अंदर की ख़ुशी का अहसास कीजिए!

Continue Readingअंदर की ख़ुशी का अहसास कीजिए!

खुश हो जाइए, क्योंकि आज (20 मार्च) 'अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस' है। आप अभाव में हों, तनाव में हों, अवसाद ने आपको घेर रखा हों फिर भी आप दिनभर हंसिए और खुशियां मनाइए! इस साल की थीम 'बिल्ड बैक हैप्पीयर' है, जो महामारी से वैश्विक स्वास्थ्य लाभ पर केंद्रित है। लेकिन,…

भारी बारिश ने मचाया कहर, लोग पलायन करने को मजबूर

Continue Readingभारी बारिश ने मचाया कहर, लोग पलायन करने को मजबूर

देश में बारिश का कहर जारी है पिछले करीब 3 दिनों से लगातार बारिश हो रही है हालांकि इस बारिश से मुंबई और दिल्ली का हाल थोड़ा खराब है। दिल्ली में जहां जल जमाव से सड़कें रुक गयी है तो वहीं मुंबई में भी भारी बारिश की वजह से लोग अपने…

नौकरशाही में उलझे प्रदूषण के नियम

Continue Readingनौकरशाही में उलझे प्रदूषण के नियम

केंद्र सरकार ने २०१५ के कड़े प्रदूषण नियमों को बदल कर उनमें ढील दे दी है. यह तो प्रदूषण पर आगे बढ़ने के बजाय पीछे लौटना हुआ. अतः २०१७ में संशोधित नियमावली को कचरे के डिब्बे में डाल कर २०१५ के मानकों को ही आदर्श के रूप में स्थापित कर उनका कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए.

आओ! जीवन का विश्वास जगाएं

Continue Readingआओ! जीवन का विश्वास जगाएं

अमेरिका के लास वेगास में जो नरसंहार हुआ वह सिहरन पैदा करता है। इक्कीसवीं सदी के दूसरे दशक का उत्तरार्द्ध हमें सचेत कर रहा है कि अब भी समय है कि हम इस भस्मासुरी प्रवृत्ति से बचें और सनातन जीवन मूल्यों को आत्मसात करते हुए विज्ञान और टेक्नालाजी से प्राप्त सुविधाओं और संपन्नता का सम्यक तथा संतुलित उपयोग और उपभोग करें। पिछले दिनों एक दिल दहला देने वाला समाचार दुनिया के सब से समृद्ध और सभ्य कहे जाने वाले देश अमेरिका से आया। वहां के एक शहर लास वेगास में एक संगीत समारोह चल रहा था। १४०००० लोग उस समारोह का आनंद

End of content

No more pages to load