राष्ट्रीय एकता में आदि शंकराचार्य का योगदान

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भारत की विविधता पश्चिमी जगत के लिए तो सदैव से आकर्षण, आश्चर्य एवं शोध की विषयवस्तु रही ही है, अनेक भारतीय विद्वान भी इसे लेकर मतिभ्रम एवं सतही-सरलीकृत निष्कर्ष के शिकार रहे हैं। यह कहना अनुचित नहीं होगा कि स्थूल, भेदकारी एवं कोरी राजनीतिक बुद्धि एवं दृष्टि से संपूर्ण भारतवर्ष…

हम में शिथिलता आ गयी और विघटन प्रारंभ हुआ !

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विश्वविख्यात अर्थशास्त्री प्रो. अंगस मेडिसन ने अपने “The History of World Economics” में प्रमाणों के आधार पर यह लिखा हैं की सन १००० में भारत विश्व व्यापार में सिरमौर था. पूरे दुनिया में व्यापार का २९% से ज्यादा भारत का हिस्सा था (यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं की आज विश्व…

पूराण कथा : अष्टावक्र और बंदी शास्त्रार्थ

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अष्टावक्र अद्वैत वेदान्त के महत्वपूर्ण ग्रन्थ अष्टावक्र गीता के ऋषि हैं। अष्टावक्र गीता अद्वैत वेदान्त का महत्वपूर्ण ग्रन्थ है। 'अष्टावक्र' का अर्थ 'आठ जगह से टेढ़ा' होता है। कहते हैं कि अष्टावक्र का शरीर आठ स्थानों से टेढ़ा था। उद्दालक ऋषि के पुत्र का नाम श्‍वेतकेतु था। उद्दालक ऋषि के…

संस्कृत के प्राचीन एवं मध्यकालीन शब्दकोश

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हिन्दू धर्म में व्याकरण और शब्दकोश की सुदीर्घ परम्परा रही है।  निघंटु : आर्यभाषा का प्रथम शब्दकोश संस्कृत के पुरातनतम उपलब्ध शब्दकोश वैदिक 'निघंटु' है। उसका रचनाकाल कम से कम ७०० या ८०० ई० पू० है। वैदिक शब्दों (केवल विरल या क्लिष्ट शब्द) के संग्रह को 'निघंटु' कहते थे। 'यास्क'…

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