केवल राजभाषा नहीं काजभाषा बने

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देश की स्वतंत्रता के बाद हिंदी को राजभाषा का तो दर्जा दे दिया गया परन्तु राजभाषा के नाते उसे जो गौरव सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं दिया गया। भाषा राष्ट्र की पहचान और सम्मान होती है। यदि उसे हमारे ही देशवासी उचित सम्मान नहीं देंगे तो भला दुनिया में कौन देगा? बावजूद इसके आज दुनियाभर में हिंदी का डंका बज रहा है और वह दुनिया में अंग्रेजी को पछाड़कर सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बन गई है।

जानें हिन्दी दिवस का इतिहास

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देश में सबसे अधिक हिन्दी बोलने वालों की संख्या है और उत्तर भारत के अधिकतर राज्य की यह प्रमुख भाषा है हालांकि इस भाषा का इस्तेमाल देश के उन राज्यों में भी होता है जहाँ हिन्दी भाषी नहीं है या फिर कम हैं। हिन्दी भाषा को देश के अलग अलग…

राष्ट्रनिर्माण का उत्तरदायित्व

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स्वतंत्रता का 75 वां वर्ष किसी देश के लिए महोत्सव का अवसर होने के साथ आत्मनिरीक्षण का भी समय होता है। यह इसलिए आवश्यक है, क्योंकि दासता से मुक्ति संघर्ष हमें सही दिशा में काम करने के लिए अभिप्रेरित करेगा। भारत राष्ट्र के संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह ध्यान…

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