तबला वादन को नई उंचाई देने वाले किशन महाराज

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विद्यार्थी जीवन से ही मेरा संकटमोचन मंदिर जाने का क्रम रहा है। आज भी गांव जाने पर कोशिश रहती है कि हर शनिवार को अपने दर्शन कर सकूं। 1995 से लेकर 1999 तक मैं साइकिल से जाता रहा था।  इसी दौरान पिपलानी कटरा में साइकिल की बड़ी दुकान के सामने…

पंच महायोग का दुर्लभ अवसर 100 साल बाद

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अक्षय तृतीया पर्व को अखतीज और वैशाख तीज भी कहा जाता है। इस वर्ष यह पर्व 3 मई 2022  के दिन मनाया जाएगा। मूलतः इस पर्व को भारतवर्ष के खास त्यौहारों की श्रेणी में रखा जाता है। अक्षय तृतीया पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन…

जयंती विशेष : राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज

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23 जुलाई, 1955 को जापान के विश्व धर्म सम्मेलन में एक संन्यासी जब बोलने खड़े हुए, तो भाषा न समझते हुए भी उनके चेहरे के भाव और कीर्तन के मधुर स्वर ने वह समां बांधा कि श्रोता मन्त्रमुग्ध हो उठे। लोगों को भावरस में डुबोने वाले वे महानुभाव थे राष्ट्रसंत…

निर्गुण और सगुण में भेद होने के बावजूद ईश्वर एक है

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सुमेर की आशाओं पर पानी फिर गया। वह सोचकर आया था कि भगवान के साथ सेल्फी लेगा। परंतु मंदिर में मोबाइल फोन लेकर जाना मना था। उसने मंदिर कार्यालय में जाकर कोशिश की लेकिन अनुमति नहीं मिली। वह दर्शन करने के बाद अपना सा मुंह लेकर लौट रहा था कि…

वसई में भव्य रामनवमी शोभा यात्रा का आयोजन

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भये प्रगट कृपाला दीन दयाला कौसल्या हितकारी। हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी।। लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी। भूषन वनमाला नयन बिसाला  सोभासिंधु खरारी।।  कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौ अनंता। माया गुन ग्यानातीत अमाना वेद पुरान भनंता।।  करुना सुख सागर सब गुन…

मतांतरण देश की हिन्दू संस्कृतिक अस्मिता के विरुद्ध

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भारत में प्रायः सुप्त पड़ी हिन्दू अस्मिता के पुनः जागरण ने जहाँ एक और अयोध्या में प्रभु राम जन्मभूमि मंदिर के भव्य निर्माण को साकार रूप दिया है तो वही भारत की प्राचीन नगरी काशी को भी दिव्यता दी है, वही मथुरा भी भविष्य में अपने उसी वैभव को प्राप्त…

अद्भुत सहरसा जिले में कभी होती थी नील की खेती

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पर्यटन के नजरिये से जब कभी बिहार घूमने की बात होती है, तो कुछेक नाम ही जुबां पर आते हैं, जैसे गया, राजगीर, दरभंगा आदि। लेकिन, इससे इतर जाएं, तो यहां कई ऐसी जगहें भी हैं, जो ऐतिहासिक महत्व की हैं और उन्हीं में से एक सहरसा जिला भी है।…

निर्लिप्त कर्मयोग : त्याग की महानता

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  एक बार महर्षि नारद ज्ञान का प्रचार करते हुए किसी सघन बन में जा पहुँचे। वहाँ उन्होंने एक बहुत बड़ा घनी छाया वाला सेमर का वृक्ष देखा और उसकी छाया में विश्राम करने के लिए ठहर गये। नारदजी को उसकी शीतल छाया में आराम करके बड़ा आनन्द हुआ, वे…

भारतबोध जागृत हो रहा है

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पिछले कुछ महीनों से भारतीय समाज में एक परिवर्तन दिखाई दे रहा है। इसे कुछ लोग सामाजिक ध्रुविकरण कह रहे हैं, कुछ लोग बंटवारे की राजनीति कह रहे हैं, कुछ लोग गंगा-जमुनी संस्कृति पर प्रहार मान रहे हैं। कर्नाटक में हिजाब प्रकरण के बाद हिंदू युवाओं द्वारा भगवा गमछे ओढ़ना,…

अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक पर छिड़ी बहस

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  जब से कश्मीर फाइल्स फिल्म रिलीज हुई है तब से बहुत सारे प्रश्न सामाजिक विमर्श में उभर आए हैं तथा आम जनमानस उन प्रश्नों के उत्तर की तलाश कर रहा है । एक प्रश्न यह भी है कि अल्पसंख्यकों को विशेष अधिकार क्यों , भारत में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक…

ज्ञान से परिपूर्ण हो जाता है भगवान का शरणागत

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निर्मानमोहा जितसङ्गदोषा अध्यात्मनित्या विनिवृत्तकामाः। द्वन्द्वैर्विमुक्ताः सुखदुःखसंज्ञै-र्गच्छन्त्यमूढाः पदमव्ययं तत् ।। भावार्थ : जो झूठी प्रतिष्ठा, मोह तथा कुसंगति से मुक्त हैं, जो शाश्र्वत तत्त्व को समझते हैं, जिन्होंने भौतिक काम को नष्ट कर दिया है, जो सुख तथा दुख के द्वन्द्व से मुक्त हैं और जो मोहरहित होकर परम पुरुष के…

भारत में बसंतोत्सव – तन रंग लो जी मन रंग लो

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आज बिरज में होरी रे रसिया, आज बिरज में होरी रे रसिया कौन के हाथ कनक पिचकारी, कौन के हाथ कमोरी रे रसिया। कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी, राधा के हाथ कमोरी रे रसिया। होली के दिनों में यह गीत होली का एक प्रतीक गीत बन जाता है। होलिका दहन…

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