोली और लिखी जाती है| व्याकरण में भाषा के इन्हीं नियमों को सिद्धांत रूप में प्रस्तुत किया जाता है|

सामाजिक लोकतंत्र स्थापित करने वाली राजनीति हो

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राष्ट्रपति पद के लिए श्री रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा होते ही उनके दलित होने का बार-बार जिक्र किया गया| दूसरी ओर, कांग्रेस ने अपने मित्र दलों के साथ मिल कर अपना उम्मीदवार तय करते समय जन्म से दलित उम्मीदवार चुनने की भी राजनीतिक चाल चली|

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