हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
अंग्रेजों के अनुसार अखंड भारत का मानचित्र

अंग्रेजों के अनुसार अखंड भारत का मानचित्र

by हिंदी विवेक
in विशेष, सामाजिक
1
ज्यादा अतीत में न जायें तो भी 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेज प्रशासनिक अफसर जब कलकत्ता के अपने दफ़्तर में बैठते थे तो प्रोटोकॉल के अनुसार उनके पीछे की दीवार पर उस भारत का मानचित्र लगा होता था जिसे वो “इंडिया” कहकर पुकारते थे।
दरअसल, आज का भारत सीमित भूभाग वाला देश है। लेकिन भारत कभी बहुत बड़ा भूभाग वाला देश था। यह सिर्फ कश्मीर से कन्याकुमारी और असम से गुजरात ही तक सीमित नहीं था बल्कि अखंड भारत में आने वाले वर्तमान के देश भारत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, तिब्बत, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, फिलिपिंस, थाइलैंड, वियतनाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, ईरान, तजाकिस्तान, किरगिजस्तान, कजाकास्तान आदि।
सन् 1875 तक यह भारत के ही भाग थे लेकिन 1857 की क्रांति के पश्चात ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिल गई थी। उन्हें लगा की इतने बड़े भू-भाग का दोहन एक केन्द्र से करना सम्भव नहीं है एवं फुट डालो एवं शासन करो की नीति अपनायी एवं भारत को अनेकानेक छोटे-छोटे हिस्सो में बाँट दिया केवल इतना ही नहीं यह भी सुनिश्चित किया की कालान्तर में भारतवर्ष पुनः अखण्ड न बन सके।
1857 से 1947 तक भारत के कई टुकड़े हुए और बन गए सात नए देश। 1947 में बना पाकिस्तान भारतवर्ष का पिछले 2500 सालों में एक तरह से 24वां विभाजन था।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उस नक़्शे के अनुसार 1857 की क्रांति के समय भारत का क्षेत्रफल था लगभग 83 लाख वर्ग किलोमीटर जो आज घटकर मात्र लगभग 33 लाख वर्ग-किलोमीटर रह गया है।
यानि 1857 के बाद हमने अपनी भारतभूमि का लगभग पचास लाख वर्ग किलोमीटर भूभाग गँवा दिया। मगर न तो हमें वेदना है न ही कोई शर्म।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: 1857akhand bharatbritish indiahindi vivekhindostanhistory

हिंदी विवेक

Next Post
प्रज्ञा प्रवाह बैठक में हिन्दू राष्ट्र पर हुई चर्चा

प्रज्ञा प्रवाह बैठक में हिन्दू राष्ट्र पर हुई चर्चा

Comments 1

  1. JEEVAN SINGH KISHNAWAT says:
    2 years ago

    please send mr this image in hd for print

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0