हम में शिथिलता आ गयी और विघटन प्रारंभ हुआ !

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विश्वविख्यात अर्थशास्त्री प्रो. अंगस मेडिसन ने अपने “The History of World Economics” में प्रमाणों के आधार पर यह लिखा हैं की सन १००० में भारत विश्व व्यापार में सिरमौर था. पूरे दुनिया में व्यापार का २९% से ज्यादा भारत का हिस्सा था (यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं की आज विश्व…

अंग्रेजों के अनुसार अखंड भारत का मानचित्र

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ज्यादा अतीत में न जायें तो भी 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेज प्रशासनिक अफसर जब कलकत्ता के अपने दफ़्तर में बैठते थे तो प्रोटोकॉल के अनुसार उनके पीछे की दीवार पर उस भारत का मानचित्र लगा होता था जिसे वो "इंडिया" कहकर पुकारते थे। दरअसल, आज का भारत सीमित…

‘अखंड भारत के रास्ते में जो आएगा वह मिट जायेगा’

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हमेशा से अखंड भारत की बात करता आ रहा है लेकिन आज सरसंघचालक मोहनजी भागवत ने इस पर एक बयान दिया जिसके बाद से राजनीति में भी हलचल शुरु हो गयी है। हरिद्वार में मोहनजी भागवत ने कहा कि 15 सालों में अखंड भारत का सपना भी पूरा हो…

14 अगस्त विशेष : भारत विभाजन की त्रासदी

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कहते हैं आगे बढ़ने के प्रयासों के दौरान पड़ने वाले आराम दायक पड़ावों को मंजिल मान लिया जाए, तो फिर प्रगति के रास्ते अवरुद्ध हो जाते हैं। यही बात भारत की खंड-खंड आजादी को संपूर्ण आजादी मान लिए जाने पर लागू होती है। दुर्भाग्य की बात तो यह है कि…

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