पूजा में प्रयोग होने वाले कुछ शब्द और उनके अर्थ

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पंचोपचार – गन्ध , पुष्प , धूप , दीप तथा नैवैद्य द्वारा पूजन करने को ‘पंचोपचार’ कहते हैं | पंचामृत – दूध , दही , घृत , मधु { शहद ] तथा शक्कर इनके मिश्रण को ‘पंचामृत’ कहते हैं | पंचगव्य – गाय के दूध , घृत , मूत्र तथा…

इतिहास की हत्या कितनी बेरहमी से हुई

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100साल बनने में लगे तोड़ने में लगभग 300साल लग गये विदिशा के विजय मंदिर को जो 300फ़िट ऊँचा था। मुग़ल इतिहासकार अलबरूनी ने लिखा है कि यह मंदिर 100 गज ऊँचा था और मीलों दूर से इसका शिखर दिखाई देता था। तीन सौ साल के ध्वंस के बाद भी जब…

भारतीय संस्कृति के कण कण में बसे है राम

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राम शब्द में दो अर्थ व्यंजित हैं। सुखद होना और ठहर जाना। अपने मार्ग से भटका हुआ कोई क्लांत पथिक किसी सुरम्य स्थान को देखकर ठहर जाता है। हमने सुखद ठहराव का अर्थ देने वाले जितने भी शब्द गढ़े, सभी में राम अंतर्निहित है, यथा आराम, विराम, विश्राम, अभिराम, उपराम,…

ज्ञानवापी में है शिवस्वरूप, ज्ञानस्वरूप जल

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यह ज्ञानवापी बड़ी दिव्य है इसके लिए स्कन्दपुराण के काशीखण्ड में स्वयं भगवान् विश्वनाथ कहते हैं कि, "मनुष्यों! जो सनातन शिवज्ञान है, वेदों का ज्ञान है, वही इस कुण्ड में जल बनकर प्रकट हुआ है।" सन्ध्या में व कलशस्थापना में जो "आपो हि ष्ठा" आदि तीन मन्त्र प्रयुक्त होते हैं,…

हिमालय की तरह अचल भारत- नेपाल मैत्री 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर नेपाल की यात्रा की, यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब विश्व  का बहुत बड़ा हिस्सा युद्ध और हिंसा के वातावरण के दौर से गुजर रहा है। विश्व के कई देश कोविड महामारी के बाद आंतरिक अशांति से गुजर रहे…

ऐतिहासिक ज्ञानवापी क्या कह रही है?

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यह भारत में कानून के राज और प्रतिष्ठा का एक और उदाहरण है कि एक स्वयंसिद्ध मामला सर्वे, जांच, साक्ष्य और पक्ष-विपक्ष के तर्क-वितर्कों से होकर किसी निष्कर्ष की ओर जाता हुआ हम देख रहे हैं। एक ऐसा मामला, जो दिन की रोशनी की तरह साफ है। ज्ञानवापी के सफेद…

बिना नींव के कैसे बना गगनचुम्बी भव्य मंदिर ?

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क्या यह आधुनिक तकनीकों वाला युग नींव खोदे बिना एक गगनचुंबी इमारत के निर्माण की कल्पना कर सकता है ? यह तमिलनाडु का बृहदेश्वर मंदिर है, यह बिना नींव का मंदिर है । इसे इंटरलॉकिंग विधि का उपयोग करके बनाया गया है इसके निर्माण में पत्थरों के बीच कोई सीमेंट,…

आदि पत्रकार – देवर्षि नारद

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सृष्टिकर्ता प्रजापति ब्रहमा के मानस पुत्र नारद - महान तपस्वी, तेजस्वी, सम्पूर्ण वेदान्त एवं शस्त्र  के ज्ञाता तथा समस्त विद्याओं में पारंगत हैं, वे  ब्रहमतेज से संपन्न हैं। नारद जी के महान कृतित्व व व्यक्तित्व पर जितनी भी उपमाएं लिखी जायें कम हैं। देवर्षि नारद ने अपने धर्मबल से परमात्मा…

हिमालय में कम से कम होना चाहिए इंसानी दखल 

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केदारनाथ की यह तस्वीर 1882 में भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग ने खींची थी। यह वो समय था जब हमारे पुरखे मानते थे कि ऊंचे हिमालयी इलाकों में इंसानी दखल कम से कम होना चाहिए। वे ऐसा मानते ही नहीं थे, अपने बरताव में इसका ख्याल भी रखते थे। जैसे बुग्यालों में…

360 डिग्री पर घूमने वाला शिवलिंग

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दुनिया का एकमात्र अनोखा और चमत्कारी शिवलिंग जो चारों दिशाओं में घूमता है। आपने आज तक एक से बढ़कर अनोखे शिवलिंग देखे होंगे, लेकिन क्या कभी ऐसा शिवलिंग देखा है जो चारों दिशाओं में घूमता हो। इस दुनिया में एकमात्र ऐसा चमत्कारी शिवलिंग भी है जो चारों दिशाओं में घूमता…

चौंसठ योगिनी मंदिर का विज्ञान

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चौसठ योगिनी मंदिर या चौंसठ योगिनियां प्रायः आदिशक्ति मां काली का अवतार या अंश होती है। घोर नामक दैत्य के साथ युद्ध करते हुए माता ने उक्त चौंसठ चौंसठ अवतार लिए थे । यह भी माना जाता है कि ये सभी माता पर्वती की सखियां हैं। इन चौंसठ देवियों में…

मनहूस दिन नहीं है अमावस

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Phases of the Moon: waxing crescent, first quarter, waxing gibbous, full moon, waning gibbous, third guarter, waning crescent, new moon. On a starry sky. The elements of this image furnished by NASA.
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धर्म को तोड़ मरोड़ कर पेश किये जाने की हम हमेशा बात करते हैं | अब जैसे एक वाक्य की कल्पना कीजिये “अमावस्या की काली रात थी !” इसकी कल्पना मात्र से ही किसी खतरे की घंटी दिमाग में बजने लगती है | अचानक मनहूस कुत्तों के रोने जैसी आवाज…

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