राजस्थान में बदलेगा राज या रिवाज

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राजस्थान की जनता हर दूसरे टर्म में सत्ता परिवर्तित करती है। यह वहां का रिवाज है। इस साल के अंत में वहां चुनाव होने वाले हैं। एक ओर कांग्रेस गहलोत-पायलट के भंवर में है तो भाजपा वसुंधरा पर दांव खेले या नहीं इस पशोपेश में, परंतु जनता को तो उसे चुनना है जो उसके भविष्य को अधिक प्रकाशमान कर सके। देखना ये है कि वहां की जनता इस चुनाव में किसे चुनती है।

पनवेल में संघ कार्य की प्रगति

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अपनी स्थापना के बाद से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश के अन्य भागों की भांति पनवेल में भी संघ कार्यों का बीजारोपण कर दिया था, जो वर्तमान में वटवृक्ष का रूप ग्रहण कर चुका है। आपातकाल के दौरान पनवेल के स्वयंसेवकों ने संघ पर लगे प्रतिबंध के विरुद्ध सत्याग्रह भी किया था।

विकास की राह पर भारत विकास परिषद

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चार वर्षों के अल्पकाल में पनवेल की भारत विकास परिषद शाखा ने वहां के लोगों के मध्य अपना महत्त्वपूर्ण स्थान स्थापित कर लिया है। संस्था समाज के हर वर्ग एवं वय के लोगों के लिए निरंतर सफल अभियान चला रही है।

नया शहरी क्लस्टर बनेगा कॉरिडोर

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विरार एवं पनवेल के बीच बन रहा कॉरिडोर समूचे क्षेत्र के विकास को नवीन दिशा देगा। इससे मुंबई के आसपास का शहरीकरण तो बढ़ेगा ही, नई औद्योगिक इकाइयां आने से रोजगार के नवीन अवसर भी उपलब्ध होंगे।

शहर का विकसित होता बुनियादी ढांचा

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विकसित भारत के संकल्प को साकार करने हेतु पनवेल शहर बड़ी तेजी से अपने बुनियादी ढांचे के चहुंमुखी विकास की ओर अग्रसर है। मूलभूत सुविधा, यातायात-परिवहन, आवास, उद्योग, व्यवसाय, रोजगार, आदि विविध क्षेत्रों में इस शहर ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है।

पनवेल की विकास यात्रा अतीत से अब तक…

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पनवेल की विकास यात्रा को देखकर अब हर किसी को भविष्य की दृष्टि से विविध क्षेत्रों में अपार सम्भावना नजर आने लगी है। इसलिए यहां भारी निवेश हो रहा है और इसे नवी मुंबई की तर्ज पर सुनियोजित शहर के रूप में विकसित किए जाने की मांग हो रही है।

भीगे मौसम की भीगी यादे..

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बारिश के मौसम में कोंकण की यात्रा स्वर्ग की अनुभूति करने के समान हैं। इसलिए कश्मीर की तरह महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र को भी स्वर्ग कहा जाता है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य बरबस ही सभी को अपनी ओर आकर्षित करता हुआ प्रतीत होता हैं।

अनेक राज्यों के भवन एकता एवं विविधता के दर्शन

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नवी मुंबई में विभिन्न राज्यों के भवन हैं, जिससे वहां पहुंचने वालों को लघु भारत के दर्शन होते हैं। कई राज्यों के भवन वहां से आने वाले कैंसर पीड़ितों को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करवाते हैं। जिन राज्यों के भवन नहीं हैं, उनके भवन तैयार किए जाने की प्रक्रिया चल रही है।

मानव निर्मित वन क्षेत्र ग्रीन वैली पार्क

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एक तरफ विश्वभर में नए शहरों के निर्माण के लिए वनक्षेत्र काटा जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ नवी मुंबई शहर के बेलापुर में ग्रीन वैली पार्क के तौर पर मानवनिर्मित वन का निर्माण किया गया है। इसमें क्षेत्र के आम लोगों की सहभागिता सर्वाधिक है।

निर्णायक मोड़ पर ज्ञानवापी का सच

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न्यायालय के आदेश के बाद ज्ञानवापी का वास्तविक सत्य राष्ट्र के सामने आने की सम्भावना काफी बढ़ गई है। ब्रिटिश फोटोग्राफर द्वारा खींची एवं अमेरिकी अभिलेखागार में रखी तस्वीरें  तथा स्कंदपुराण भी ज्ञानवापी के अति प्राचीन होने के साक्ष्य प्रस्तुत कर रहे हैं। इसलिए इसका फैसला हिंदुओं के पक्ष में आने की सम्भावना प्रबल है।

यूसीसी ः राष्ट्रहित में आवश्यक

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इन दिनों समान नागरिक संहिता पर देश में खूब चर्चा चल रही है। अधिकतर लोग इसके समर्थन में तर्क दे रहे हैं और इसके लाभ गिना रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर समुदाय विशेष के कुछ लोग केवल विरोध ही नहीं कर रहे बल्कि समाज में भ्रम भी फैला रहे हैं। इन अलगाववादी तत्वों से सचेत रहते हुए भेदभाव से मुक्ति हेतु समान नागरिक संहिता के पक्ष में आज पूरा देश उठ खड़ा हुआ है।

भारत की महान जातियां पिछड़ी कैसे हो गई ?

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300 वर्ष तक भारत के बड़े भूभाग पर राज करने वाले होलकर की जाति से आने वाले धनगर और सिंधिया के कुनबे वाले आज पिछड़े हैं। वहीं उन महाराजा विक्रमादित्य हेमराज तेली के वंशज आज पिछड़े हैं जिन्होंने अखंड भारत पर राज किया..! वह मौर्य साम्राज्य आज पिछड़ा/दलित है, जिनके…

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